बिहार विधानसभा में आरजेडी फिर सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के चार विधायकों के शामिल होने के बाद आरजेडी के कुल एमएलए की संख्या 80 हो गई है। तेजस्वी यादव की मौजूदगी में AIMIM के चार विधायकों ने बुधवार को आरजेडी की सदस्यता ली। वहीं, बीजेपी फिर से दूसरे नंबर पर पहुंच गई है। बीजेपी के अभी विधानसभा में 77 विधायक हैं।
बिहार में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी को बड़ा झटका लगा है। उनकी पार्टी के पांच में से चार विधायक आरजेडी में शामिल हो गए हैं। एआईएमआईएम प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान को छोड़कर बाकी चार MLA ने पार्टी छोड़ दी। सभी विधायक बुधवार को आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के साथ विधानसभा स्पीकर से मिलने पहुंचे।
आरजेडी ने बिहार में ओवैसी की पार्टी में बड़ी तोड़फोड़ कर दी है। तेजस्वी यादव बुधवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बारे में पूरी जानकारी देंगे। बता दें कि बीते विधानसभा चुनाव में ओवैसी की AIMIM से 5 विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। इनमें से चार विधायकों ने अब पार्टी का दामन छोड़ दिया है। इनमें शाहनवाज, मोहम्मद अनजर नईमी, मोहम्मद इजहार असफी और सैयद रुकनुद्दीन का नाम शामिल है।
2020 में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद 75 विधायकों के साथ आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। उपचुनाव में एक सीट पर जीत मिलने के बाद आरजेडी के विधायकों की संख्या 76 हो गई। इसी साल मार्च महीने में बीजेपी ने मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को तोड़कर उसके तीनों विधायकों को अपने खेमे में शामिल कर दिया था। इसके बाद आरजेडी को पीछे छोड़कर बीजेपी 77 विधायकों के साथ बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बन गई।
पिछले कुछ दिनों से तेजस्वी यादव आरजेडी को फिर से नंबर वन पार्टी बनाने की कवायद में जुटे थे। इसके लिए वे एआईएमआईएम के नेताओं के संपर्क में थे। तेजस्वी एआईएमआईएम का अपनी पार्टी में विलय करवाना चाहते थे। हालांकि, बिहार में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के पांच में से चार विधायक तो मान गए, लेकिन एक विधायक अख्तरुल ईमान जो AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं; आरजेडी में जाने के लिए राजी नहीं हुए।
जो विधायक AIMIM छोड़कर आरजेडी में शामिल हुए हैं, उनके नाम शाहनवाज, मोहम्मद अनजर नईमी, मोहम्मद इजहार असफी और सैयद रुकनुद्दीन हैं। इनके आने के बाद आरजेडी के कुल विधायकों की संख्या 80 हो गई है।