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केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल डीजल पर अतिरिक्त कर लगाकर की गई लूट से दो बार किसानों का कर्जा माफ हो सकता था

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संयुक्त किसान मोर्चा ने कार्यक्रम में भाग लेने वाले किसानों, श्रमिकों, नागरिकों का जताया आभार*
*मंडियों को खत्म करने की साजिश करने वाली केंद्र की सरकार अब मंडियों को एक लाख करोड़ रूपये देने का झांसा दे रही हैं*
*किसान आंदोलन का लगातार बढ़ रहा है जनाधार।*
     अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के सदस्य एवं किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने मूल्य वृद्धि के खिलाफ किए गए विरोध प्रदर्शन कार्यक्रमों के लिए किसानों, श्रमिकों तथा नागरिकों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि किसानों के लिए 3 कृषि कानूनों को रद्द कराने, लागत से डेढ़ गुना दाम पर खरीद की कानूनी गारंटी की मांग के साथ-साथ अब महंगाई और बेरोजगारी का मुद्दा अहम हो गया है। कोरोना काल में सरकार ने उपभोक्ताओं से अतिरिक्त कर लगाकर तीन लाख करोड़ रूपये कमाये है। कुल मिलाकर 2014 से आज तक डीजल और पेट्रोल से जो कमाई सरकार ने की है उससे दो बार किसानों का संपूर्ण कर्जा माफ किया जा सकता था।      उन्होंने कहा कि मोदी का एमएसपी देने, किसानों की आय दोगुनी करने के झुठे वादों की पोल खुल गई है, तथा यह साफ हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  केवल और केवल देश को अडानी और अंबानी का गुलाम बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं। किसान और मजदूर श्रेणी में आने वाले 23 करोड़ गरीबों की संख्या बढ़ गई है।       उन्होंने कहा कि दिल्ली की बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के  6 महीने पूरे होने देश भर में काला दिवस मनाने के कार्यक्रम,  7 महीने पूरे होने पर देश के सभी राज्यों के राजभवनों पर ‘कृषि बचाओ-लोकतंत्र बचाओं’ आन्दोलनों के बाद 8 जुलाई के ईंधन की मूल्यवृद्धि के खिलाफ विरोध कार्यक्रम की सफलता से यह साफ हो गया है कि किसान आंदोलन का जनाधार विस्तृत होता जा रहा है तथा देश के आम नागरिकों का समर्थन किसान आंदोलन को मिल रहा है।     डॉ सुनीलम ने कहा कि जो केंद्र सरकार मंडियों को खत्म करने के लिए कानून लायी थी वह, अब मंडियों के लिए एक लाख करोड़ रुपए देने का झांसा किसानों को दे रही है।             

 पेट्रोल, डीजल एवं रसोई गैस की कीमतें लगातार बढ़ रही है। महंगाई पर केंद्र सरकार रोक लगाने में असक्षम है। इस बढ़ती हुई महंगाई के चलते महामारी के दौर में किसान , मजदूर, मछुआरों की  आर्थिक स्थिति बहुत नाजुक हुई है। एक तरफ कोरोना के कारण लॉक डाउन के चलते काम बंद होने से आर्थिक स्थिति पर बहुत बड़ा असर पड़ा है। केंद्र सरकार द्वारा लगातार ईंधन की मूल्यवृद्धि की जा रही है, जिसका सीधा असर आम नागरिक पर पड़ रहा है । इसलिए मूल्यवृद्धि के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा विरोध प्रदर्शन का आव्हान किया गया था।   

 संयुक्त किसान मोर्चा के आव्हान पर मध्यप्रदेश में संयुक्त किसान मोर्चे से जुड़े संगठनों ने पेट्रोल, डीजल रसोई गैस की मूल्यवृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन किये।      गुना में सीपीएम के विष्णु शर्मा, किसान सभा के योगेंद्र शर्मा, एआईकेकेएम के मनीष श्रीवास्तव सहित कई किसान प्रतिनिधियो द्वारा हनुमान चौराहे पर एकत्रित होकर महँगाई के खिलाफ प्रदर्शन किया गया।       

