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*भावी केरल के विकास का रोडमैप है वर्ष 2025-26 का बजट*

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*(आलेख : के.एन. बालगोपाल, अनुवाद : संजय पराते)*

केरल के 2025-26 के बजट में 2 लाख करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न करने का अनुमान है और इसके बराबर ही राशि के व्यय का प्रस्ताव है।इसका मतलब यह है कि केरल का बजट दो ट्रिलियन रुपये का हो गया है। इस बजट में समाज में होने वाले छोटे-छोटे बदलावों का भी विश्लेषण किया गया है और केरल के भविष्य के लिए रणनीति तैयार करते समय वैश्विक स्थिति का सटीक आकलन किया गया है। बजट में राज्य में बढ़ते शहरीकरण, आबादी में वरिष्ठ नागरिकों की बढ़ती संख्या, अधिक से अधिक लोगों का विदेश में बसने की चाहत और जन्म दर में भारी कमी जैसे रुझानों को भी गंभीरता से लिया गया है। राज्य की भविष्य की विकास प्राथमिकताओं को तय करते समय इन सभी कारकों को ध्यान में रखा गया है।

2025-26 का बजट भाषण राज्य द्वारा गंभीर आर्थिक संकट के प्रतिकूल दौर से उबरने के संदर्भ के साथ शुरू हुआ। केंद्र सरकार द्वारा राज्य पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने के बावजूद, विकास की पहलों और कल्याणकारी उपायों के लिए धन उपलब्ध कराने में केरल सक्षम रहा। पिछले तीन साल आर्थिक चुनौतियों के दौर थे, लेकिन सावधानीपूर्वक वित्तीय सतर्कता और संसाधनों के सुनियोजित प्रबंधन ने राज्य को विकास के पथ पर आगे बढ़ने में सक्षम बनाया। राज्य ने अपने स्वयं के राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि करने में सफलता प्राप्त की है। राज्य का अपना राजस्व वर्ष 2020-21 में 47,660 करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2024-25 के अंत तक 81,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। राजस्व घाटा वर्ष 2021-22 में 2.25% से घटकर वर्ष 2023-24 में 1.58% हो गया है। उधार लेने की क्षमता में कमी आने, जीएसटी क्षतिपूर्ति की समाप्ति, केंद्र प्रायोजित योजनाओं के कोष में कमी, राजस्व घाटा अनुदान की समाप्ति आदि के कारण केंद्रीय पूल से प्रति वर्ष लगभग 50,000 करोड़ रुपये की कटौती हो रही है। इसके बावजूद, केरल अपनी स्थिति सुधार करने के लिए संघर्ष कर रहा है।

पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली पहली और दूसरी सरकारों द्वारा उठाए गए और लागू किए गए विकास और कल्याणकारी कदम अभूतपूर्व थे। सरकार ने वाम लोकतांत्रिक मोर्चे के नए और आधुनिक केरल के निर्माण के लक्ष्य को साकार करने के लिए कई कदम उठाए। इसने विकास और कल्याण के क्षेत्रों के साथ-साथ ज्ञान के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण प्रगति की है। राज्य के बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में जो बदलाव हुए हैं, उन्हें कई लोग आश्चर्य से देख रहे हैं।

*विझिंजम बंदरगाह और राष्ट्रीय राजमार्ग*

विझिंजम बंदरगाह और छह लेन वाला राष्ट्रीय राजमार्ग आने वाले दशकों में केरल के विकास के पीछे प्रेरक शक्ति के रूप में कार्य करेगा। राष्ट्रीय राजमार्ग के पूरा होने से केरल के दक्षिणी छोर से उत्तरी छोर तक यात्रा करने में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा। विझिंजम बंदरगाह को केंद्र में रखकर औद्योगिक क्षेत्र का जो विकास किया जा रहा है, उसके लाभ को राष्ट्रीय राजमार्ग सहित सुपर-फास्ट यात्रा सुविधाओं के जरिए पूरे केरल राज्य में ले जाने में मदद मिलेगी। इस बजट में परिकल्पित प्रमुख परियोजनाओं में से एक विझिंजम-कोल्लम-पुनालुर विकास त्रिकोण है, जो दक्षिणी केरल की प्रगति को बहुत बढ़ावा देगी। यह एक सर्वसमावेशी परियोजना है, जो राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य मार्गों, एमसी सड़कों और रेलवे नेटवर्क सहित मुख्य यात्रा मार्गों के आसपास उपलब्ध विशाल भूमि में भारी निवेश और मेगा विकास लाने में सक्षम है। सरकार ने विझिंजम बंदरगाह के विकास को पूरा करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं, जिसके वर्ष 2028 के बजाय दिसंबर, 2025 में ही पूरा होने की उम्मीद है। परियोजना निष्पादन को निर्धारित समय सीमा से आगे बढ़ाए जाने की आम प्रवृत्ति के विपरीत, समय सीमा से पहले पूरा होना एक आदर्श बन गया है। यह बदलते केरल की तस्वीर है। राज्य ने कई क्षेत्रों में जबरदस्त प्रगति करने में सफलता हासिल की है।

