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महिला पहलवानों की लड़ाई का नतीजा, बृजभूषण भारतीय कुश्ती महासंघ से बाहर

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महिला पहलवानों के द्वारा शुरु की गयी लड़ाई का नतीजा अब देखने को मिल रहा है। इसी संघर्ष का परिणाम है कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की नई कार्यकारिणी अगले महीने जब कार्यभार संभालेगी तो बृजभूषण शरण सिंह या उनके बेटे इसके हिस्सा नहीं होंगे। डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद को 12 अगस्त के चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में जगह नहीं मिली है। उनके बेटे करण प्रताप को भी इसमें जगह नहीं मिली है, जो कल तक डब्ल्यूएफआई के उपाध्यक्ष के तौर पर महासंघ का हिस्सा थे।

पिछले महीने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ अपनी बैठक में, प्रदर्शनकारी पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने ये मांग की थी कि बृज भूषण और उसके परिवार से किसी सदस्य को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। इस बैठक में अध्यक्ष, महासचिव और कोषाध्यक्ष जैसे प्रमुख पदों पर कौन बैठेगा? पहलवानों को यह तय करने में भी हिस्सेदारी देने का वादा किया गया था।

बृजभूषण के परिवार के तीन सदस्य जो अप्रैल में सरकार द्वारा डब्ल्यूएफआई को भंग करने से पहले इसका हिस्सा थे, उनमें से केवल उनके दामाद विशाल सिंह ही निर्वाचक मंडल में शामिल हैं, जिसे मंगलवार को अंतिम रूप दिया गया। दूसरे दामाद, पूर्व संयुक्त सचिव, आदित्य प्रताप सिंह को भी इस सूची से हटा दिया गया है। बिहार कुश्ती संघ के अध्यक्ष के रूप में, विशाल अपने राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे, लेकिन वह अध्यक्ष, महासचिव और कोषाध्यक्ष सहित किसी भी शीर्ष पद के लिए मैदान में नहीं हो सकते हैं।

हालांकि इस बीच, हरियाणा का एक होटल व्यवसायी असम का प्रतिनिधित्व करेगा। एक पूर्व राष्ट्रमंडल खेल चैंपियन, हरियाणा से ओडिशा का प्रतिनिधित्व करेगा। और रेलवे स्पोर्ट्स प्रमोशन बोर्ड (आरएसपीबी) के सचिव को गुजरात से प्रतिनिधि के रूप में नामित किया गया है।

देवेंद्र कादियान, अनीता श्योराण और प्रेम चंद लोचब तीन नाम हैं जो वैसे तो नामों की एक नियमित सूची में शामिल हैं, जिनमें प्रत्येक राज्य संघ के दो प्रतिनिधि शामिल होते हैं। केवल वे सदस्य जो निर्वाचक मंडल में शामिल हैं, वे पदों के लिए चुनाव लड़ सकते हैं और वोट डाल सकते हैं।

पहले महिला पहलवानों के विरोध प्रदर्शन को हल्के में लिया गया और शायद यही वजह है कि उनके तकलीफ को सुनने में सरकार इतनी देर की। महिलाओं के विरोध प्रदर्शन और उसके नतीजे को अगर हम समझना चाहें तो इसके लिए अंग्रेजी में एक कहावत है ‘फॉर एर्वी एक्शन, देयर इज अ रिक्शन’।

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