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कॉरपोरेट घरानों के भाड़े के कारिंदों का खूंखार चेहरा

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महेश सिंह 

मोदी-शाह की हिन्दुत्ववादी फासीवादी सरकार ने कुछ माह पहले ही गाजे-बाजे के साथ तुरही बजाया था कि 31 मार्च, 2026 तक माओवादियों को देश से समाप्त कर दिया जायेगा. इस नरभेड़ियाओं ने माओवादियों के नाम पर सैकड़ों आदिवासियों को हज़ारों खूंखार पुलिस द्वारा घेरकर नृशंस तरीक़े से हत्या करने के बाद अब उसे समझ में आ गया कि माओवादियों को ख़त्म करने का उसका दावा हवाई था. यही कारण है कि अब वह जालसाज़ी और झूठे अफ़वाह फैलाने में जुट गया है.

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी), दक्षिण सब जोनल ब्यूरो की ओर प्रेस वक्तव्य, दिनांक : 22 जनवरी 2025 को जारी किया गया है. ऐसा पहली बार हुआ है कि एक ही घटना पर माओवादियों की ओर से दो प्रेस नोट जारी हुआ है. यहां प्रस्तुत प्रेस नोट दूसरी प्रेस नोट है. माओवादियों द्वारा जारी यह दूसरा नोट बताता है कि माओवादियों के नाम से जारी पहला नोट मोदी-शाह की अफवाहबाज खूंखार पुलिस ने जारी किया है, जिसमें वह माओवादियों के वरिष्ठ नेता दामोदर समेत 18 माओवादी गुरिल्ला के मारे जाने की बात किया है, जबकि वे पूरी तरह से सुरक्षित हैं.

माओवादियों की ओर से जारी प्रेस नोटः पृष्ठ- 1
माओवादियों की ओर से जारी प्रेस नोटः पृष्ठ- 1

वहीं, जारी यह प्रेस नोट बताता है कि बटालियन के गुरिल्ला के साथ क़रीब 8 हज़ार भाड़े के पुलिसियों ने मुठभेड़ किया है, जिसमें 6 पुलिसिया मारा गया और 8 पुलिसिया घायल हुआ है. इसके साथ ही हज़ारों ग्रामीण पुलिसियों के खिलाफ उठ खड़े हो गए, जिसमें भाड़े के ये खूंखार पुलिसिया ने चार ग्रामीणों की हत्या कर दिया और अनेकों ग्रामीणों को घायल कर दिया. घायल ग्रामीणों के इलाज करने गये माओवादियों के 8 डॉक्टरों को पुलिसिया ने मार डाला और सैंकड़ों ग्रामीणों का अपहरण कर लिया.

माओवादियों की ओर से जारी प्रेस नोटः पृष्ठ- 2
माओवादियों की ओर से जारी प्रेस नोटः पृष्ठ- 2

माओवादियों के दक्षिण सब जोनल ब्यूरो के प्रवक्ता समता की ओर से जारी प्रेस नोट को को देखिये-  2025, जनवरी 16-17 तारीखों में 8000 पुलिस बल को जमा करके बीजापुर जिला का सिंगवरम, तुमडेपल्‍ली, मल्लेमपेंटा, पूजारी कांकेर, तेमलबट्टी गावों का जनता पर किये गये कायराना हमलों को खंड़न करो. इस कायराना हमलों में 4 गांव का जनता और हमारे 8 कार्यकर्ताओं को हत्या किये हैं.

शहीद हुए तमाम साथियों को श्रद्धांजली अर्पित करेंगे. उनके अधूरा लक्ष्य को पूरा करेंगे. जनता में असमंजस और निराशा पैदा करने के लिए पुलिस ने हमारी पार्टी के नाम से फर्जी बयान दिए हैं. हमारे कामरेड्स दामोदर और बाकि साथी सुरक्षित है. स्वतंत्र जांच करके दोषियों को सजा दिलाओं.

