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प्रमोशन में रिजर्वेशन की नीति में फिलहाल कोई बदलाव नहीं

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प्रमोशन में भी रिजर्वेशन देने से पहले एससी एसटी वर्ग के प्रतिनिधित्व के आंकड़े जुटाए जाएं। 
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से अब उच्च पदों पर प्रमोशन हो सकेंगे

एस पी मित्तल, अजमेर
28 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी विभागों में प्रमोशन में रिजर्वेशन की मौजूदा नीति में कोई ढील नहीं दी जाएगी। मालूम हो कि केंद्र सरकार और अनेक राज्य सरकारों ने एससी एसटी वर्ग के अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रमोशन में भी रिजर्वेशन देने के सुझाव सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किए थे। सरकारों की ओर से कहा गया कि प्रमोशन में रिजर्वेशन की नीति नहीं होने से एससी एसटी वर्ग को उच्च पदों पर प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाता है। इसलिए जिस प्रकार नियुक्ति के समय आरक्षण दिया जाता है, उसी प्रकार एससी एसटी वर्ग के कार्मिकों को पदोन्नति में भी आरक्षण का लाभ दियाजाए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों के इन सुझावों को फिलहाल मानने से इंकार कर दिया। लंबी सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने गत 26 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रखा था। 28 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने अपना निर्णय उजागर किया। कोर्ट ने कहा कि प्रमोशन में रिजर्वेशन से पहले उच्च पदों के प्रतिनिधित्व के आंकड़े जुटाए जाएं, जिससे एससी एसटी वर्ग के प्रतिनिधित्व का पता चल सके। इस मामले में अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी जानकार सूत्रों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से अब केंद्र और राज्यों को सरकारी विभागों में पदोन्नितियां हो सकेंगी। सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन होने के कारण लंबे अर्से से उच्च पदों पर प्रमोशन नहीं हो पा रहे थे। केंद्र और राज्य सरकारों में इतनी हिम्मत नहीं थी कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले मौजूदा नीति से पदोन्नति कर सकेकं। हालांकि शुरुआती सुनवाई के समय सुप्रीम कोर्ट ने प्रमोशन प्रक्रिया पर कोई रोक भी नहीं लगाई थी, लेकिन फिर भी राजनीतिक कारणों से उच्च पदों पर प्रमोशन नहीं किए गए। ऐसे लाखों मामले अटके पड़े थे, लेकिन अब पुरानी नीति से ही सरकारी विभागों में पदोन्नतियां हो सकेंगी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान ही यह तर्क दिया गया था कि नियुक्ति में आरक्षण सामाजिक बदलाव के लिए दिया गया था। पदोन्नति में आरक्षण से सामाजिक बदलाव पर कोई असर नहीं डालता है। यह भी कहा गया कि आरक्षण का लाभ एक ही परिवार को देने के बजाए एससी एसटी वर्ग को समान रूप से दिया जाए। यदि एससी एसटी वर्ग के हर परिवार को आरक्षण का लाभ मिलेगा तो सामाजिक बदलाव और प्रभावी होगा। एक परिवार के किसी सदस्य ने सरकारी नौकरी प्राप्त कर ली है तो अगली बार उस परिवार को आरक्षण का लाभ मिले, जिनके एक भी सदस्य को सरकारी नौकरी नहीं मिली है। 

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