शिव प्रतिमा इतनी विशाल कि इसे देखने में लगेंगे चार घंटे
रामस्वरूप मंत्री

नाथद्वारा स्थित विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा ‘विश्वास स्वरूपम’ बाहर से ही नहीं, अंदर से इतनी विशाल है कि उसके अंदर छोटा-मोटा गांव बस सकता है। इसके अंदर बने हाल में एक साथ दस हजार लोग आ सकते हैं। इस प्रतिमा की ऊंचाई 369 फीट है ।
भगवान शिव को दर्शाती यह विशाल प्रतिमा 351 फीट ऊंची है, जो इसे दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा (Worlds tallest shiva statue- Statue of belief) बनाती है. इसकी भव्यता और आध्यात्मिक महत्व दुनिया भर से तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं.
इस प्रतिमा के निर्माण में लगभग 10 साल का समय लगा और 50000 से अधिक कर्मचरियों ने अपनी प्रतिभा से तराशा है. आठ वर्षों में निर्मित, विश्वास की प्रतिमा आधुनिक इंजीनियरिंग की एक उत्कृष्ट कृति है. मूर्तिकार नरेश कुमावत ने गाइड किया है.इस परियोजना में कुशल कारीगरों, इंजीनियरों और वास्तुकारों की एक टीम शामिल थी, जिन्होंने इस दृष्टि को जीवन में लाने के लिए सावधानीपूर्वक काम किया. यह प्रतिमा कंक्रीट और स्टील से बनी है.
राजस्थान में 33 जिले और 29 जीवंत शहर हैं। प्रत्येक शहर पर्यटकों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करता है और उन्हें रेगिस्तानी राज्य की पारंपरिक सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराता है।पर्यटन के लिए राजस्थान के हर शहर में कुछ ना कुछ देखने लायक है जहां पुराने महल किले पर्यटकों को आकर्षित करते हैं वहीं कुछ नए निर्माण भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है ।ऐसा ही एक आकर्षक निर्माण राजस्थान के चार धामों में से एक नाथद्वारा में बना विश्वास स्वरूपम है ।

- नाथद्वारा की गणेश टेकरी पर बनी यह प्रतिमा 51 बीघा की पहाड़ी पर बनी है।
- प्रतिमा कंक्रीट से बनी है जिसके बाहर पंच धातु का लेप लगाया गया है।
- प्रतिमा में भगवान शिव ध्यान की मुद्रा में विराजमान हैं।
- प्रतिमा की ऊंचाई इतनी है कि जो कई किलोमीटर दूर से ही नजर आने लग जाती हैं।
- लाइट्स की सुविधा से रात में भी यह प्रतिमा स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।
- प्रतिमा के अंदर अलग-अलग ऊंचाई तक जाने के लिए 4 लिफ्ट लगी हैं।
- श्रद्धालुओं को 20 फीट से लेकर 351 फीट की ऊंचाई तक का सफर करवाया जाता है।
- निर्माण में 3000 टन स्टील और लोहा, 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट का इस्तेमाल हुआ

नाथद्वारा की गणेश टेकरी पर बना यह केंद्र 10 साल की मेहनत से तैयार हुआ है । जिसमें हजारों मजदूरों ने अपना पसीना बहाया है। वही करोड़ों रुपए की लागत भी आई है तथा विश्व की सबसे ऊंची शिव पतिमा यहां स्थापित है नाथद्वारा में ही एक और विश्व की सबसे बड़ी हनुमान प्रतिमा का भी निर्माण शुरू हो गया है यह भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र होगा ।

