सूत्रधार ने
बदल कर रख दिया है
कठपुतलियों के बीच
उठ रहा सारा विमर्श ।
अब से कोई भी कठपुतली
नहीं करेगी
किसान को न मिल रही एम एस पी की
या आवारा पशुओं द्वारा उनकी फसल चर जाने की बात…!
अब कोई बात नहीं होगी…!
कर्ज में दबे किसानों की आत्महत्याओं की..!
या फिर अहर्निश हो रहे बलात्कारों की..!
हत्याओं की…!
या फिर देश की संपत्ति को
लूट कर भाग गये मित्र पूँजीपतियों की…!
कोई बात नहीं की जायेगी
महंगाई, भूख और बेरोजगारी की..!
कोई याद नहीं दिलाएगा नोट बन्दी…!
जी एस टी या फिर…..
कोरोना की भेंट चढ़ गये लाखों लोगों की..!
उजड़ गए करोड़ों परिवारों की..!
ये अब कोई मुद्दे ही नहीं हैं…?
सूत्रधार की नजरों में..?
सूत्रधार खोज लाया है
इतिहास के खजाने से
हिन्दू- मुसलमान…!
हिन्दुस्तान-पाकिस्तान करने का मुद्दा..!
अगले चुनाव 2024 तक के लिए…!
मुफ्त दिखाई जाएग फिल्म ‘कश्मीर फाइल्स ‘..!
उभारा जाएगा कश्मीरी स्थापितों का मुद्दा…!
दिखाई जाएगी उनकी कारुणिक दशा..!
बहाए जाएंगे घड़ियाली आँसू…!
और मढ़ दिया जाएगा दोष ‘नेहरू के मत्थे ‘..!
जिन्दा रखा जाएगा मुद्दे को…
अगले चुनाव जीतने तक…!
उसके बाद अल्पसंख्यकों, दलितों, दलितों की
युवा लड़कियों से..!
उन्नाव,हाथरस,जम्मू, बदायूं
जैसे हत्या,माब-लिंचिग, बलात्कार का चलेगा लगातार
सिलसिला…!
अंधेरे में उनकी लाशों को जलाने जैसे कुकर्म की..!
क्योंकि प्रभु श्रीराम को लानेवाले कथित महान देशभक्त अपनी असली
औकात पर उतर जाएंगे..!
…और हां इन बातों का विरोध करने वाले बुद्धजीवियों को मौत के घाट उतारने के लिए..!
जैसे डाक्टर नरेंद्र दाभोलकर, प्रोफेसर कलबुर्गी, पत्रकार गौरी लंकेश और कामरेड पानसारे जैसों
की अपने पालतू गुंडों से लगातार हत्याएं की गईं..!
बस यही सिलसिला अगले पचास साल तक चलता रहेगा !
‘अगले पचास साल तक बीजेपी शासन करेगी..! ‘
क्योंकि अमित शाह की ऐसी ही इच्छा है..!
साभार - सुप्रसिद्ध दार्शनिक कवि रामकिशोर मेहता, अहमदाबाद, गुजरात,
संकलन -निर्मल कुमार शर्मा, 'गौरैया एवम् पर्यावरण संरक्षण तथा देश-विदेश के समाचार पत्र- पत्रिकाओं में पाखंड, अंधविश्वास,राजनैतिक, सामाजिक,आर्थिक,वैज्ञानिक, पर्यावरण आदि सभी विषयों पर बेखौफ,निष्पृह और स्वतंत्र रूप से लेखन ', गाजियाबाद, उप्र,