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पहली करेंसी कौड़ी, मुगलों ने बनाया रुपया

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साल का वो वक्त करीब है जब सरकार बजट पेश करती है। बजट में बताया जाता है कि पैसा कहां से आया और कहां खर्च होगा। 

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आज से करीब 10,000 साल पहले यानी मध्य पाषाण काल। तब मनुष्य की आवश्यकता सिर्फ पेट भरने के लिए शिकार करने तक सीमित थी। इस दौर में एक समूह था जो लोगों को हथियार देता और बदले में उनसे खाना लेता। लेन-देन या व्यापार का ये बिल्कुल शुरुआती रूप माना जाता है। इस समय तक न खेती शुरू हुई थी और न ही मुद्रा के रूप में वस्तुओं का उपयोग।

कहानी बजट की…

खेती की शुरुआत के बाद खानाबदोश दुनियाभर में फैले और अपने गांव बसाने लगे। यहीं से टेरिटरी की लड़ाई शुरू हो गई। हर टेरिटरी का अपना नेता चुना जाने लगा जो इसे मैनेज कर सके और सुरक्षा संभाल सके।

सिंधु घाटी सभ्यता में इसके कुछ प्रमाण मिलते हैं। इतिहासकारों को कुछ ऐसे भवन के अवशेष मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि यहां नेता का चुनाव किया जाता था। अपनी टेरिटरी की जरूरतों को पूरा करने के लिए कमाई का कुछ हिस्सा दिया जाने लगा। इसे कहां खर्च करना है इसका ब्योरा भी तैयार किया जाने लगा। ये बजट का बिल्कुल शुरुआती रूप था।

भारतीय बजट का पहला व्यवस्थित रुप कौटिल्य के अर्थशास्त्र में मिलता है। इसमें मौर्य काल की राजकीय व्यवस्था का उल्लेख किया गया है। कौटिल्य अर्थशास्त्र के मुताबिक हर साल वित्त मंत्री राजा के सामने एक नोट पेश करता था। इसमें साल के ओपनिंग बैलेंस, वर्तमान खर्च का ब्योरा होता था। जो काम पूरे हो चुके होते, उन्हें सिद्धम और जो चल रहे होते, उन्हें कर्णिय कहा जाता था।

बजट शब्द पहली बार 1773 में ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री सर रॉबर्ट वालपोल ने इस्तेमाल किया। बजट शब्द बज से आया है जिसका मतलब होता है बैग या छोटा पर्स। ईस्ट इंडिया कंपनी 1833 में चार्टर एक्ट लाई। इस एक्ट के तहत भारत में गवर्नर जनरल को राजस्व के नियंत्रण का अधिकार दिया गया।

1857 की क्रांति के बाद देश में केंद्रीय वित्तीय व्यवस्था और प्रशासनिक व्यवस्था लागू की गई। 18 फरवरी 1869 को गवर्नर जनरल इन काउंसिल के फाइनेंस मेंबर सर जेम्स विल्सन ने भारत का पहला बजट पेश किया।

आजादी की घोषणा के बाद 2 फरवरी 1946 को लियाकत अली खान की ओर से बजट पेश किया गया। आजाद भारत का पहला बजट नवंबर 1947 में शनमुखम चेट्‌टी ने पेश किया। इसके बाद हर साल वित्तीय वर्ष की शुरुआत में बजट पेश किया जाता है। 1 फरवरी 2023 को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण लगातार पांचवी बार बजट पेश करने जा रही हैं।

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