प्यारे जनता, बीजापुर जिला का ऊसुर ब्लाक के अंतर्गत सिंगवरम, तुमडेपल्ली, मल्लेम पेंटा, पूजारी कांकेर, तेमलबट्टी गांवों पर 8000 पुलिस – डीआरजी, बस्तर फाईटर्स, सीआरपीएफ, कोब्रा कमांडों बलों और भारत सेना के कुछ बलों को जमा करके जनता पर जनवरी 16-17 तारीख में आतंकवादी हमला किया है. इसमें 4 ग्रामीणों को हत्या किया है. घायल जनता का इलाज करने के लिए गए हुए हमारे कामरेड्स को निहत्थे पकड़कर जनता के सामने अत्याचार और उसके बाद बर्बरतापूर्वक हत्या किये हैं. यह ‘कगार’ नाम से आदिवासी जनता पर किए गए युद्ध है.

इस कायराना हरकत को मुख्यमंत्री, पुलिस मंत्री और पुलिस अधिकारी प्रशंसा करते हुए अपने फासीवादी चेहरा को उजागर किये हैं. घटना होने के समय में हजारों जनता इस कायराना हरकत का विरोध करते हुए पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी किये थे. जनता को दबाने के लिए उसी समय में 4 ग्रामीणों का हत्या किये हैं. अत्याचार, हत्या, जनता पर हमला, महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किये थे. जनता का घरेलू सामान और ट्रैक्टर, मोटर साईकिल, चक्की, सिलाई मशीन, धान, चवाल और कपड़ा वगैरह ध्वस्त किये हैं.

हत्याकांड पूरा होने के बाद बंदूक के नली पर जनता को जबरन पकड़कर लाशों को बासागुडा तक पहुंचाया था. गांवों के सैंकडों जनता को पकड़कर साथ ले गये थे. अभी उन लोगों का पता नहीं है. इसमें कुछ लोगों को बलपूर्वक ढंग से सरेंडर दिखा देगा और कुछ लोगों को ईनामी नक्सली नाम से हत्या भी करने का संभावना है.

मनोवैज्ञानिक धोखाधड़ी प्रचार युद्ध के अंतर्गत पुलिस मंत्री विजय शर्मा और कुछ खूंखार पुलिस अधिकारियों ने मिलकर जनता को गुमराह और निराशा पैदा होने के लिए दक्षिण बस्तर डिवीजनल कमेटी के नाम से एक फर्जी बयान दिया है. झूठ बोलने में, प्रचार करने में अव्वल बन गया है. हमारा कामरेड्स दामोदर और सभी साथी लोग सुरक्षित हैं.

सुरक्षा बलों के इस बड़े अभियान को हमारे पीएलजीए बलों ने बहादूराना तरीकों से प्रतिरोध करके विफल किये है. 6 बार पीएलजीए टीम का पुलिस के साथ फायरिंग में भिडंत हुआ, उसमें 6 पुलिस मर गए, 8 पुलिस घायल हुआ. इस संघर्ष में हमारे एक साथी उइके आयतु (पीएम, मेस्सीगुडा निवासी) शहीद हुआ और उस फायरिंग में घायल हुए कामरेड़ मडकम लच्छी (पीएम, तिमेनार निवासी) को पकड़कर पुलिस ने हत्या किया. पकड़कर हत्या किये गये जनता का नाम इस प्रकार है – सोडी राम (सिंगवरम), पोडियम देवा (सिंगवरम), मडकम बट्टी (सिंगवरम), सोडी भीमा (सिंगवरम).

पकड़कर हत्या किये गये कामरेडों का नाम इस प्रकार है – मडकम जोगी (एसीएम-दक्षिण बस्तर डिवीजन डाक्टर टीम, तोंगगुडा निवासी) – जनता को इलाज करने के लिए तुमडेपल्‍ली गांव गयी थी. पुलिस ने उनको पकड़कर अत्याचार करके गला रेत कर हत्या की, माडवी देवे (पीपीसीएम, कुंटा एरिया, नया नेंड्रा निवासी) – तुमडेपल्‍ली गांव में हत्या किया, नुप्पो सोमडी (पीएम, पोलेमपल्ली का निवासी), डोड्डी वासु (पीएम, गेल्लुर निवासी), मडकम सोनाल (पीएम, पुव्वर निवासी), तीन जन को पकड़कर हत्या किये, पूनेम मंगली (पीएम, डुवल नेंड्रा निवासी) – सिंगवरम गांव के पास हत्या किया.

