
मदुरै। तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने मदुरै में एक प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्रों से ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने को कहा। इसे लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है। शनिवार को हुए कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर राज्यपाल रवि आए। उन्होंने अपने भाषण के अंत में छात्रों से उनके साथ ये नारा दोहराने को कहा। कांग्रेस विधायक जेएमएच हसन मौलाना ने इसे अत्यंत निंदनीय बताया है। उन्होंने कहा कि रवि आरएसएस और बीजेपी की भाषा बोल रहे हैं, जो उनके संवैधानिक पद के लिए उचित नहीं है। वेलाचेरी से विधायक हसन ने कहा, ‘राज्यपाल देश के सबसे ऊंचे पदों में से एक पर हैं। लेकिन, वह किसी धार्मिक नेता की तरह बोल रहे हैं। आरएसएस और बीजेपी के प्रचारक बन गए हैं। यह तरीका किसी राज्यपाल का नहीं हो सकता।’
हसन मौलाना ने कहा, ‘तमिलनाडु के राज्यपाल जो कर रहे हैं, वो बेहद निंदनीय है। वह तमिलनाडु में आरएसएस का चेहरा बनकर उनकी विचारधारा फैला रहे हैं। उनका पद संवैधानिक है, इसलिए उन्हें निष्पक्ष रहना चाहिए।’ कांग्रेस नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही रवि की आलोचना कर चुका है। कोर्ट ने उनके खिलाफ ऐतिहासिक फैसला सुनाया था, जिसमें कहा गया कि उन्होंने राज्य विधानसभा से पारित 10 बिलों पर कार्रवाई न करके असंवैधानिक, गैरकानूनी और गलत तरीके से काम किया।
राज्यपाल ने डीएमके नेता पर भी साधा निशाना
वहीं, राज्यपाल ने शनिवार को मदुरै के कॉलेज में अपने भाषण के दौरान कई मुद्दे उठाए। उन्होंने राज्य की सत्तारूढ़ डीएमके सरकार के एक सीनियर नेता की ओर से अश्लील और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने की कड़ी निंदा की। उन्होंने इसे अस्वीकार्य और शर्मनाक बताया। रवि ने कहा, ‘हाल ही में हमने देखा कि सत्तारूढ़ सरकार में ऊंचे पद पर बैठे एक व्यक्ति ने महिलाओं के खिलाफ बेहद अश्लील, मजाक उड़ाने वाली और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया। ऐसा व्यवहार न सिर्फ एक सार्वजनिक व्यक्ति के लिए गलत है, बल्कि पूरी तरह अस्वीकार्य और शर्मनाक है।’ डीएमके ने बीते दिनों राज्य के वन मंत्री के पोनमुडी को महिलाओं और हिंदू धर्म के खिलाफ अपमानजनक व अश्लील टिप्पणियों के लिए उपमहासचिव के पद से हटा दिया था। पोनमुडी ने हिंदू धर्म के दो अलग-अलग संप्रदायों शैववाद और वैष्णववाद पर मजाक किया था।
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