 अशोक नगर में एआईकेकेएमएस के प्रदीप आरबी एवं जिला सचिव कृष्णा बौरागी के नेतृत्व में स्थानीय अशोक नगर गल्ला मंडी में डीजल पेट्रोल , रसोई गैस के दामों में की जा रही वृद्धि के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया । 

   रीवा में कॉलेज चौक पर खड़े होकर संयुक्त किसान मोर्चा के नेता मीसाबंदी बृहस्पति सिंह, एड शिवसिंह एवं किसंस के रीवा क्षेत्र संयोजक के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया गया। किसान नेताओं ने कहा कि देश में बैठी जन विरोधी मोदी हुकूमत प्रत्येक क्षेत्र में फेल हो चुकी है देश में महंगाई, बेरोजगारी चरम पर है। पेट्रोलियम पदार्थों एवं रसोई गैस की कीमतों पर बेतहाशा वृद्धि से देशवासियों की आर्थिक व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गई है   

    बड़वानी में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति एवं संयुक्त किसान मोर्चा मोर्चा के बैनर तले नर्मदा बचाओ आंदोलन के द्वारा बढ़ती हुई महंगाई के विरोध में   पुराने कलेक्टर कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया गया। जिसमें नर्मदा घाटी के किसान, मजदूर, मछुआरे आदि लोग प्रतिनिधिक  तौर पर  एकत्रित होकर केंद्र सरकार को अगाह करते हुए जोरदार नारों के साथ महंगाई कम करने की बात कही।      इंदौर में संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े अखिल भारतीय किसान सभा, अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर संगठन, किसान संघर्ष समिति, एटक, एचएमएस, मध्य प्रदेश  आदिवासी एकता महासभा , अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन सहित विभिन्न संगठनों द्वारा आयोजित किया गया। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए । प्रदर्शनकारियों ने बाद में बढ़ती हुई महंगाई पर तत्काल रोक लगाई जाने की मांग को लेकर संभागायुक्त को  राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन का नेतृत्व अरुण चौहान, रामस्वरूप मंत्री,  हरिओम सूर्यवंशी, अरविंद पोरवाल,  जयप्रकाश  गुगरी ,सोनू शर्मा आदि ने किया ।     

  सतना में किसान सभा के प्रदेश संयोजक एड.अरुण सिंह, जगदीश सिंह,ट्रेड यूनियन कॉउंसिल के महासचिव संजय सिंह तोमर, टी यू सी सी के जिला सचिव सुनील सिंह द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया।  प्रदर्शन के दौरान  टी यू सी सी के जिला सचिव सुनील सिंह ने कहा कि सरकार जनता की जेब से पैसा निकाल कर सरकार के खर्च चला रही है। गरीब मजदूर इस महंगाई की मार से त्रस्त हैं। खाद्य तेलों से लेकर नमक शक्कर तक सभी चीजें बेतहाशा महंगी है। ये सरकार महंगाई को रोक पाने में पूरी तरह फेल है इसी लिए मोदी जी को कुछ मंत्रियों को घर बैठाना पड़ा है।     सिवनी में बाबा साहब प्रतिमा स्थल के समक्ष  किसान मजदूर एवं नागरिकों ने एकत्रित होकर महँगाई के विरोध में प्रदर्शन किया। अखिल भारतीय किसान सभा के डी डी वासनिक , सेवानिवृत्त प्रो.बी सी ऊईके , राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के पदाधिकारियों द्वारा पलारी तिग्गड्डा पर प्रदर्शन किया। किसान मोर्चा सिवनी के महिला विंग द्वारा प्रधानमंत्री को  चूड़ियां डाक द्वारा भेजी गई ।महिला विंग की अध्यक्ष किरण प्रकाश ने कहां है कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी तात्कालिक मनमोहन सरकार को 60 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल के दाम होने पर चूड़ियां भेजा करती थी वह आज सत्ता मिलने के बाद दोहरा रवैया अपनाते हुए कुर्सी की लालच में चुप है।       सागर जिले के देवल चोरी गांव में भारतीय श्रमिक जनशक्ति युनियन के संदीप ठाकुर के नेतृत्व में कार्यक्रम किया गया। रायसेन में एआईकेकेएमएस द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया।   

