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 बोहरा बाजार और छोटा सराफा के दुकानदारों में हड़कम्प,प्रशासन ने थमाया नोटिस

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इंदौर। सरकार अपनी जमीनों को लेकर अब पूरे प्रदेश में जांच-पड़ताल के साथ सर्वे करवा रही है। इसके तहत जिले में कई ऐसी जमीनें मिली हैं जिन पर कई दशक से निजी कब्जा है और रिकार्ड में जमीन सरकारी है। सराफा क्षेत्र में इसी तरह से बोहरा बाजार और छोटा सराफा की करीब 70 दुकानें अब टूटेंगी। यहां 100 साल पुराने स्कूल से लगी इन दुकानों के मालिकों को प्रशासन ने नोटिस थमाए हैं जिससे हड़कम्प मच गया है। स्कूल काफी जर्जर है और कई साल पहले बंद हो चुका है। जमीन पीडब्ल्यूडी की बताई गई है और क्षेत्रफल लगभग 50 हजार स्क्वेयर फीट है।

जिला प्रशासन ने पिछले दिनों जमीनों का सर्वे शुरू किया था और अलग-अलग क्षेत्रों में नपती के बाद तहसील में जब रिकार्ड खंगाले गए तो कई जमीनें ऐसी मिली जिन पर वर्षों से निजी लोगों या संस्थाओं के कब्जे हैं और जमीन सरकारी है। सरकार के निर्देश पर अब इन जमीनों का सर्वे किया जा रहा है। बताया गया है कि पिछले दिनों छोटा सराफा और बोहरा बाजार के दुकानदारों को नोटिस थमाए गए जिमसें कहा गया कि जिस जमीन पर दुकानें बनी हैं, वह सरकारी है और शिक्षा विभाग को स्कूल संचालन के लिए दी गई थी। जहां स्कूल तो कुछ वर्ष पहले बंद हो चुका है जबकि दुकानें अभी भी संचालित हैं। दो मंजिला स्कूल में नीचे दुकानें बनी हैं और ऊपर स्कूल लगता था। दुकानदारों का कहना है कि हम 100 साल से यहां व्यापार कर रहे हैं। कई पीढ़ियां बीत गई जबकि प्रशासन हमें नोटिस थमा रहा है। बोहरा बाजार में लगभग 35 दुकानें हैं और इतनी ही दुकानें छोटा सराफा की हैं

कई दुकानदारों ने बेच दी दुकानें

दुकानें की लम्बाई 8 से 10 फीट है जबकि चौड़ाई 5 से 7 है। अधिकांश दुकानें गुमटीनुमा हैं और प्रशासन के नोटिस के बाद कोई दुकानदार दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट जाने की तैयारी में भी बताए गए हैं। इधर इस बेशकीमती जमीन को लेकर प्रशासनिक स्तर पर नई योजना भी बन रही है। संभवत: यहां कोई नया व्यावसायिक काम्प्लेक्स बनाया जाएगा क्योंकि आस-पास पूरा व्यावसायिक क्षेत्र है। कपड़ा बाजार, मरोठिया, बड़ा सराफा के अलावा अन्य बाजार यहां लगते हैं। पीडब्ल्यूडी से मिली जानकारी के अनुसार कई दुकानदारों ने दुकानें बेच दी हैं और एक तरह से कब्जा है। बेदखली को लेकर पूर्व में भी नोटिस दिए गए थे। अब प्रशासन दुकानदारों को हटाएगा। र्जर 100 साल पुराना स्कूल भी हटेगा

एक धार्मिक स्थल भी हट सकता है

यहां एक धार्मिक स्थल भी है। इसके आसपास भी कुछ दुकानें बनी हैं। सामने सराफा थाना की नई बिल्डिंग बन रही है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि धार्मिक स्थल को भी हटाया जा सकता है। चूंकि क्षेत्र पूरा व्यावसायिक है और सुबह से रात तक काफी भीड़ यहां रहती है। नगर निगम ने स्मार्ट सिटी योजना के तहत सराफा की सड़क को करोड़ों की लागत से चौड़ा किया था मगर वाहन चालकों और राहगीरों को इसका कोई लाभ नहीं मिला। अब जर्जर स्कूल टूटने के बाद यहां नई योजना के तहत निर्माण होगा और व्यापारियों को कुछ राहत मिल सकती है।

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