आवेश तिवारी
छत्तीसगढ़ के रायपुर से मध्य प्रदेश के सीधी की दूरी 456 किलोमीटर है मोदी रायपुर आ रहे हैं। सीधी में एक कोल बिरादरी के आदिवासी बच्चे को पेशाब पिलाया गया। मोदी रायपुर के बाद बनारस जाएंगे वह भी मेरा शहर है। वह शहर भी सीधी से 300 किमी दूर है।
छत्तीसगढ़ में ही नारायणपुर है जहां एक चर्च को नेस्तनाबूद कर दिया गया आदिवासियों को पीटा गया लेकिन मोदी रायपुर आ रहे हैं। मणिपुर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र जल रहा है लेकिन मोदी छत्तीसगढ़ आ रहे हैं।
ऑफिस से घर के रास्ते में मोदी के सभास्थल के ठीक पहले गरीबों की रेहड़ी लगती है जो पिछले दो दिनों से नहीं लगी है। सरगुजा की सरस्वती पान मसाला बेचती है। आज दुकान बंद है इसलिए एक यात्री शेड के नीचे बैठी हैं।
हम पूछते हैं भोजन हुआ चाची? तो मुस्कुरा कर कहती है टमाटर बिना खाना कैसे बनी भईया? हम कहते हैं कल तो मोदी आ रहे हैं उनका पति तपाक से कहता है “आवे न भईया, लेकिन जल्दी जाए”। लेकिन मोदी आ रहे हैं।
पिछले 4 वर्षों से नरेंद्र मोदी ने अपनी सारी एजेंसियों को लेकर देश के सर्वाधिक सज्जन प्रदेश का निरंतर भयादोहन किया है। यह बात जनता जानती है। एक किसान मुख्यमंत्री को बार बार बेबस करने की कोशिश की गई यह भी जनता जानती है।शायद इसलिए ऐसा है कि मोदी आ रहे हैं मगर इसकी चर्चा इस बात से ज्यादा नहीं हैं कि अमरकंटक एक्सप्रेस भी रेलवे स्टेशन पर आने वाली है।
यह दुखद सच है कि इस देश को कोयला और स्टील देने वाले राज्य से पिछले 9 वर्षों में न केवल जनता की हिस्सेदारी छीनी गई बल्कि रेल, स्वास्थ्य सेवाओं समेत अन्य सुविधाओं पर डाका डाला गया लेकिन मोदी आ रहे हैं।
भाजपा के नेताओं के चेहरे म्लान हैं भयभीत हैं मगर मोदी आ रहे हैं। भाजपा के एक पूर्व विधायक से मैं जब कहता हूं कि अब तो मोदी आ रहे हैं। वह तपाक से मेरा हाथ पकड़ कर पूछता है कि भाई साहब यह जाएगा कब? लेकिन मोदी आ रहे हैं।पराजित, खिन्न, अहंकार और घृणा से भरे मोदी आ रहे हैं।