   जबलपुर में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले  विभिन्न संगठनों द्वारा कलेक्ट्रेट के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया तथा बर्गी बांध विस्थापित संघ के राजकुमार सिन्हा एवं स्वराज इंडिया के अमित पांडेय के नेतृत्व में एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया।        ग्वालियर में एआईकेकेएमएस द्वारा फूलबाग पर रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया गया,  किसंस के प्रदेश सचिव एड. विश्वजीत रतौनिया ,शत्रुघ्न यादव,एड. रायसिंह, कृष्णा कुशवाह एवं अन्य कार्यकर्ताओं द्वारा केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर के आवास के सामने धरना प्रदर्शन किया। 

          मुलताई में किसंस के जिलाध्यक्ष जगदीश दोड़के के नेतृत्व में शहीद किसान स्तंभ पर विरोध प्रदर्शन किया गया। उन्होंने कहा कि देश में महंगाई, बेरोजगारी भ्रष्टाचार चरम पर है। पेट्रोलियम पदार्थों एवं रसोई गैस की बढती कीमतों से  देशवासियों की आर्थिक व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गई है। पेट्रोलियम पदार्थों की  वृद्धि से देश की हर वस्तु महंगी हो गई है। डीजल की महंगाई से  खेती पर सबसे बड़ा संकट है क्योंकि लागत की तुलना में उपज उचित का दाम नहीं पाता है।     झाबुआ में किसंस के प्रदेश सचिव राजेश वैरागी के नेतृत्व में मेघनगर नाका पेट्रोल पंप पर विरोध प्रर्दशन  किया गया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा डीजल और पेट्रोल की कीमतों में बार बार वृद्धि की जा रही जिससे कृषि में लागत बढ़ गई है।   

 अलीराजपुर जिले के  सेजावाड़ा गांव में किसंस के जिलाध्यक्ष नवनीत मंडलोई के नेतृत्व के विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि  सरकार ने कृषि उत्पादों पर मात्र 4 प्रतिशत की वृद्धि कि है जबकि महंगाई 40 प्रतिशत बढ़ गई है। बढ़ती महंगाई से किसानी घाटे में जा रही है।     सागर में किसंस के जिलाध्यक्ष अभीनव श्रीवास के नेतृत्व में मकरोनिया चौराहा पर विरोध प्रदर्शन किया गया उन्होंने कहा कि किसान विरोधी  तीनों काले कानून व बिजली के निजीकरण से महंगाई और भी बढ़ जाएगी। सरसों के तेल की तरह अनाज, दाल, आलू, प्याज जमाखोरी के बाद कई गुना दामों पर उपभोक्ताओं को मिलेंगे।      सिवनी में किसंस प्रदेश सचिव डॉ राजकुमार सनोडिया, जबलपुर क्षेत्र संयोजक राजेश पटेल, जिलाध्यक्ष रामकुमार सनोडिया के नेतृत्व में मातृधाम चौक पर तथा तीरथ सनोडिया द्वारा  ग्राम पिपरिया में विरोध प्रदर्शन किये गए ।डॉ राजकुमार सनोडिया ने कहा कि किसानों की उपज व्यापारियों के पास पहुंचने पर दोगुने कीमत की हो जाती है।    

  सिंगरौली  के  देवसर  में  किसान  संघर्ष  समिति के  जिला  अध्यक्ष अशोक  सिंह  पैगाम  व  संयोजक  निसार  आलम  के नेतृत्व में  महँगाई  के विरोध में  रैली  निकाली  गईं। निसार आलम अंसारी ने कहा कि पेट्रोल, डीजल रसोई गैस के अलावा सभी आवश्यक सामानों के भाव तेजी से बढ़ रहे है जिसका सीधा असर आम नागरिकों के जीवन पर पड़ रहा है।    छिंदवाड़ , कटनी, नीमच,मंदसौर  ,रायसेन , टीकमगढ़ , देवास , विदिशा , बालाघाट , हरदा, अशोकनगर,  मंडला,धार , मुरैना , राजगढ़  में भी महंगाई के खिलाफ विरोध कार्यक्रम आयोजित किये गए।

(संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से भागवत परिहार द्वारा जारी )

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