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भविष्य के एक शहर की चर्चा अभी से, जिसमें रहेंगे सिर्फ ‘रोबोट’

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कभी आपने सोचा है कि भविष्य कैसा होगा? उसमें रहने वाले इंसान कैसे होंगे, और वो जहां रहेंगे, यानी घर और शहर कैसे होंगे? इस सवाल का जवाब देना वैसे तो काफी मुश्किल है, पर भविष्य के एक शहर की चर्चा अभी से होने लगी है, जिसे खरब रुपये खर्च कर बनाया जा रहा है. जल्द ही इस शहर में लोग रहना शुरू कर देंगे. इस शहर के बारे में जब आप ज्यादा जानेंगे, तो हैरान हो जाएंगे. इस शहर में हर चीज स्मार्टहोगी, जो रोबोट्स की मदद से चलेगी, ऐसे में इसे रोबोट शहर भी कह सकते हैं, जहां इंसानों के साथ रोबोट्स ही रहेंगे.

रिपोर्ट के अनुसार जापानी कार कंपनी टोयोटा, वोवेन सिटी नाम से एक शहर बसा रही है, जिसका निर्माण कार्य साल 2021 से ही शुरू हो चुका है. ये जापान के माउंट फूजी से कुछ ही किलोमीटर दूर होगा. ये भविष्य का शहर असल में एक तरह की प्रयोगशाला का काम करेगी. यहां पर ये कंपनी अपनी नवीकरणीय और ऊर्जा-कुशल स्व-चालित कारों का परीक्षण करेगी. इन कारों का नाम होगा, ई-पैलेट्स. शहर में पहले 2,000 नागरिक इस साल के अंत तक यहां पर शिफ्ट हो जाएंगे. अब सवाल ये उठता है कि अगर कंपनी को कारों की टेस्टिंग करनी है, तो फिर वो इंसानों को यहां क्यों बसा रही है और वो इस प्रयोगशाला का हिस्सा कैसे होंगे?

इतने में बनेगा शहर
दरअसल, कंपनी को लोगों के ड्राइविंग पैटर्न, और पैदल चलने वाले लोगों के स्वभाव को समझना है. इस वजह से वो इस शहर में इंसानों को बसाएंगे. अब चलिए आपको बता देते हैं कि इस पूरे शहर को बसाने में कितना खर्च आएगा. इस शहर को बनाने में 82 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इस शहर के अंदर जाकर लोग स्मार्ट होम में रहेंगे, जो पूरी तरह से हाइड्रोजन पर चलेंगे और शहर को भी ईको-फ्रेंड्ली बनाएंगे. हर घर के ऊपर सोलर-पैनल रूफटॉप लगेगा. इंसान के स्वास्थ्य पर नजर रखने के लिए घर के अंदर एआई टेक मौजूद होगा.

शहर में होंगी खास सड़कें
घर और गाड़ियां डेटा और सेंसर से जुड़ी होंगी. टोयोटा के मालिक आकियो टोयोटा ने दावा किया है. सभी घर लकड़ियों से बने होंगे और उनके अंदर इन-होम रोबोटिक्स की सुविधा होगी जो रोजमर्रा के कामकाज में मदद करेगी. सड़कें 3 तरह की होंगी, एक वो जिसपर सिर्फ पैदल चलने वाले चला करेंगे. दूसरी सड़कें तेज चलने वाले ट्रैफिक के लिए होंगी और तीसरी सड़क धीरे चलने वाले ट्रैफिक के लिए होंगी. सिर्फ जीरो-एमिशन गाड़ियां इस्तेमाल होंगी और बुजुर्गों के लिए भी व्हीलचेयर और खास गाड़ियों की सुविधा होगी. कार कंपनी ने डैनिश आर्किटेक्ट Bjarke Ingels को इसे बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है.

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