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धान की कस्टम मिलिंग की कमीशनखोरी की हकीकत, नेता के हवाले से हुई 320 करोड़ की कमीशनखोरी

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राइस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों के वाट्सएप मैसेज से सामने आई धान की कस्टम मिलिंग की कमीशनखोरी की हकीकत
-राजनीतिक दबाव में राइस मिलर्स एसोसिएशन ने प्रदेशभर के मिलर्स से की 3 केजी प्रति लाट की दर से अरबों रूपए की वसूली
-राइस मिलर्स, नान, मार्कफेड, जिला प्रशासन और खादय विभाग के अधिकारियों के बीच गठबंधन की खेला गया अमानक चावल का खेल

भोपाल/बालाघाट । वर्ष 2019 की तरह पशुआहार तथा पोल्ट्रीफीड जैसा अमानक स्तर का चावल सप्लाई करने के लिए एक बार फिर राइस मिलर्स, नागरिक आपूर्ति निगम (नान), मार्कफेड, जिला प्रशासन और खादय विभाग के गठबंधन का खेल सामने आया है। सूत्रों का कहना है कि धान की कस्टम मिलिंग के इस खेल में भोपाल में बैठे एक राजनीतिक व्यक्ति (नेता) ने पूरा चक्रव्यूह रचा है। इस बात की पुष्टि बालाघाट जिला राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मोनू भगत और राईस मिल महासंघ के पूर्व अध्यक्ष गंभीर संचेती के वॉटसअप मैसेज से हुआ है।
गौरतलब है कि ईएमएस न्यूज़ एजेंसी ने गत दिनों-धान की कस्टम मिलिंग पर होगी 320 करोड़ की कमीशनखोरी का समाचार प्रकाशित किया था। इस समाचार के प्रकाशन के बाद नागरिक आपूर्ति निगम, मार्क फेड और खादय विभाग में हडक़ंप मचा हुआ है। इस बीच बालाघाट जिला राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मोनू भगत का एक मैसेज इंटरनेट मिडिया पर वायरल हो रहा है। मोनु भगत द्वारा भेजे गए मैसेज में राईस मिलर्स से 3 केजी के मान से कमीशन देने की बात कही गई है। वायरल मैसेज पर मोनू भुगत का कहना है कि कहा की वायरल हो रहा मैसेज 1 माह पुराना है और इससे उनका कोई लेना देना नहीं है। 3 केजी प्रति लाट की मांग पूर्व डीएमओ बालाघाट हिरेन्द्र रधुवंशी द्वारा की जाती थी। जिससे जुड़ा मैसेज मैंने ग्रुप में डाल दिया था। इस मैसेज या ऐसे कोई लेनदेन से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। इस प्रकार मोनू भगत ने वायरल हो रहे मैसेज को अपना मैसेज स्वीकार करते हुए 3 केजी प्रति लाट की मांग पूर्व डीएमओ हिरेन्द्र रघुवंशी द्वारा की जाती थी ऐसा कहकर उन्होंने अपना पल्ला झाडऩे की कोशिश की है।
-3 केजी फॉर्मूले का सूत्रधार महासंघ का पूर्व अध्यक्ष
यह उल्लेखनीय है की मोनू भगत ने मार्कफेड और नागरिक आपूर्ति निगम को हिरेन्द्र रघुवंशी के खिलाफ जो शिकायतें की है उनमें से किसी भी शिकायत में हिरेन्द्र रधुवंशी द्वारा 3 केजी प्रति लाट की मांग करने का उल्लेख ही नहीं है। मोनू भगत द्वारा वायरल किए गए मैसेज के समर्थन में कुछ नए मैसेज की जानकारी प्राप्त हुई है जिनके आधार पर 3 केजी प्रति लाट का कमीशन देने का मुद्दा सही साबित हो रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस 3 केजी फॉर्मूले का प्रमुख सुत्रधार गंभीर संचेती है, जो पूर्व में राईस मिल महासंघ का अध्यक्ष रहा है। बताया जाता