मुनेश त्यागी
पहले अग्नि परीक्षा फिर चीर हरण
फिर जुए में लगी, फिर सती हुई,
अब भ्रुण हत्या और ऑनर किलिंग
क्यों उन पर ही आफत आई है?
कहीं दहेज दहन, कहीं बलात्कार
क्यों शामत उन पर आई है?
ये तो हैं आदमियत की अमानत
क्यों मुसीबत उन पर छाई है?
औरत है जननी मानवता की
बिन उसके हर घर खाली है,
तुम तो बनते थे औरत रक्षक
क्यों तुमने नजर चुराई है ?
जो औरतों का अपमान करे
वह नहीं हमारा भाई है,
बेटी बहनों को मान मिले
अब यही हमारी लड़ाई है?
हम मान करेंगे मांओं का
सम्मान करेंगे बहनों का,
कष्ट ना देंगे बहूओं को
हमने कसम यह खाई है।
चुनकर पकड़वायेंगे हर अपराधी को
जेल में भिजवायेंगे हर जालिम को
ना बनने देंगे शिकार उत्पीड़न का
वो बहनें हमारी, हम उनके भाई हैं।