बजट में घोषित एक और उल्लेखनीय परियोजना तिरुवनंतपुरम से कासरगोड तक फैली 1800 किलोमीटर लंबी वेस्ट कोस्ट नहर के किनारे आर्थिक क्षेत्रों का विकास है। पर्यटन, उद्योग, कृषि और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में उच्च उत्पादन प्राप्त करना संभव है।

*वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी)*

वैश्विक क्षमता केंद्र बहुराष्ट्रीय कॉरपोरेट्स के कामकाज को समन्वित करने के लिए स्थापित की गई संस्थाएँ हैं। पूरी दुनिया में, जीसीसी आज बहुउद्देशीय केंद्रों के रूप में कार्य कर रहे हैं, जो कॉरपोरेट्स की कई गतिविधियों जैसे अनुसंधान, व्यापार, रोजगार प्रशिक्षण और डिजिटल लेन-देन को सुविधाजनक बनाते हैं। ये केंद्र विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) में स्नातक करने वाले लोगों सहित इच्छुक लोगों को प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं, ताकि उन्हें नई तकनीकों और वैश्विक व्यापार रुझानों से परिचित कराया जा सके। दुनिया में जीसीसी की कुल संख्या का 50% भारत में है। ये केंद्र कुल 64.6 अरब डॉलर का वार्षिक कारोबार  उत्पन्न करते हैं और 16 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं। केरल में जीसीसी में निवेश का एक प्रमुख प्राप्तकर्ता बनने की क्षमता है। शिक्षित युवाओं की मजबूत उपस्थिति वाले केरल को जीसीसी का स्वागत करने से बहुत लाभ होगा। जीसीसी क्षेत्र के एक पायलट अध्ययन को शुरू करने के लिए धनराशि निर्धारित की गई है और जीसीसी सम्मेलन के आयोजन की घोषणा की गई है।

*बदलती दुनिया और बदलता केरल*

ऊर्जा, ज्ञान, सूचना प्रौद्योगिकी आदि के क्षेत्र में पूरी दुनिया में आश्चर्यजनक परिवर्तन हो रहे हैं। केरल को इन विकासों के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। इन कारकों को ध्यान में रखते हुए बजट में बायो इथेनॉल और ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में परियोजनाओं की घोषणा की गई है। पर्यावरण के अनुकूल हाइड्रोजन ऊर्जा का उत्पादन करने के लिए राज्य में हाइड्रोजन वैली विकसित की जाएगी। पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिलाने की भारत सरकार की नीति 2025-26 के दौरान लागू की जाएगी। बजट में राज्य में बायो इथेनॉल बनाने की परियोजनाओं की परिकल्पना की गई है। इससे किसानों के लिए नए अवसर खुलेंगे। बायो इथेनॉल क्षेत्र को 6000 से 10000 करोड़ रुपये का कारोबार करने के लिए विकसित किया जाएगा।

