Nifty Realty में 7 महीने की सबसे बड़ी गिरावट, एक्सपर्ट्स ने बताया- कैसा रहेगा आने वाला समय
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की भारी बिकवाली से शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला आज लगातार चौथे दिन जारी रहा। प्रमुख बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स 1,048 अंक का गोता लगाकर 77,000 के नीचे आ गया जबकि निफ्टी में 345 अंक की गिरावट आई। दिसंबर तिमाही के कंपनियों के नतीजे की चिंता और अमेरिका में रोजगार के ताजा आंकड़ों के बाद निवेशक जोखिम वाली संपत्तियों में बिकवाली कर रहे हैं।
सेंसेक्स 1,048.90 अंक या 1.4 फीसदी गिरावट के साथ 76,330 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 346 अंक या 1.5 फीसदी गिरावट के साथ 23,086 पर बंद हुआ। बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 12.6 लाख करोड़ रुपये घटकर 417 लाख करोड़ रुपये रह गया।
निफ्टी मिडकैप में 4.02 फीसदी गिरावट आई जो 4 जून, 2024 के बाद एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। निफ्टी स्मॉलकैप 4.1 फीसदी नुकसान में रहा। मिडकैप और स्मॉलकैप में गिरावट ऊंचे मूल्यांकन के कारण आई है। विश्लेषकों ने कहा कि अगर कंपनियों के नतीजे निराशाजनक रहे तो इन सूचकांकों में और गिरावट आ सकती है।विदेशी निवेशकों ने 4,893 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की और घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 8,066 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
सोमवार को रियल एस्टेट कंपनियों के शेयरों ने जोरदार झटका दिया। निफ्टी रियल्टी इंडेक्स में 6.47% की गिरावट दर्ज हुई, जो पिछले 7 महीनों की सबसे बड़ी गिरावट है। इससे पहले 4 जून 2024 को इंडेक्स में 13.8% की भारी गिरावट देखी गई थी। फीनिक्स, मैक्रोटेक डेवलपर्स (लोढ़ा), शोभा और ब्रिगेड एंटरप्राइजेज के शेयर 6% से 9% तक लुढ़क गए। वहीं, डीएलएफ, ओबेरॉय रियल्टी, प्रेस्टिज एस्टेट्स और गोदरेज प्रॉपर्टीज जैसे दिग्गज भी 4% से 5% के बीच गिरे।
विशेषज्ञों का कहना है कि दिसंबर तिमाही (Q3FY25) के कमजोर नतीजों की उम्मीद और ग्रोथ को लेकर चिंता ने बाजार को झकझोर दिया। इसके साथ ही, कई कंपनियों की प्री-सेल्स में धीमी रफ्तार से निवेशकों की निराशा बढ़ी। आज बाजार बंद होने तक निफ्टी रियल्टी इंडेक्स 6.47% गिरकर 901 पर ट्रेड कर रहा था।
मैक्रोटेक डेवलपर्स पर खास नजर
मैक्रोटेक डेवलपर्स (लोढ़ा) के शेयर सोमवार को 9% गिरकर ₹1,171.30 पर आ गए। बीते छह दिनों में यह शेयर 16% की गिरावट झेल चुका है। कंपनी ने Q3FY25 में केवल 5% की तिमाही वृद्धि के साथ ₹4,510 करोड़ की प्री-सेल्स की, जबकि कलेक्शन 40% बढ़कर ₹4,290 करोड़ हो गया।
एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग की रिपोर्ट के मुताबिक, आदित्य बिड़ला रियल एस्टेट, प्रेस्टिज एस्टेट्स, शोभा, कोल्टे-पाटिल जैसे नामों के लिए यह तिमाही धीमी रह सकती है क्योंकि नई लॉन्चिंग कम हुई। लेकिन गोदरेज प्रॉपर्टीज, डीएलएफ, ओबेरॉय रियल्टी, सनटेक रियल्टी और ब्रिगेड एंटरप्राइजेज जैसी कंपनियों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है, जिनके पास नई लॉन्चिंग और इन्वेंट्री दोनों मौजूद हैं।
2025: नई शुरुआत का साल?
विश्लेषकों का मानना है कि 2025 की शुरुआत में नई प्रोजेक्ट लॉन्चिंग बढ़ने की संभावना है। कई डेवलपर्स फंड जुटा रहे हैं और ग्रोथ पर फोकस कर रहे हैं। निर्मल बंग इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा, रियल एस्टेट सेक्टर FY25 से FY30 के बीच 9% की सालाना ग्रोथ के साथ $1 ट्रिलियन तक पहुंच सकता है। यह क्षेत्र भारत की जीडीपी में 13% का योगदान दे सकता है।
फ्री प्रेस जर्नल के हवाले से ANAROCK ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, “2024 हाउसिंग मार्केट के लिए मिला-जुला रहा। चुनावों और प्रोजेक्ट अप्रूवल में देरी के कारण नई लॉन्चिंग धीमी रही। 2024 में घरों की औसत कीमतें 21% बढ़ीं, लेकिन 2025 में यह तेजी थम सकती है।
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