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राष्ट्रीय सीनियर बैडमिंटन स्पर्धा की अनिवार्यताऔर महत्व को बढ़ाना होगा

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राष्ट्रीय सीनियर स्पर्धा दिसम्बर में हो

*** *धर्मेश यशलहा* 

2023में जनवरी के बाद विश्व टूर सुपर श्रृंखला की अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन स्पर्धाओं की सिलसिला योनेक्स जर्मन खुली सुपर-300स्पर्धा(7-12मार्च) से हो रहा है, मार्च में फिर प्रतिष्ठित आल इंग्लैंड सुपर-1,000 स्पर्धा(14-19मार्च),स्विस खुली ( 21-26मार्च)और स्पेनिश मास्टर्स (28 मार्च से 2अप्रैल)के लिए खिलाड़ी मार्च करेंगे,

भारत में चार साल बाद राष्ट्रीय सीनियर बैडमिंटन स्पर्धा हुई जिसमें एक बार फिर टाप सितारे नदारद रहे हैं, बैडमिंटन ही अकेला खेल होगा जिसकी राष्ट्रीय सीनियर स्पर्धा का आयोजन लगातार चार साल नहीं हुआ!!

2017 के बाद 6 साल में सिर्फ दो राष्ट्रीय सीनियर बैडमिंटन स्पर्धा 2019 में गुवाहाटी, असम और 2023 में पुणे, महाराष्ट्र हुई है, जबकि देश की  इस  सबसे प्रमुख स्पर्धा का महत्व सबसे अधिक होना चाहिए, भारतीय बैडमिंटन संगठन को अपनी राष्ट्रीय सीनियर बैडमिंटन स्पर्धा की महत्ता और अनिवार्यता को  बढ़ाना ही होगा, नवंबर 2017 में नागपुर, महाराष्ट्र ही ऐसा आयोजन रहा जिसमें सभी भारतीय सितारे खिलाड़ी राष्ट्रीय सीनियर बैडमिंटन स्पर्धा में खेले हैं,2017 नागपुर और 2019 गुवाहाटी असम में साइना नेहवाल और पीवी सिंधु तो खेले लेकिन 2019 में गत उपविजेता किदांबी श्रीकांत और गत विजेता एच एस प्रणोय, सात्विक साईंराज रैंकीरेड्डी, अश्विनी पोनप्पा,सिकी रेड्डी आदि नहीं खेले,  पूर्व राष्ट्रीय विजेता समीर वर्मा भी टखने की चोट की वजह से बीच स्पर्धा में हट गए,

इस बार पुणे में लक्ष्य सेन, समीर वर्मा, पी वी सिंधु, साइना नेहवाल, सात्विक साईंराज रैंकीरेड्डी, एम आर अर्जुन नहीं खेले, पूर्व विजेता एच एस प्रणोय, किदांबी श्रीकांत और सौरभ वर्मा खेले लेकिन मेरा पहले से यह अनुमान था कि इस बार कोई नया  खिलाड़ी ही  राष्ट्रीय विजेता बनेगा, ऐसा ही हुआ, मिठुन मंजुनाथ ने प्रियांशु राजावत को फाइनल में हराया,24वर्षीय मिठुन मंजुनाथ ने क्वार्टर फाइनल में गत विजेता सौरभ वर्मा को और सेमीफाइनल में दूसरे क्रम के किदांबी श्रीकांत को बाहर किया, युगल में तो भारत की  टाप जोड़ियों में ट्रेसा जोली और गायत्री गोपीचंद के अलावा कोई फाइनल में भी दस्तक नहीं दे सकी,ट्रेसा और गायत्री ही अकेली टाप सीड है जो विजेता बनी है, अनुपमा उपाध्याय ने आकर्षी कश्यप और अश्मिता चालिया को हराकर महिला एकल पहली बार खिताब हासिल किया, नागपुर के बाद गुवाहाटी और पुणे में 50लाख इनामी राशि के बावजूद हमारी राष्ट्रीय सीनियर बैडमिंटन स्पर्धा इतनी फीकी क्यों है?

