मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज है। इस बीच इस एक ग्राम पंचायत में लोगों ने चुनाव के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। आलम यह है कि यहां सरपंच और पंच पद के लिए एक भी नामांकन तक नहीं हुआ है। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर इस स्थिति में ग्राम पंचायत का प्रतिनिधित्व कौन करेगा।
छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा में स्थित है गुजरखेड़ी ग्राम पंचायत। यह पंचायत इस वक्त सुर्खियों में है। ग्राम पंचायत की चर्चा यहां हुआ विकास कार्यों को लेकर नहीं हो रही है बल्कि चर्चा में यह पंचायत इसलिए है क्योंकि इस बार यहां से किसी ने भी पंच या सरपंच पद के लिए नामांकन नहीं भरा है।
दरअसल पंचायत में विकास का काम नहीं होने की वजह से यहां के लोग सरकार से नाराज हैं और पर्चा ना भरने के पीछे इनकी यही नाराजगी है। गुजरखेड़ी ग्राम पंचायत 3 गांवों को मिलाकर बनी है। इस ग्राम पंचायत में गुजरखेड़ी,अम्बाडाखुर्द और जूनापानी गांव में कुल 1266 मतदाता हैं जिसमें 647 पुरुष और 619 महिला मतदाताओं की संख्या है।
गांव के लोगों ने फैसला किया है कि वो इस बार पंचायत चुनाव में वोट नहीं डालेंगे। ग्रामीणों का कहना है कि करीब 15 साल पहले जूनापानी से गुजरखेड़ी तक 5 किलोमीटर सड़क बनी थी। लेकिन उसकी हालत जर्जर हो गई है। लगातार जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों से सड़क की मांग की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब लोगों ने ऐलान कर दिया है कि रोड नहीं तो वोट नहीं।अब सवाल यह है कि अगर इस पंचायत से किसी ने भी नामांकन दाखिल नहीं किया है तो इसका प्रतिनिधित्व कौन करेगा? प्रशासन का कहना है कि ऐसे ग्राम पंचायत जहां से कोई भी नामांकन नहीं मिला है उसकी सूची चुनाव आयोग को दी जाएगी और अंतिम फैसला आयोग ही लेगा। बता दें कि सामान्य परिस्थितियों में यहां दोबारा चुनाव कराए जाते हैं।