विश्वास स्वरूपम में पर्यटकों के आकर्षण के केंद्र हैं। प्रवेश द्वार ,जीप लाइन, प्रकाश वन, संगम स्थल,भवई,इंन्द धनुष,हरिहर सेतू, गिल्ली डंडा,ज्वाइन्ट स्वींग,फूड कोर्ट , धर्म स्थल,मेज गार्डन,प्रोजेक्शन मेपिंग, विश्वास वंदन स्थल,ग्लास वाक वे,व्यूमिंग गैलरी,निज आत्म अभिषेक,गो काउंटिंग,बजी जम्पिंग,कैलाशा और निज आत्म मंथन ।विश्वास स्वरूप में पर्यटकों को आकर्षित करता है रात को होने वाला लाइट शो तो देश भर में लाइट शो क कई जगह आयोजन होते हैं लेकिन नाथद्वारा के विश्वास स्वरूपम में होने वाला लाइट शो इस महीने में अलग है कि यहां सप्ताह के सातों दिन लाइट शो में अलग-अलग कहानी बताई जाती है। सोमवार और मंगलवार को शब्द उत्पत्ति ,बुधवार को महारास, गुरुवार को ब्रह्मांड दर्शन शुक्रवार को काम दहन और शनिवार तथा रविवार को रुद्राष्टकम की कहानियों को जीवत रूप से प्रसारित किया जाता है, जो पर्यटकों को आकर्षित करता है। नाथद्वारा अपने प्रसिद्ध स्थल के लिए एक प्रसिद्ध शहर है।
श्रीनाथजी मंदिर‘ भगवान कृष्ण को उनके दुर्लभ शिशु रूप में समर्पित इस पवित्र स्थल पर अक्सर भक्त आते हैं। लेकिन शहर में आने का यही एकमात्र कारण नहीं होना चाहिए। अन्य दर्शनीय स्थलों में विश्वास स्वरूपम या विश्वास की प्रतिमा भी शामिल है। आज, यह स्थान अपनी विशिष्टता के कारण भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
विश्वास स्वरूपम है विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा इसे देखने में चार घंटे लगेंगे। प्रतिमा के अंदर अलग-अलग ऊंचाई तक जाने के लिए 4 लिफ्ट लगी हैं। यहां दर्शन करने आने वाले लोगों को 20 फीट से लेकर 351 फीट की ऊंचाई तक का सफर करवाया जाएगा।।
नाथद्वारा स्थित विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा ‘विश्वास स्वरूपम’ बाहर से ही नहीं, अंदर से इतनी विशाल है कि उसके अंदर छोटा-मोटा गांव बस सकता है। इसके अंदर बने हाल में एक साथ दस हजार लोग आ सकते हैं। इस प्रतिमा की ऊंचाई 369 फीट है ।
विश्व के सबसे ऊंची शिव प्रतिमा इतनी विशाल कि इसे देखने में लगेंगे चार घंटे
राजसमंद जिले के नाथद्वारा कस्बे की गणेश टेकरी पर बने विश्व के सबसे ऊंची शिव प्रतिमा इतनी विशाल है कि इसे देखने में चार घंटे लगेंगे। प्रतिमा के अंदर अलग-अलग ऊंचाई तक जाने के लिए 4 लिफ्ट लगी हैं। यहां दर्शन करने आने वाले लोगों को 20 फीट से लेकर 351 फीट की ऊंचाई तक का सफर करवाया जाएगा। इसमें लिफ्ट के जरिए 270 फीट की ऊंचाई तक जाकर शिवजी के बाएं कंधे पर लगे त्रिशूल के दर्शन किए जा सकेंगे। यहीं से तद पदम उपवन को देखा जा सकता है।
शीशे से बना ब्रिज, जहां जाना आसान नहीं
प्रतिमा पर 270 से 280 फीट की ऊंचाई पर जाने के लिए एक छोटा से ब्रिज बनाया गया है। इसकी खासियत है कि यह ब्रिज पत्थर या आरसीसी का नहीं, बल्कि शीशे से बनाया गया है। 21 सीढ़ियों को पार करने में ही इतना वक्त लग जाता है, जितने में आदमी पांच से दस मंजिल चढ़ जाए। शीशे से बनी सीढ़ियों से ग्राउंड फ्लोर का नजारा बेहद ही दर्शनीय है। 280 फीट की ऊंचाई पर भगवान शिव का दायां कंधा है, जहां से भगवान शिव के नाग के दर्शन आपको आसानी से हो सकेंगे।
- विश्व के 5 सबसे बड़ी शिव प्रतिमाएं-
- विश्वास स्वरूप, राजस्थान – 369 फीट
- कैलाशनाथ महादेव मंदिर, नेपाल – 143 मीटर
- मरुदेश्वर मंदिर, कर्नाटक – 123 मीटर
- आदियोग मंदिर, तमिल – 112 मीटर
- मंगल महादेव, मारीशस – 108 मीटर
विश्वास स्वरूपम नई टेक्नॉलजी के उपयोग से बना है यहां आपको आध्यात्मिक शांति के साथ ही कई चीजे देखने और करने को मिलेगी जैसे- 3-डी प्रोजेक्ट मैपिंग शो (लाइट एण्ड साउन्ड शो), बंजी जंपिंग, Kailasha-The Snow Park में आप भरपूर मजा ले सकते है

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कैसे पहुंचें- विश्वास स्वरूपम
नाथद्वारा सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, जिससे यह उदयपुर जैसे प्रमुख शहरों से आसानी से पहुंचा जा सकता है, जो कि केवल 45 किलोमीटर दूर है. उदयपुर, जो अपने हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन के लिए जाना जाता है, देश भर के यात्रियों के लिए एक सुविधाजनक प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है. उदयपुर से नाथद्वारा के लिए नियमित बस सेवाएं और टैक्सियां उपलब्ध हैं, जो परेशानी मुक्त यात्रा सुनिश्चित करती हैं.
यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय
स्टैच्यू ऑफ बिलीफ, विश्वास की प्रतिमा देखने के लिए आदर्श समय अक्टूबर से मार्च तक सर्दियों के महीनों के दौरान होता है, जब मौसम सुहावना होता है और बाहरी गतिविधियों के लिए अनुकूल होता है. इस अवधि के दौरान, साफ आसमान और हल्का तापमान एक आरामदायक और आनंददायक यात्रा बनाता है.
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