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हर धर्म की है यही हैं पहचान , मानव — मानव एक समान

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अब्दुल रशीद शेख़

सन्सार के अजब , ग़ज़ब लोग , ड्रामे को देखकर रोते हैं , व हकीकत को ड्रामा समझतें है :–*
प्रिय पाठकों ? इस समय नफरतों का दौर जारी है , ऐसे समय में , हर समाज के प्रमुख व्यक्तियों को , धार्मिक गुरुओं को आगे आकर अपने देश मे सोहाद्र का वातावरण बनाने में सहयोग करना चाहिए । भारतवर्ष में हर धर्म की है यही हैं पहचान , मानव — मानव एक समान ।
धर्म की नफ़रत फैलाने वाले कौन :–
ये वो लोग होते है जो कुछ धर्मो मे पाए जाते है । ये अक्सर पढ़े लिखे लोग होते है । अब नफ़रत रूपी कोढ़ , ने देहातों में भी पैर पसार लिए है । जीवन मे नास्तिक लोगों को छोड़कर सभी की एक ही मंजिल है । टी वी वाले एंकर वाले एक दूसरे के विरोधी लोगो को बिठाकर ऐसे ऐसे प्रश्न पूछते है जो कि , वो आग में घी डालने के समान होते है । लाइव डिबेट में गाली गलौज , हाथा पाई , मारपीट आम बात हो गई है । जिसके कारण इनकी टी आर पी ( टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट या टारगेट रेटिंग प्वाइंट )बढ़ती है । अब देश की जनता समझ चुकी है अब जनता मजे लेती है ।
सुनो ? सुनो ? सुनो ? ईश्वर का भी देश की जनता ने जाति धर्म के आधार पर बंटवारा कर दिया है । ईश्वर को भगवान , अल्लाह , गुरु गोविंद सिंह , प्रभु इसु मसीह व अन्य कई नामों से जानते है ।
में भी 2 बार मध्यप्रदेश , छत्तीसगढ़ नेशनल टी वी में लाइव डिबेट मे आ चुका हूं लेकिन , मेने सिर्फ़ मुद्दे की बात की थी ।
मुझ अब्दुल रशीद शेख़ रिटायर्ड टी आई इन्दोर का कहना है कि
” ईश्वर की अराधना सच्चे मन से दोंनो आँखे बंद करके धार्मिक स्थलों के अलावा कही पर भी याद किया जा सकता हैं , वही दोंनो आँखे खोलकर देश व समाज हित मे काम करके भी , ईश्वर को ख़ुश किया जा सकता हैं ” ।
अब जीवन की सबसे बड़ी , सच्ची व ख़ास बात कि :–
1, सन्सार में जन्मे हर मानव , ईश्वर के द्वारा भेजा गया है ।
2, सन्सार का मानव को बंटवारा करने में महारथ हांसिल है ।
3, मानव क्या कहता है
” न बॉप बड़ा न मैया , सबसे बड़ा रुपय्या ” ।
4, कई मानव तो भगवान बनने के सपने देखने लग गए हैं ।
5, जो भी व्यक्ति इस सन्सार में देश व समाज के हित मे काम करेगा , उस कार्य से देश व समाज में खुशी हो , उसे जनता सालों — साल याद करती रहेगी । उसका नाम स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाएगा अर्थात उसका दर्जा भी ईश्वर के समान , पूज्यनीय अच्छे कार्य करने से ही होगा ।
6, इस धरती पर कई ऐसे मानव है जो , दूसरों को कभी भी सुखी नही देखना चाहते है ।
7, जिस तरह से धरती पर हर चीजों के भाव आसमान को छू रहे है , वैसे — वैसे कुछ मानवों के दिमाग भी आसमान को छूने का प्रयास कर रहे हैं ।
8, जिस दिन भी धरती पर मानव मानव , एक दूसरे को समझने लगे जाएंगे उस दिन से , धरती पर से , नफ़रत का दी एंड ( समाप्त ) हो जाएगा ।
9, धर्म प्रेमियों जनता से हाथ जोड़कर निवेदन , गुज़ारिश है कि , जो भी लोग देश में नफ़रतों को फैलाये उनका सामाजिक बहिष्कार करें ।
10, है ईश्वर ? सभी ज्ञानी , अज्ञानी , मानवों को सद्बुद्धि दो कि वह देश मे शान्ति बनाएं रखें , आगे आएं देश व समाज के हित मे काम करे ।
अब्दुल रशीद शेख़ पत्रकार पुलिस सर्विलांस , दबंग भोपाल न्यूज़ , दबंग केसरी व रिटायर्ड टी आई इन्दोर 9827230419

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