एमओजी लाइन और हुकुमचंद मिल के हजारों हरे भरे पेड़ विकास के नाम पर काटने के विरोध में जनता ने राजबाड़ा पर मानव श्रंखला बनाई। जनहित पार्टी द्वारा पिछले 15 दिनों से यह आंदोलन चलाया जा रहा है। आंदोलन में जन जागरण और हस्ताक्षर अभियान को जनता का लगातार समर्थन मिल रहा है। इसी क्रम में 5 जून बुधवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पेड़ काटने का विरोध दर्ज करने शाम 6 से 8 राजबाड़े पर जनहित पार्टी के आह्वान पर शहर भर के पर्यावरण प्रेमी पहुंचे।
कई संस्थाएं और अलग अलग क्षेत्रों से आए जागरूक नागरिकों ने मानव श्रृंखला बनाई। इसमें पेड़ों के महत्व के नारे लगाए गए। इसके साथ पर्यावरण हितैषी बैनर एवं तख्ती लेकर नागरिक खड़े रहे। पेड़ों को बचाने के कई नारे लगाए जैसे- पेड़ों की जब करोगे रक्षा तभी बनेगा जीवन अच्छा, पेड़ लगाओ पेड़ बचाओ धरती को सुंदर बनाओ, सांसे हो रही हैं कम, आओ पेड़ बचाएं हम, पेड़ों को मत काटो आप धरती नहीं करेगी माफ, सबने मिलकर ठाना है पेड़ों को बचाना है। इस विषय के पत्रक भी जनता में वितरित किए गए और जनता को जागरूक किया गया।
आईआईटी के अनुसार पांच साल में डेढ़ लाख पेड़ कटे
जनहित पार्टी के अभय जैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि एक घना वृक्ष एक साल में 74500 ₹ की ऑक्सीजन देता है। अभी आईआईटी इंदौर की एक स्टडी के अनुसार इंदौर में पांच साल में करीब डेढ़ लाख वृक्ष विकास के नाम पर काटे गए। शहर में हरियाली का कवर 30% से अधिक होना चाहिए जो वर्तमान में 9% तक रह गया है। हम सबकी मांग है कि एमओजी लाइन और कपड़ा मिलों सहित सभी शहर के ऐसे स्थान संरक्षित वन के रूप में घोषित हों जहां किसी भी प्रकार का कंस्ट्रक्शन ना हो। सरकार से यह भी मांग है कि अपनी जमीन निजी कंपनियों को बेचने को लेकर विचार करें और विकास करते समय पर्यावरण का भी ध्यान रखा जाए।