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मांडू का सौंदर्य:बारिश ने निखारा रानी रूपमति का महल, वीकेंड पर 50 हजार टूरिस्ट पहुंचे

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मांडू

मध्य प्रदेश में भी एक ‘ताजमहल’ है.. हैरत में पड़ गए ना। दरअसल, इमारत की बनावट और कारीगरी संगमरमर की तो नहीं, लेकिन इसे बनाने की वजह वही है- प्रेम। शाहजहां ने मुमताज की याद में ताजमहल बनवाया तो मांडू का रूपमती महल राजा बाजबहादुर और रानी रूपमती के अमर प्रेम का साक्षी है। बारिश ने इसकी रंगत और निखार दी है। वादियों से टकराते बादल इसे खूबसूरत बना रहे हैं। इसका लुत्फ उठाने के लिए इस वीकेंड पर 50+ हजार से ज्यादा सैलानी पहुंचे हैं।

कहते हैं कि यहां की रानी रूपमती रोज नर्मदा के दर्शन के बाद ही अन्न ग्रहण करतीं थी। किले से नर्मदा की दूरी ज्यादा थी। रानी की खातिर राजा ने 3500 फीट ऊंची पहाड़ी पर महल बनवाया। यहां झरोखे से रानी रूपमती नर्मदा के दर्शन करने के बाद अन्न ग्रहण करती थीं। रानी की रक्षा के लिए राजा ने पहले अपना महल बनवाया था, इसके बाद रूपमती महल। कहा जाता है कि रानी को राजा इतना प्यार करते थे कि उनके बिना कुछ कहे ही वे उनके दिल की हर बात समझ जाते थे। किले पर मंडप से वे दर्शन करती थीं। इतनी दूरी होने से नर्मदा एक पतली धार जैसी नजर आती है। अब यहां पर स्पेशल कैमरे के जरिए टूरिस्ट को नर्मदा दिखाने की व्यवस्था की हुई है।

हसीन वादियों से घिरा है महल
सिटी ऑफ जॉय के नाम से मशहूर 12 दरवाजों से महलों तक हरियाली से पटा बाज बहादुर और रानी रूपमती के प्रेम का साक्षी अभेद्य गढ़ों का नगर मांडू मध्य प्रदेश के धार जिले में है। रूपमती महल से मांडू के चारों ओर की हसीन वादियां नजर आती हैं। विंध्याचल पर्वत शृंखला में बसे मांडू को पहले शादियाबाद के नाम से भी जाना जाता था, जिसका अर्थ है खुशियों का नगर। अंग्रेज इसे सिटी ऑफ जाय पुकारते थे। बारिश में पानी भरे बादल ऊंचे महलों पर मौजूद पर्यटकों को भिगो कर निकल जाते हैं। यह अनुभव रोमांचकारी होता है।

1957 में रानी रूपमती और राजा बाजबहादुर के प्रेम पर 'रानी रूपमती' नाम से फिल्म भी बन चुकी है। इसमें निरुपा राय और भारत भूषण ने अभिनय किया था।

1957 में रानी रूपमती और राजा बाजबहादुर के प्रेम पर ‘रानी रूपमती’ नाम से फिल्म भी बन चुकी है। इसमें निरुपा राय और भारत भूषण ने अभिनय किया था।

ऐसे पहुंचा जा सकता है
मांडू में राजा बाज बहादुर और रानी रूपमती के महल के अलावा भी कई धरोहरें देखने लायक हैं। यहां पर्यटन का मूड बना रहे हैं तो कम से कम दो दिन और एक रात का प्लान बनाना चाहिए। धार से मांडू की दूरी 35 किलोमीटर है।

  • सड़क मार्ग: मांडू से राष्‍ट्रीय राजमार्ग और राज्‍य राजमार्ग दोनों ही जुड़े हुए हैं। मांडू, धार और इंदौर से अच्‍छी तरह कनेक्‍ट है। मांडू से इंदौर और धार के लिए बसें चलती हैं। कार को भी इंदौर और धार से किराए पर ले जाया जा सकता है।
  • हवाई मार्ग: मांडू एक छोटा सा शहर है, लेकिन फिर भी यहां तक हवाई मार्ग के जरिए इंदौर के रास्‍ते से आसानी से पहुंचा जा सकता है। मांडू का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट इंदौर शहर में है। मांडू से 100 किमी की दूरी पर स्थित है। इस एयरपोर्ट से भारत के प्रमुख शहरों के लिए नियमित उड़ानें भरी जाती हैं, जिनमें दिल्‍ली, मुम्‍बई, ग्‍वालियर और भोपाल शामिल है।
  • रेल मार्ग: मांडू में रेलवे स्‍टेशन नहीं है। मांडू का नजदीकी रेलवे स्‍टेशन इंदौर है, जो 100 किमी दूरी पर स्थित है। रतलाम स्टेशन सड़क मार्ग से 125 किमी दूरी पर है। बस, टैक्‍सी द्वारा इंदौर तथा रतलाम से मांडू तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।
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