भोपाल। प्रदेश को आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशानुसार लगातार विकास योजनाओं और औद्योगिकीकरण पर फोकस किया जा रहा है।
इस दिशा में जहां अब प्रदेश में बंद पड़ी टेक्सटाइल मिलों को पुनर्जीवित करने के योजना बनाई गई है। वहीं नए निवेश के जरिए को प्रदेश को टेक्सटाइल हब बनाया जाएगा। सरकार ने इसके लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। इसके लिए तीन बड़ी कंपनियों ने निवेश की सहमति दी है। इसके अंतर्गत तीन हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश होगा। अफसरों द्वारा इस संबंध में कार्य योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। वहीं कुछ ऐसे मामले हैं, जिन पर केंद्र सरकार की अनुमति मिलना अभी बाकी है। ऐसे में राज्य सरकार के अधिकारी इसके लिए प्रयासरत है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्र सरकार से यह अनुमतियां जल्द मिल जाएंगी। विभाग के अधिकारियों की माने तो कपड़ा उद्योग पर फोकस रखकर काम किया जा रहा है। दरअसल मुख्यमंत्री की मंशा है कि गारमेंट के क्षेत्र में डेवलपमेंट किया जाए यही वजह है कि प्रदेश में लागू नीति के बारे में निवेशकों को जानकारी दी गई है। साथ ही निवेशकों की सुविधाएं और रियायतें भी दी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि सौ करोड़ से ज्यादा का निवेश करने वालों को कई बड़ी रियायतें व मेगा इंडस्ट्रीज का दर्जा देकर सुविधाएं दी जाएंगी। अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल तीन टेक्सटाइल कंपनियों ने प्रदेश में निवेश के लिए रुचि दिखाई है। इसके अंतर्गत प्रदेश में लगभग 3150 करोड़ रुपए का निवेश होगा।
कई जिलों में बंद पड़ी हैं मिलें
सूत्रों की माने तो प्रदेश के इंदौर और उज्जैन सहित कई जिलों में कपड़ा मिलें बंद पड़ी है। कई मिलें तो ऐसी है जो दशकों से ठप पड़ी है। करोड़ों रुपए के घाटे के बाद अब नौबत यह आ गई है कि इनकी जमीनों को बेचने के आदेश हो चुके हैं। ऐसी ही एक मिल उज्जैन जिले में विनोद मिल है जिसे बेचने के लिए प्रक्रिया शुरू भी कर दी गई है। यही नहीं इसके अलावा मंडीदीप, पीथमपुर और खंडवा सहित कई जिलों में मिलों की स्थिति काफी खराब है। उन्हें भी बेचने के संबंध में अधिसूचना जारी की जाएगी।
निवेश होने पर हजारों युवाओं को मिलेगा रोजगार
उल्लेखनीय है कि बड़ी कंपनियों का हजारों करोड़ रुपए का निवेश आने से प्रदेश में हजारों युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। ट्राइडेंट कंपनी भोपाल में तीन हजार करोड़ का निवेश करेगी। इस प्रोजेक्ट से लगभग दस हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा। वहीं गोकलदास एक्सपोर्ट्स भी भोपाल में पचास करोड़ का निवेश करेगी। जिसमें तीन हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही मयूर यूनीकोटर्स ग्वालियर में सौ करोड़ रुपए के निवेश करेगी। इससे करीब एक हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। बता दें कि प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे निवेश और औद्योगिकीकरण से रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं और युवा नौकरी पा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में पूर्व की सरकार ने सीहोर में प्लग एंड प्ले इंडस्ट्रियल पार्क बनाने की योजना बनाई थी। इस पार्क का निर्माण साठ एकड़ जमीन पर होना है। इसके अलावा एक पार्क निजी सेक्टर की मदद से भी बनाया जाना है। वही इंदौर के देवास के पास बरलाई में पीपीपी मॉडल पर ये गारमेंट पार्क तैयार होगा।
चार दशक पहले था स्वर्णिंम काल
प्रदेश में यदि चार दशक पहले की बात की जाए तो जब विदेशी कपड़े नहीं आते थे, पारंपरिक वेशभूषा का प्रचलन था। इसी के चलते कपड़ा मिलों का यह सुनहरा दौर था। हालांकि अब राज्य सरकार ने फिर से विदेश से निर्यात कम करने के साथ ही प्रोडक्शन बढ़ाने की तैयारी की है। बता दें कि प्रदेश के खरगोन, खंडवा, बड़वानी, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा रतलाम और धार जिले में कपास होता है। चार दशक पूर्व के दौर को याद करें तो यह दौर कपास की खेती करने वालों और मिलों के लिए काफी मुफीद था।