किसानों को देख कर लगता है कि क्रांति होगी
चाहे वो किसान बस्तर का हो या पंजाब का
इनकी बात ही कुछ और है
जब ये सत्ता से टकराते है तो
चिंगारी निकलने लगती है
जो काफी है जंगल में आग लगा देने के लिए
इस चिंगारी को दावानल बनाना ही मेरा काम है
मुझे कविता के लिए शब्द इस से ही मिलता है
जब तक किसान है
तब तक इस देश में आग है
जिसे कोई भी आतताई बुझा नहीं सकता है
कोई कुछ भी कहे
किसान ही इस देश की सबसे बड़ी ताकत है
जिसे साथ लिए बिना कोई भी बदलाव नामुमकिन है
किसानों का संघर्ष देखो नहीं
उस में भाग लो साथी
क्रांति का रास्ता खेतों से हो कर ही जाता है !
- विनोद शंकर