है कि उसने 8 अप्रैल को मुकेश जैन जबलपुर, सोहन शर्मा सतना के साथ भोपाल मेें एक राजनीतिक व्यक्ति के साथ बैठक की। इसी बैठक में धान की कस्टम मिलिंग के 3 केजी फॉर्मूले को अंतिम रूप दिया है। सूत्रों का कहना है कि 8 अप्रैल को 3 केजी फॉर्मूला बनने के बाद 10 अप्रैल को राजनीतिक व्यक्ति से 3 केजी फार्मूले पर विस्तार से चर्चा की गई तथा क्रियान्वयन किए जाने की रूपरेखा तय की गई। इस बैठक में मोनू भगत और सतीश छुटनी मौजूद थे जिनके निर्देशन में योजना अनुसार राईस मिलर्स से वसूली की गई। इस तथ्यों की पुष्टि गंभीर संचेती द्वारा प्रेषित वॉटसअप मैसेज से होती है, जिसमें उन्होंने लिखा है- सम्माननीय मिलर जैसा की आप सभी को जानकारी है कि इस समय मिलरों के बीच कई विषयों चर्चाएं चल रही हैं। इस तारतम्य में मुझे 5 अप्रैल को प्रदेश के सम्माननीय राजनीतिक व्यक्ति के प्रतिनिधि का फोन आया था। जिन्होंने मुझे भोपाल में आकर मिलने कहा था। प्रदेश के अपने कुछ साथियों के साथ मैं 8 अप्रैल को भोपाल गया था। वहां पर मिलरों के बीच जो चर्चाएं चल रही हैं, मेरे द्वारा उसकी जानकारी पूछी गई। जिसमें मुख्यत: मिलर ने वर्ष 2023-24 में नागरिक आपूर्ति निगम में जो चावल जमा किया गया है उसका प्रति लाट पर 3 केजी चावल अतिरिक्त भोपाल के लिए मांगा गया है। इसके पश्चात उनके द्वारा मिलर को अतिरिक्त सुविधाओं की जानकारी भी बताई गई है, जैसे बारदाना की 2.68 रूपए की राशि तथा चावल की अपग्रेडशन राशि।
-हर ब्लॉक में प्रतिनिधि नियुक्त कर वसूली
3 केजी प्रति लाट फॉर्मूले को अमलीजामा पहनाने के लिए हर ब्लॉक में दो-दो प्रतिनिधि नियुक्त कर वसूली की गई। इसका खुलासा भी मोनू भगत और गंभीर संचेती के वाट्सअप मैसेज से हुआ है। 3 केजी फॉर्मूला बनने के बाद मोनू भगत ने एक मैसेज गंभीर संचेती को भेजा जिसमें उल्लेख किया गया है की सम्माननीय गंभीर भैया सभी ब्लॉक से दो-दो प्रतिनिधि नियुक्त कर एक बैठक कर 3 केजी चावल की प्रति लाट की जानकारी और जिम्मेदार देने हेतु एक बैठक सिर्फ दो-दो प्रतिनिधि की आहूत की जाए। सभी मिलर का हित हमारा उद्देश्य है। ये मेरा सुझाव है। हम सब आपके साथ है। मोनु भगत के इस मैसेज के बाद गंभीर संचेती ने एक मैसेज भेजकर सभी मिलर्स से कहा कि आप सभी ब्लॉकों के लिए दो-दो नाम मोनू भगत या सतीश छुटनी के पास व्यक्तिगत फोन कर, जानकारी दे दें। जिससे वे दोनों आपस में मिलकर हर ब्लॉक के दो-दो नाम निर्धारित कर सकेंगे। इन मैसेजों के प्रकाश में आने के बाद यह तस्वीर अब साफ हो गई है की राईस मिलर्स और राजनैतिक व्यक्ति के बीच 3 केजी प्रति लाट के फार्मूले पर आम सहमति बनी और उसके मान से पूरे प्रदेश में वसूली का काम चालू हो गया। राइस मिलर्स, नागरिक आपूर्ति निगम और मार्कफेड एवं जिला प्रशासन और खादय विभाग के अधिकारियों के बीच इस समझौते को अमल में लाने के लिए पेशकश की गई और उसका क्रियान्वयन किया जाने लगा। जानकारी लगी है की जिले में वसूली की गई रकम गंभीर संचेती के पास जमा की गई जो राजनीतिक व्यक्ति तक पहुचाई जा चुकी है और अभी कलेक्शन जारी है।

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