इस बार फरवरी में इस स्पर्धा के आयोजन की तारीख को सही नहीं माना जा सकता है, राष्ट्रीय सीनियर बैडमिंटन स्पर्धा से ठीक पहले एशियाई मिश्रित टीम बैडमिंटन स्पर्धा और फिर बाद में विश्व सुपर टूर की स्पर्धाओं के आयोजन थे, भारतीय बैडमिंटन संगठन को चाहिए कि राष्ट्रीय सीनियर बैडमिंटन स्पर्धा प्रति वर्ष दिसम्बर माह में विश्व टूर फाइनल्स स्पर्धा के बाद करें, दिसम्बर अंत में कोई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन स्पर्धा क्रिसमस और नया साल के आगाज की वजह से नहीं होता हैं, जनवरी में विश्व टूर स्पर्धाओं की शुरुआत दूसरे सप्ताह से होती है, भारतीय खिलाडियों के लिए नागपुर 2017 की तरह की हिस्सेदारी की अनिवार्यता रहे, इस बार पुणे में तो अंतर राज्य अंतर क्षेत्रीय मिश्रित टीम बैडमिंटन स्पर्धा में भी भारत के सभी टाप खिलाड़ी नहीं खेले हैं, पेट्रोलियम खेल प्रमोशन मंडल टीम में सभी टाप खिलाड़ी शामिल नहीं थे !! भारतीय बैडमिंटन संगठन को राष्ट्रीय सीनियर बैडमिंटन स्पर्धा के महत्व और अनिवार्यता को तो खिलाड़ियों पर डालना ही होगा, इस बार विश्व रैंकिंग (टाप-30) के साथ ही बी ए आई रैंकिंग को भी सीडिंग में महत्व देकर भारतीय बैडमिंटन संगठन ने सही किया, इससे भारत की घरेलू अखिल भारतीय सीनियर रैंकिंग बैडमिंटन स्पर्धाओं का महत्व भी बढ़ेगा 

राष्ट्रीय सीनियर बैडमिंटन स्पर्धा के दिसम्बर में आयोजन के साथ ही जूनियर और सब जूनियर आयु वर्ग की राष्ट्रीय बैडमिंटन स्पर्धाओं का आयोजन दिसम्बर से पहले ही हो जाना चाहिए जैसे पहले होता था,

 *किदांबी श्रीकांत, साइना नेहवाल और किरण जार्ज जर्मन खुली स्पर्धा से हटे* 

जर्मनी के मुलहैम में 7 से 12 मार्च तक हो रही योनेक्स जर्मन खुली सुपर-300 बैडमिंटन स्पर्धा में लक्ष्य सेन ही भारत से एकमात्र सीडेड खिलाड़ी हैं, पिछले उपविजेता लक्ष्य सेन को छठवां क्रम मिला हैं, मलेशिया के ली जी जिआ को पहला और पिछले विजेता थाईलैंड के कुन्लावुत वितिद्सर्न को दूसरा क्रम हैं, पिछले साल लक्ष्य सेन ने इस स्पर्धा में इंडोनेशिया के एंथोनी सिनुसुका जिंटिंग, एच एस प्रणोय और सेमीफाइनल में विश्व नंबर एक डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसेन को हराकर उलटफेर किए थे , लक्ष्य फाइनल में कुन्लावुत वितिद्सर्न से 18-21,15-21 से हारे थे, 

विश्व नंबर 12 लक्ष्य सेन इस बार भी बेहतर प्रदर्शन के इरादे से ही खेलेंगे, वे पहले दौर में फ्रांस के क्रिस्टो पोपोव से खेलेंगे , दोनों के बीच अब तक हुए पांच मुकाबलों में से चार और गत तीन लक्ष्य ने जीते हैं,

