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ठगी करने के बाद पूरी तरह से निश्चिंत गुजरात के ठग

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सनत जैन

पिछले कुछ वर्षों में गुजरात एक ऐसे राज्य के रूप में उभरा है, जिसकी कई तरीके से नई पहचान बनती जा रही है। अब एक नई पहचान सारे देश और दुनिया में देखने को मिल रही है, ठगी के रूप में। गुजरात के ठगों ने अपने कौशल का झंडा देश और विदेशों तक में गाड़ दिया है। विभिन्न प्रकार से संगठित ठगी और धोखाधड़ी के मामले में गुजरात के ठग सारी दुनिया के देशों में सुर्खियों में बने हुए हैं।

गुजराती ठगों ने समाज के हर वर्ग को निशाना बनाया है। आम नागरिक हों, या उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी, नेताओं और बैंकों को भी चूना लगाने की महारत गुजराती ठगों के पास है। ऐसा कौन सा काम बाकी रह गया है, जो गुजरात के ठगों द्वारा नहीं किया जा सकता है। गुजरात को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लोह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल और मोहम्मद अली जिन्ना के कारण सारी दुनिया में जाना जाता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को वैश्विक महाशक्ति बनाने की दिशा में प्रयासरत हैं। पिछले 10 वर्षों में उन्होंने भी विश्व में अपनी पहचान विश्व गुरु के रूप में बनाई है। दूसरी ओर गुजराती ठग देश एवं दुनिया में गुजरात की नई छवि ठगी के क्षेत्र में बना रहे हैं। गुजरात के ठगों की हिम्मत और चालाकी इतनी बढ़ चुकी है कि वो फर्जी जज, फर्जी वकील और फर्जी ट्रिब्यूनल बनाकर कई सालों तक लोगों को ठगने का हुनर जानते हैं।

इसके अलावा हजारों करोड़ रुपए की सरकारी जमीन कबजाने में भी यह ठग पीछे नहीं रहे हैं। ताजा मामला गांधीनगर के मॉरिस सैमुअल का है, जिसने फर्जी अदालत लगाकर पांच साल तक लोगों को अपने जाल में फंसाया। पोल खुलने के पहले तक उसने विवादित जमीनों के फैसले सुनाकर अरबों रुपए की जमीन हेराफेरी कर दी। इसी तरह किरण पटेल नामक ठग का मामला भी चौंकाने वाला है। जिसने खुद को पीएमओ का अधिकारी बताकर, कश्मीर तक वीआईपी ट्रीटमेंट और सुरक्षा को लेकर करोड़ों रुपए की ठगी कर ली। वह भी कश्मीर जैसे राज्य में, जहां चप्पे-चप्पे पर पुलिस और मिलिट्री का पहरा होता है। फर्जी दस्तावेजों के जरिए हजारों करोड़ों रुपए की ठगी के सैकड़ों मामले सामने आ चुके हैं। ये घटनाएं केवल राज्य या देश तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि गुजरात से जुड़े ठगों का जाल देश के सभी राज्यों और विदेशों तक फैला है। अमेरिका जैसे देश में गुजराती ठग ने फर्जी ग्रीन कार्ड से लेकर बड़े-बड़े अंतरराष्ट्रीय आर्थिक घोटाले के मामले सामने आ चुके हैं। भारतीय बैंकों से हजारों करोड़ों रुपए की ठगी करके कई कारोबारी गुजराती ठग विदेशों में जाकर रह रहे हैं।

उन्होंने भारत से भाग कर विदेशों की नागरिकता ले ली है। भारत सरकार एक भी ठग को विदेश से भारत वापस नहीं ला पाई है। सवाल यह है, कि आखिर गुजराती ठगों के इतने मामले क्यों सामने आ रहे हैं। 2014 के बाद से बड़ी संख्या में गुजराती ठगों को जहां मौका मिलता है, वहीं ठगी करना शुरू कर देते हैं। दुनिया और ब्रह्मांड में ऐसी कोई चीज नहीं है। जो गुजराती ठगों की जद से बाहर हो। गुजरात के ठगों को कानून और सजा का कोई डर नहीं रहा। क्या, ठगों को राजनेताओं, न्यायपालिका और प्रशासन का संरक्षण मिल रहा है? भ्रष्टाचार और सांठ-गांठ की गहरी जड़ें राजनेताओं, न्यायिक अधिकारियों, प्रशासन और पुलिस तक अपनी जड़ें जमा चुकी हैं। जो भी हो, स्पष्ट है, कि गुजरातियों को ठगी के क्षेत्र में सारी दुनिया में विशिष्ट माना जाने लगा है। गुजरात के ठगों ने अपने कौशल से यह साबित कर दिया है। देश और विदेश की पुलिस और कानून व्यवस्था उनकी ठगी के रास्ते में रुकावट नहीं डाल सकती हैं। कभी किसी बड़े उद्योगपति ने तीन दशक पहले चांदी के जूते की ताकत को सार्वजनिक किया था। चांदी का जूता बड़ा चमत्कारी होता है।

यह हर किसी की आंख, कान और मुंह बंद रखने की क्षमता रखता है। यही एक कारण है, गुजरात के ठग, ठगी करने के बाद पूरी तरह से निश्चिंत रहते हैं। उनके पास हमेशा चांदी का जूता होता है। चांदी के जूते के बल पर वह ठगी का पैसा, सुरक्षित रख पाते हैं। ठगी के पैसे से देश एवं विदेशों में गुजराती ठग ऐश कर रहे हैं। अब तो लोग यह भी कहने लगे हैं कि गुजरात के ठगों को कॉलेज और विश्वविद्यालय खोलकर इसकी डिग्रियां भी बांटना चाहिए। ताकि ठगी का यह गुण आम जनता भी सीख सके। ठगी के सहारे सारी दुनिया के देशों में भारत को आर्थिक दृष्टि से भारत को प्रथम पंक्ति में आकर खड़ा कर सकें। भारत में जिस तरह से ठगी की घटनाएं बढ़ रही हैं। उसे रोकने के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। गुजरात की जो छवि संपूर्ण देश एवं दुनिया में बनती जा रही है, इसका भारत की छवि पर खराब असर पड़ रहा है।

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