ब्राह्मणीय हिन्दुत्व फासीवादी भाजपा की केंद्र, राज्य सरकारें हमारा पार्टी को उन्मूलन करने का योजना के तहत इस तरह हत्याकांड करवा रहे हैं. जल, जंगल, जमीन, अस्तित्व, अस्मिता और अधिकार के लिए मध्य भारत में चल रहे आंदोलन को हमारा पार्टी नेतृत्व कर रहा है. भाजपा कार्पोरेट कंपनियों के लिए नंबर वन सेवक बनकर प्राकृतिक संसाधन, सार्वजनिक संपत्ति को उन कार्पोरेट को देने के लिए, हमारी पार्टी को निर्मूलन करने के लिए ‘कगार’ युद्ध योजना बनाया.

इसमें आम जनता और हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं का हत्या कर रहे हैं. इसमें भाजपा खूंखार पुलिस अधिकारियों का इस्तेमाल कर रहा है. लगातार आपरेशन के नाम से आम जनता को मार देना ईनामी घोषणा करके करोडों पैसा अपना जेब में डाल रहे हैं. इस प्रकार भाजपा एक पार्टी-एक चुनाव-एक राष्ट्र (ब्राह्मणीय हिन्दुत्व फासीवाद)-एक भाषा (संस्कृत)-एक संस्कृति (वर्ण संस्कृति)-कामन सिविल कोड़-विकसित भारत (कार्पोरेट भारत) जैसे योजनाओं का प्रचार कर रहे हैं.

किसान, मजदूर, छोटा व्यापारी, छात्र, बुद्धिजीवी, पत्रकार, लेखक, कलाकर, सभी प्रकार का जनसंगठन, विपक्षी पार्टीयों सबको कार्पोरेटीरण, सैनिकीकरण जैसे आतंकवादी योजना से समाप्त करने का लक्ष्य रखा है. इसलिए भाजपा सिर्फ माओवादी के लिए नहीं बल्कि पूरा भारत का जनता के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है. इसलिए सबका जिम्मेदारी है देश को बचाना, प्राकृतिक संसाधन, सार्वजनिक संपत्ति, पर्यावरण, संस्कृति को बचाने के लिए सभी लोग एकजुट हो लड़ाई करके भाजपा को दफनाना चाहिए.

हम अनुरोध करते हैं कि आदिवासी संगठन, पत्रकार, बुद्धिजीवी, विपक्षी पार्टीयां इस हत्याकांड की जांच करके सच्चाई को देश-दुनिया में बताकर अपराधियों पर कानूनी कारवाई के लिए आंदोलन करें. जनवरी 6-7 में ऊसुर ब्लाक के गांवों पर हमला करके किये गये हत्याकांड़ की कडी से कड़ी शब्दों में निंदा करो. स्वतंत्र जांच बिठाकर दोषियों को सजा देना चाहिए. नंबर वन देशद्रोही, आतंकवादी, कार्पोरेट भक्त फासीवादी भाजपा को मार भगाओ. कार्पोरेटीकरण-सैनिकीकरण, ‘कगार’ युद्ध के विरोध में हो रहे आंदोलन को तेज करेंगे. नवजवादी क्रांति जिंदाबाद !

यह प्रेस नोट साफ़ तौर पर बताता है कि किस तरह भाड़े के हज़ारों खूंखार पुलिसिया गिरोह के हमलों के खिलाफ बस्तर की जनता उठ खड़ी हुई है. माओवादियों के साथ मुठभेड़ में पुलिसिया गुंडा मारा जाता है लेकिन उसको स्वीकार करने में शर्म आती है. और अपनी शर्मनाक पराजय को छुपाने के लिए माओवादियों के नाम पर ग्रामीणों की हत्या कर माओवादियों के नाम से फ़र्ज़ी प्रेस नोट जारी करता है. यही है कॉरपोरेट घरानों के भाड़े के कारिंदों का असली खूंखार चेहरा. यही कारण है कि देश का हर आम आदमी पुलिसिया गिरोह से घृणा करता है.

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