हम केरल के ज्ञान क्षेत्र में संरचनात्मक परिवर्तन कर सकते हैं। सरकार ने अर्थव्यवस्था की मदद के लिए ज्ञान को उत्पाद में बदलने के लिए विभिन्न पहल की हैं। ग्राफीन के क्षेत्र में अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए “ग्राफीन के लिए भारत नवाचार केंद्र” की स्थापना की गई है। केरल चिकित्सा प्रौद्योगिकी संघ, माइक्रो बायोम में उत्कृष्टता केंद्र, न्यूट्रास्युटिकल्स में उत्कृष्टता केंद्र अन्य संस्थान हैं, जो अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में बनाए गए हैं या बनाए जा रहे हैं। इस सिलसिले में उन्नत प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में कई कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है। केरल के स्टार्ट अप इको सिस्टम को भारत में सर्वश्रेष्ठ आंका गया है। भारत सरकार की रेटिंग में भी केरल का स्टार्ट अप इको सिस्टम पहले स्थान पर है। केरल सरकार स्टार्ट अप को हर संभव समर्थन दे रही है। केरल भारत के शीर्ष व्यापार-अनुकूल राज्य के रूप में उभरा है। कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियां निवेश के लिए केरल आ रही हैं।

बजट में निवेश और विकास के इस माहौल को और बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। बजट में वरिष्ठ नागरिकों के उद्यमों को समर्थन देने के लिए “न्यू इनिंग्स” नामक एक नई परियोजना की घोषणा की गई है। “घर के पास काम” नामक कार्य के विकेंद्रीकृत केंद्र स्थापित किए गए हैं। छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमों को समर्थन और बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ हैं।

*नए केरल के लिए नया दृष्टिकोण*

केरल तेजी से बदल रहा है। राज्य में जनसांख्यिकीय संरचना और सामाजिक स्थिति में एक आदर्श बदलाव है। केरल को शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर हो रहे बदलावों के साथ-साथ बदलना और आगे बढ़ना होगा। बजट तैयार करते समय इन सभी कारकों को ध्यान में रखा जाता है। कई केरलवासी, खासकर युवा, रोजगार और शिक्षा के लिए विदेश जा रहे हैं। हाल के प्रवास की प्रकृति मूल रूप से खाड़ी देशों में पहले के प्रवास से अलग है। यूरोप और कुछ अन्य विकसित देशों में वर्तमान प्रवास बेहतर नौकरी या बेहतर पाठ्यक्रमों और प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में शिक्षा के लिए नहीं है। इनमें से कई देशों में आर्थिक और सामाजिक स्थिति खराब होती जा रही है। यह ध्यान देने योग्य है कि केरल में अच्छे अवसर होने के बावजूद भी विदेशों में प्रवास हो रहा है। कई लोग विदेशों में कम वेतन पर काम कर रहे हैं, जिसे वे केरल में ही कमा सकते हैं। इस परिस्थिति में हमें उस स्थिति की कल्पना करनी होगी, जब निकट भविष्य में कई लोग केरल वापस आएंगे। वे विझिंजम जैसे नए विकसित क्षेत्रों में उत्पन्न हो रहे रोजगार के अवसरों का उपयोग कर सकते हैं।

*नगरपालिका बांड*

जब अधिक से अधिक लोग शहरी क्षेत्रों में पलायन करेंगे, तो आवास, अपशिष्ट निपटान, सड़क, स्वच्छता, जल आपूर्ति आदि से जुड़े मुद्दे बढ़ेंगे और अधिक से अधिक सरकारी हस्तक्षेप की आवश्यकता होगी। यहां तक कि केरल के ग्रामीण क्षेत्र भी अधिक से अधिक शहरीकृत होते जा रहे हैं। केरल में हर दस या पंद्रह किलोमीटर पर महत्वपूर्ण छोटे शहर हैं। इसलिए नगरपालिकाएं लोगों की विभिन्न मांगों का सामना करने के लिए कई गतिविधियाँ कर सकती हैं और उन्हें ऐसा करना चाहिए। इसी उद्देश्य से नगरपालिकाओं को धन जुटाने के लिए बांड जारी करने की अनुमति दी गई है।

*सहकारी आवास*

शहरी क्षेत्रों में सहकारी आवास समितियां बनाने और आवास परिसर बनाने की परियोजना बजट में घोषित की गई है। इन सहकारी समितियों को सब्सिडी दी जाएगी। इन सहकारी समितियों के माध्यम से विभिन्न वर्गों के लोगों को किफायती आवास उपलब्ध कराया जा सकता है। कर्मचारी, विशेष रूप से सरकारी कर्मचारी, इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