लक्ष्य का दूसरे दौर में हांगकांग के ली चेयुक यियु या डेनमार्क के विक्टर स्वेन्डसेन से मुकाबला हो सकता है, क्वार्टर फाइनल पहले क्रम के मलेशिया के ली जी जिआ से संभावित हैं, तीसरे क्रम के जापान के कोदाई नाराओका, हांगकांग के नग का लोंग अंगुस, पांचवें क्रम के चीन के लु गुआंग झु और जापान के कांता त्सुनेयामा इसी अपर हाफ में ही हैं,

 पुरुष एकल में भारत की अन्य चुनौती नए राष्ट्रीय विजेता मिठुन मंजुनाथ है, विश्व नंबर 48 मिठुन को पहले दौर में चौथे क्रम के सिंगापुर के लोह कैन येव से पहली बार खेलना है जो विश्व नंबर आठ है,  पूर्व विश्व विजेता जापान के केंतो मोमोता, आठवें क्रम के चीन के शी युकी से पहले दौर में खेलेंगे जिनके बीच 2018 की विश्व बैडमिंटन स्पर्धा का फाइनल हो चुका है , तब केंतो मोमोता जीते थे, दोनों के बीच हुए 9में से  5मुकाबले केतों ने जीते हैं, लेकिन पिछले चार में से तीन मुकाबलों में शी ने केंतो को हराया हैं ,

विक्टर एक्सेलसेन से क्वार्टर फाइनल में पराजित भारत के किदांबी श्रीकांत और थाईलैंड की रत्चनोक इन्तेनान से दूसरे दौर में हारी साइना नेहवाल ने स्पर्धा से नाम वापस ले लिया हैं,

महिला एकल में विश्व नंबर 43 मालविका बंसोड़ को  पहले दौर में पांचवें क्रम की चीन की वांग झि यि से पहली बार खेलना है, जापान की अकाने यामागुची को पहला और दक्षिण कोरिया की एन से युंग को दूसरा क्रम मिला हैं, ओलंपिक विजेता चीन की चेन युफेई को तीसरा और ही बिंग्जिआओ को चौथा क्रम हैं, युगल में अश्विनी पोनप्पा और बी सुमीत रेड्डी ही एकमात्र भारतीय चुनौती हैं जिन्हें पहले दौर में स्काटलैंड के जुलै मेकफेर्सेन और आदम हाल से खेलना है, किरण जार्ज के हटने से योग्यता चक्र में संकर मुथुसामी सुब्रमण्यमन और तस्नीम मीर ही भारतीय हैं

 *थाईलैंड में अनुपमा,ईरा और तान्या* 

थाईलैंड के नखोन रत्चसिमा में 7से 12 मार्च तक हो रही  थाईलैंड अंतरराष्ट्रीय चैलेंज बैडमिंटन स्पर्धा में भारत के मैराबा लुवांग मैस्नाम और ईरा शर्मा को चौथा क्रम हैं, महिला एकल में तान्या हेमंत को छठवां और नई राष्ट्रीय विजेता अनुपमा उपाध्याय को सातवां क्रम मिला हैं, अदिति भट्ट, रितुपर्णा दास और मानसी सिंह, अलाप मिश्रा, कार्तिकेय गुलशन कुमार,चिराग सेन, सतीश कुमार करुणाकरन भी खेलेंगे, रितुपर्णा और स्वेतपर्णा पंडा बहनों को महिला युगल में तीसरा क्रम है

 *लक्ष्य सेन और भारतीय थामस कप विजेता भारतीय टीम सम्मानित* 

द हिन्दू ग्रुप ने बैडमिंटन के लक्ष्य सेन और टेबल टेनिस के शरत चंद्र कमल को वर्ष 2022 के सर्वश्रेष्ठ रैकेट्स खेल खिलाड़ी के पुरस्कार से नवाजा, मुम्बई के ताज होटल में 27 फरवरी को हुए समारोह में विश्व थामस कप पुरुष विजेता भारतीय टीम को सर्वश्रेष्ठ टीम और श्रेष्ठ मूवमेंट का पुरस्कार दिया गया, प्रशिक्षक यु विमलकुमार और डी के सेन, लक्ष्य सेन ने पुरस्कार ग्रहण किया

*** *धर्मेश यशलहा* 

सरताज अकादमी

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