अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

राज- नीति में त्याग की भावना?

Share

शशिकांत गुप्ते

हिंदी में त्यागपत्र,इस्तीफा और अंग्रेजी में Resignation कहतें हैं। मराठी में राजीनामा कहतें हैं।
त्यागपत्र शब्द में पहला शब्द त्याग लिखा गया है। किसी पद को त्यागने के लिए जो पत्र लिखा जाता है, उसे ही त्यागपत्र कहा जाता है।
त्यागपत्र का महत्व जानने के लिए हमें पचास के दशक में जाना पड़ेगा।
25 नवंबर 1956 रेल हादसा होने पर तात्कालिक रेलमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने रेल मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। 1956 में महबूबनगर रेल हादसे में 112 लोगों की मौत हुई थी। इस पर शास्त्री ने इस्तीफा दे दिया। इसे तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने स्वीकार नहीं किया। तीन महीने बाद ही तमिलनाडु के अरियालूर रेल दुर्घटना में 114 लोग मारे गए। उन्होंने फिर इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इस्तीफा स्वीकारते हुए संसद में कहा वह इस्तीफा इसलिए स्वीकार कर रहे हैं कि, यह एक नजीर बने। इसलिए नहीं कि हादसे के लिए किसी भी रूप में शास्त्री जिम्मेदार हैं?
नजीर का शाब्दिक अर्थ होता है, उदाहरण, मिसाल और कानूनी अर्थ होता है,उच्च न्यायालय का वह निर्णय जो पुराने मुकदमे के तहत दिया गया हो तथा जिसे पक्ष समर्थन हेतु प्रस्तुत (पेश) किया जाए।
शास्त्रीजी ने नैतिकता की मिसाल पेश की थी।
आज क्या हो रहा है? नैतिकता कहाँ खो गई है? शात्रीजी ने महज एक रेल हादसे की जिम्मेदारी स्वयं पर लेतें हुए,रेलमंत्री पद को त्याग दिया था।
तात्कालिक प्रधानमंत्री ने शास्त्रीजी का इस्तीफा एक मिसाल के तौर पर स्वीकार किया था। यह मिसाल इतिहास के पन्नो में कैद हो कर रह गई।
आज नैतिकता का सिर्फ ढिंढोरा पीटा जाता है। नीति की घोषणाएं जोरशोर से सिर्फ चुनावी रैलियों की जाती है,और चुनावी घोषणा पत्र में नीति को सिर्फ औपचारिकता निर्वाह करने के लिए प्रस्तुत किया जाता है। किसी भी नीति का व्यवहारिक क्रियान्वयन करने के लिए जो स्वच्छ नीयत चाहिए वह सत्ताधीशों के जेहन से नदारद हो जाती है?
इनदिनों राजनीति सिर्फ सत्ता केंद्रित हो गई है। सत्ता एक साधन हो सकता है,साध्य नहीं है।
सत्ता को सिर्फ उपभोग का साधन समझकर उसका निहितस्वार्थ के लिए उपयोग करना अलोकतांत्रिक सोच का ही उदाहरण है।
लोकतंत्र में एक ही दल के द्वारा बार बार बहुमत प्राप्त करने का मतलब बहुमत प्राप्त करने वाले दल की लोकप्रियता है, ऐसा कतई नहीं समझना चाहिए।
आज नैतिकता के आधार पर कोई भी जनप्रतिनिधि पद त्यागने को तैयार नहीं होता है।ना ही किसी सेवाभावी प्रधान के अंतर्मन में त्यागपत्र मांगने के लिए के लिए नैतिकता जागती है?
बार बार एक ही मुद्दा जेहन में उपस्थित होता है कि,नीति और नीयत पर व्यापक बहस कब होगी?
एक बात की संभावना जरूर महसूस होती है कि त्यागपत्र की जगह मराठी शब्द का राजीनामा का उपयोग किया जाए।राजीनामा का हिंदी में अर्थ होता है, आपसी समझौता।
सम्भवतः राजनीति में राजीनामा का मतलब यूँ समझा जाता होगा,
आरोपी अपने रसूख के आधार पर इस्तीफा नहीं देने के लिए सत्ता को राजी कर लेता होगा?
मुख्य सवाल है नैतिकता का?
वर्तमान में उत्तरप्रदेश के लखमीपुर में जो कुछ घटित हुआ, उसकी जांच विशेष जांच दल ने की है। जांच के निष्कर्ष पर सम्बंधित मंत्री से सजगप्रहरी द्वारा सवाल पूछना भी जोख़िम का कार्य हो गया है। कारण सवाल पूछने वालों पर मंत्रीजी स्वयं ही लपक लिए।(लपकना ने की क्रिया मानव नहीं करता है) पत्रकारों पर लपक कर मंत्री महोदय ने सिद्ध कर दिया कि उनके कथनी करनी में कोई अंतर नहीं है। वे सिर्फ दो मिनिट में सब कुछ ठीक कर सकतें हैं?
देश की जनता आश्वश्त है कि, देश की बागडौर मजबूत द्वय के हाथों में है। मजबूती का प्रमाण भी सीना थोक कर बाकायदा सीने के नाप के साथ दिया गया है।
स्वतंत्रता प्राप्ती के बाद सत्तर वर्षो तक कुछ हुआ या नहीं हुआ लेकिन इन सत्तर वर्षो में नैतिकता की बहुत सी मिसाल इतिहास में नोट है।
पुनः वही सवाल कहाँ खो गई है नैतिकता?
किसी भी व्यक्ति में शारीरिक क्षमता होना,मुँह से ना खाऊंगा ना ही खाने दूंगा जैसे वाक्य बोलना,बहुत आसान है।
नैतिकता के आधार पर क्रियान्वयन करना ……. ?
पूर्ण विराम।
प्रख्यात गांधीवादी स्वतंत्रता सैनानी,आदिवासियों के मसीहा,समाजवादी चितंक स्व.मामा बालेश्वर दयाल हमेशा कहतें थे,कोई भी नीति कितनी अच्छी हो उस पर तबतक भरोसा नहीं करना चाहिए जबतक नीति प्रस्तुत करने वाले की नीयत स्पष्ट न हो।

शशिकांत गुप्ते इंदौर

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें