हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपने दमदार अभिनय और शानदार व्यक्तित्व से लोगों के दिलों में अपनी एक अलग छाप छोड़ चुके अभिनेता पंकज त्रिपाठी किसी परिचय के मोहताज नहीं है। पंकज ने रंगमंच (थिएटर) से अपना करियर शुरू किया और आज बॉलीवुड के सबसे चाहते कलाकारों में से एक हैं जिन्होंने शानदार फिल्में दर्शकों को दी हैं। उन्होंने फिल्मों में छोटे मोटे रोल कर खुद के लिए एक राह बनाई और आज पंकज हिंदी सिनेमा के सबसे उत्कृष्ट अभिनेताओं में से एक हैं जिन्हे भारत सरकार नेशनल अवार्ड से भी सम्मानित कर चुकी है।
हम आपके लिए लेकर आए हैं पंकज की 6 शानदार फिल्में जो अलग अलग सामाजिक मुद्दों पर बनाई गई है। और इन फिल्मों में अपनी दमदार एक्टिंग से पंकज ने समाज से जुड़े मुद्दों को शालीनता से बड़े पर्दे पर लोगों के सामने रखा है।
धर्म

साल 2007 में रिलीज़ हुई फिल्म धर्म में पंकज कपूर, सुप्रिया पाठक और पंकज त्रिपाठी
(Tripathi) मुख्य किरदार में हैं। फिल्म हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश देती है। फिल्म अंत में यह संदेश देती है कि, ”धर्म केवल तपस्या और अभ्यास नहीं है, धर्म एकता है, धर्म भाईचारा है, धर्म अहिंसक है।”
1 घंटा 40 मिनट की यह फिल्म यूट्यूब पर मौजूद है जिसे आप अपने मोबाइल फोन पर देख सकते हैं।
कागज (Kaagaz)

साल 2021 में रिलीज़ हुई फिल्म कागज में पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) और सतीश कौशिक मुख्य किरदार में हैं। फिल्म की कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है, जिसमें एक ”भारत लाल नाम का व्यक्ति सरकारी कागज में जिंदा होते हुए भी मृत बताया गया है। और खुद को जिंदा साबित करने की लड़ाई और इससे जुड़े संघर्ष को फिल्म में शानदार तरीके से दिखाया गया है। फिल्म में बड़ी ही संवेदनशीलता के साथ यह दिखाया गया है कि कैसे समाज में लोगों के साथ धोखाधड़ी होती है और जिंदा होते हुए भी कई लोग ऐसे है जो सरकारी सिस्टम में कागजों में मृत है।
यह फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म ZEE-5 पर उपलब्ध है।
निल बट्टे सन्नाटा

साल 2016 में रिलीज़ हुई फिल्म निल बट्टे सन्नाटा में स्वरा भास्कर, रत्न पाठक और पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) मुख्य किरदार में हैं। फिल्म एक ऐसी माँ और बेटी की कहानी पर आधारित है जो बेहद गरीब है लेकिन उनके हौसले बुलंद है। माँ अपनी बेटी को अच्छी शिक्षा देना चाहती है ताकि वह अपने जीवन में कुछ अच्छा कर सके। पंकज त्रिपाठी फिल्म में स्कूल के प्रिंसिपल के किरदार में हैं जो छात्रों को पढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। फिल्म बड़ी ही खूबसूरती से शिक्षा के महत्व को समझाती है और एक सामाजिक संदेश देती है कि शिक्षा किसी को भी सफल होने से रोक नहीं सकती।
यह फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म ZEE-5 और Amazon Prime Video पर उपलब्ध है।
न्यूटन (Newton)

साल 2017 में रिलीज़ हुई फिल्म न्यूटन में राजकुमार राव और पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) मुख्य किरदार में हैं। फिल्म की कहानी चुनाव पर आधारित है और इसमें नक्सल प्रभावित इलाके में सालों बाद हो रहे चुनाव के संघर्ष को दिखाया गया है। फिल्म में राजकुमार राव, ‘न्यूटन कुमार’ के किरदार में हैं जो कि दलित समुदाय से है और एक सरकारी क्लर्क है। उसे चुनावी ड्यूटी पर छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जंगली इलाके में भेजा जाता है ताकि वहां पर चुनाव करवाए जा सकें। वहीं पंकज त्रिपाठी एक फौजी के किरदार में है जो नक्सली इलाके में तैनात है, और उसे चुनाव आयोग के कर्मचारियों के साथ मिलकर चुनाव करवाने की जिम्मेदारी दी जाती है।
फिल्म में चुनाव और लोकतंत्र से जुड़े मुद्दे को बड़ी ही शानदार तरीके से दिखाया और समझाया गया है। फिल्म भारत में होने वाले चुनावों के महत्व को बताती है। इस फिल्म को भारत की तरफ से विदेशी भाषा में सर्वश्रेष्ठ फिल्म के ऑस्कर सम्मान के लिए आधिकारिक एंट्री मिली थी।
यह फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म Amazon Prime Video पर उपलब्ध है।
क्रिमिनल जस्टिस सीजन 2 (बिहाइंड दा क्लोज्ड डोर्स)

साल 2020 में रिलीज़ हुई वेब सीरीज क्रिमिनल जस्टिस सीजन 2 – बिहाइंड दा क्लोज्ड डोर्स (Criminal Justice: Behind Closed Doors) में पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi), कीर्ति कुल्हारी, अनुप्रिया गोएंका और मुख्य किरदार में हैं। फिल्म की कहानी समाज में महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचार, हिंसा और यौन उत्पीड़न और मैरिटल रेप पर आधारित है। फिल्म में बड़ी ही संवेदनशीलता के साथ बताया गया है कि हमारे समाज में आज भी हर तबके के लोग घर में बंद दरवाजों के पीछे महिलाओं के साथ किस तरह का घिनोना बर्ताव करते हैं, और महिलाएं सालों से इसे झेलती आ रहीं हैं।
फिल्म में पंकज त्रिपाठी एक वकील के किरदार में हैं और कोर्ट में महिला का केस लड़ते हैं जो उत्पीड़न से तंग आकर अपने पति को चाकू से मार देती है।
यह वेब सीरीज ओटीटी प्लेटफॉर्म Amazon Prime Video पर उपलब्ध है।
शेरदिल – द पीलीभीत सागा

हाल ही में 24 जून 2022 को रिलीज़ हुई फिल्म शेरदिल – द पीलीभीत सागा में पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi), नीरज काबी, और सयानी गुप्ता मुख्य किरदार में हैं। फिल्म में दिखाया गया है कि भारत दुनिया में सबसे उभरती हुई अर्थव्यवस्था है लेकिन उसके बावजूद सरकारी तंत्र की नाकामी की वजह से दूर दराज के इलाकों में रह रहे गरीब लोगों तक आज भी सरकारी योजनाएं कोसों दूर है।
फिल्म की कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित हैं और पंकज गाँव के सरपंच ‘गंगाराम’ के किरदार में हैं। यूपी के पीलीभीत टाइगर रिजर्व में भारत-नेपाल सीमा के पास जंगल के किनारे कुछ गरीब किसान रहते हैं। फिल्म गंगाराम के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक गरीब किसान है और गाँव का सरपंच है। लगातार तीन असफल मानसून के कारण बड़ी कठिनाइयों और गरीबी से लोगों का जीवन गुजर रहा है। गंगाराम फैसला करता है कि वह अपनी जान देकर लोगों की गरीबी दूर करेगा।