*पर्यटन क्षेत्र*

केरल भारत का एक सुंदर राज्य है, जहाँ प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव करने के लिए कई जगहें हैं। केरल अपने प्राकृतिक सौंदर्य का उपयोग अपने पर्यटन उद्योग को विकसित करने के लिए कर सकता है। राज्य में घरेलू और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कई बुनियादी ढाँचे की सुविधाएँ स्थापित की गई हैं। केरल में होटल के कमरों की कमी है। इसे ध्यान में रखते हुए बजट में केएफसी द्वारा 50 करोड़ रुपये के ऋण की योजना की घोषणा की गई है। पर्यटन क्षेत्र के लिए केरल में खाली पड़े कई घरों का उपयोग करने के लिए के-होम्स नामक एक अन्य योजना की भी घोषणा की गई।

*एलडीएफ ही केरल के विकास की गारंटी है*

वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ही केरल के भविष्य के विकास और सामाजिक कल्याण की गारंटी है। एलडीएफ ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन, श्रमिकों, कर्मचारियों और किसानों के लाभ सुनिश्चित कर सकता है। जीवन आवास योजना, करुणा स्वास्थ्य लाभ योजना और लगभग 60 लाख लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन जैसी योजनाएं केवल एलडीएफ के सत्ता में होने और लोगों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता के कारण ही जारी हैं। जब केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों का निजीकरण करने में लगी है, तो केरल सार्वजनिक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए एक पूरी तरह से अलग नीति अपना रहा है। भारत में केरल में पीएससी भर्तियाँ सबसे ज़्यादा होती है। देश में कुल पीएससी भर्तियों में से लगभग 65% केरल में हो रही हैं। पब्लिक स्कूल और सरकारी अस्पताल उच्च मानकों को बनाए हुए हैं। केरल में सार्वजनिक वितरण प्रणाली अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल है। केरल ने राज्य में अति-गरीबों का सर्वेक्षण किया है और 64006 परिवारों की पहचान की है। नवंबर 2025 तक उन्हें अत्यधिक गरीबी से बाहर निकालने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक कार्यक्रम तैयार किया गया है।

राज्य सरकार के कर्मचारियों को अच्छे वेतन संशोधन का लाभ केवल इसलिए मिला है, क्योंकि पिनाराई सरकार दुबारा सत्ता में आई है। इस सरकार ने मार्च 2025 तक केएसआरटीसी को समर्थन देने के लिए 7090 करोड़ रुपये जारी किए हैं। पहली पिनाराई सरकार ने केएसआरटीसी को समर्थन देने के लिए 4823 करोड़ रुपये जारी किए थे। इससे ठीक पहले यूडीएफ ने अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान केएसआरटीसी को समर्थन देने के लिए केवल 1220 करोड़ रुपये जारी किए थे। इस संकट की अवधि के दौरान भी केएसआरटीसी कर्मचारियों का वेतन संशोधन किया गया है। यह सार्वजनिक क्षेत्र और उसके श्रमिकों के लिए एलडीएफ सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। लगभग 60 लाख लोगों को नियमित रूप से 1600 रुपये प्रति माह की सामाजिक सुरक्षा पेंशन वितरित की जा रही है, जो केरल की आबादी का लगभग छठा हिस्सा है। करुणा स्वास्थ्य लाभ की पात्रता लगभग 42 लाख परिवारों तक बढ़ाई गई है। केरल उन राज्यों में से एक है, जो आशा, आंगनबाड़ी और मध्याह्न भोजन योजना के कार्यकर्ताओं को सबसे अधिक पारिश्रमिक देता है। इन सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी उपायों के बीच केरल के भविष्य के लिए विकासात्मक गतिविधियाँ भी सीपीआई (एम) के नेतृत्व में की जा रही हैं, जो सभी गरीबों और ज़रूरतमंदों का ख्याल रखते हुए केरल को एक विकसित समाज बनाने की राह पर अग्रसर है। एलडीएफ सरकार के ये सभी कार्य बताते हैं कि यह केरल के लोगों के कल्याण की एकमात्र गारंटी है।

*(लेखक केरल के वित्त मंत्री और अखिल भारतीय किसान सभा के पदाधिकारी हैं। अनुवादक छत्तीसगढ़  किसान सभा के उपाध्यक्ष हैं। संपर्क : 94242-31650)*

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