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इस बार स्वच्छता की परीक्षा में कई अहम बदलाव

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बैकलेन की सफाई केलिए अंक 1 से बढ़ाकर3% कर दिए गए

ट्रिपल आर कीपरीक्षा को पास करनेपर मिलेंगे पूरे 80 नंबर

7 ख़िताब, 4 कमिश्नर, 2 मेयर

▪️ मनीष सिंह – 2 बार
▪️ आशीष सिंह – 2 बार
▪️ प्रतिभा पाल – 2 बार
▪️ हर्षिका सिंह -1 बार
▪️ शिवम वर्मा – ?
▪️ मालिनी गोड़ – मेयर

▪️ पुष्यमित्र भार्गव – मेयर

इंदौर। भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने विश्व के सबसे बड़े स्वच्छता सर्वेक्षण (SS )2024 के लिए अपनी गतिविधियां बढ़ाना शुरु कर दी है। इस बार सरकार ने नई गाइड लाइन जारी करते हुए स्वच्छता से जुड़ी विभिन्न केटेगिरी में कई अहम बदलाव किए है। इस बार ट्रिपल आर यानी रिड्यूस, रीयूज और रिसाइकिल पर भी फोकस किया गया है, जिसमें शहर के हर घर से कचरा एकत्र करके उसका संपूर्ण निस्तारण करने पर निगम प्रशासन काम करेगा और उस कचरे को भी उपयोगी बनाया जाएगा। डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के लिए 13 प्रतिशत बढ़ा दिए गए है जबकि पिछले सर्वेक्षण में 10 प्रतिशत अंक मिलते थे। इसी प्रकार स्मारकों और पार्कों की साफ सफाई को भी इस सर्वेक्षण में शामिल किया गया है। सात बार स्वच्छता का खिताब जीतने वाला इंदौर शहर में को आठवीं बार खिताब जीतने के लिए नगर निगम ने तैयारियां शुरु कर दी है। सम्भवत: इसी माह के अंतिम सप्ताह से भारत सरकार के अफसर सर्वेक्षण के लिए मैदान में उतर जाएंगे। इंदौर नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा और महापौर पुष्यमित्र भार्गव रोज शहर की सफाई व्यवस्थाओं को लेकर बैठकें ले रहे है और मौके पर पहुंचकर सफाई व्यवस्था देख रहे है। इस बार निगम कमिश्नर शिवम वर्मा के लिए चुनौती है।

इस बार इन केटेगरियोंमें बढ़ाये अंक प्रतिशत

▪️पृथक डोर-टू-डोर संग्रहण के लिए अंक 10% से बढ़ाकर 13% कर दिए गए
▪️शून्य अपशिष्ट कार्यक्रम के लिए अंक 2% से बढ़ाकर 5% कर दिया गया तथा एस.एल.पी. में स्थानांतरित कर दिया गया।
▪️प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अंक 2% से बढ़ाकर 10% किया गया
▪️संकेतक जोड़ा गया – एनसीसी कैडेट्स, एनवाईकेएस, एनएसएस को स्वतंत्रता सेनानियों से संबंधित स्मारकों और पार्कों की साफ-सफाई और रखरखाव में लगाया जाएगा
▪️सतत स्वच्छता घटक के अंतर्गत दिव्यांग अनुकूल शौचालयों के लिए अंक 3% से बढ़ाकर 9% किया गया
▪️2% वेटेज के साथ ‘वेस्ट टू वंडर’ पार्क पर संकेतक पेश किया गया
▪️बैकलेन की सफाई के लिए अंक 1% से बढ़ाकर 3% कर दिए गए
▪️स्वच्छता ऐप संकेतकों के अंतर्गत ‘येलो स्पॉट्स’ के लिए अंक 10% से बढ़ाकर 18% कर दिए गए।
▪️सार्वजनिक क्षेत्रों की सफाई के अंतर्गत ‘लाल धब्बों’ (वाणिज्यिक/आवासीय क्षेत्रों में थूकना) पर संकेतक पेश किया गया

▪️स्वच्छ वार्ड सूचक के अंतर्गत नागरिक आवाज घटक के अंक 1% से बढ़ाकर 6% कर दिए गए हैं।

रिड्यूस, रीयूज और
रीसाइकिल पर पूरा

फोकस होगा

शहरी विकास मंत्रालय ने इस बार सफाई की यह परीक्षा रि-साईकिल, रि-यूज, रि-ड्यूज (आरआरआर) थीम पर तय की है। इस बार कॉलोनियों में बैकलेन यानी घरों के पीछे वाली गलियों में सफाई नहीं हुई तो नंबर कट सकते हैं। बैक लेन को उपयोग लायक बनाना अनिवार्य होगा ताकि यहां बच्चे इनका उपयोग खेल गतिविधियों में कर सकें। इस बार देश के 4478 शहरों का सर्वेक्षण 9500 अंकों का होगा, जिसमें 14 प्रतिशत जन आंदोलन, 26 प्रतिशत प्रमाणीकरण और 60 प्रतिशत सेवा शामिल है।

सुविधाघर में येलो स्पॉट
पर मिला तो 18% अंक

लेस हो जाएंगे

सरकार व्दारा जारी गाइड लाइन के मुताबिक येलो स्पॉट पर सर्वाधिक नम्बर तय किए गए है। येलो स्पॉट से आशय है की सार्वजनिक मूत्रालय (सुविधाघर) स्वच्छ और व्यवस्थित रखना है। इस साल होने वाले सर्वेक्षण में येलो स्पॉट के लिए 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत अंक बढ़ाये गए है। यानी सर्वे के दौरान अगर सुविधाघर स्वच्छ और व्यवस्थित पाया गया तो उसे 18 प्रतिशत अंक दिए जाएंगे। इसी प्रकार रेड स्पॉट से आशय है सार्वजनिक स्थलों पर पान व गुटखा की पीक नहीं रहे। इसके भी अंक प्रतिशत में वृध्दि की गई है।

ऐसी रही इंदौरकी 7 ख़िताबी रेस

▪️2016 में इंदौर रेंकिंग में 25 वे क्रम पर था —-

▪️ 2017 से इंदौर का परिदृश्य बदला

▪️ 2017 – पहली जीत
कुल शहर – 434
कुल अंक थे – 2000

कुल अंक मिले – 1807.2

▪️ 2018 – डबल किया
कुल शहर – 4203
कुल अंक थे – 4000

कुल अंक मिले – 3707.1

▪️ 2019 – हैट्रिक लगाई
कुल शहर – 4237
कुल अंक थे – 4000

कुल अंक मिले – 4659.9

▪️ 2020 – चौका लगाया
कुल शहर – 4242
कुल अंक थे – 6000

कुल अंक मिले – 5647.56

▪️ 2021- पंच मारा
कुल शहर – 4320
कुल अंक थे – 6000

कुल अंक मिले – 5618.14

▪️ 2022 – सिक्सर लगाया
कुल शहर – 4355
कुल अंक थे – 7500

कुल अंक मिले – 7146.01

▪️ 2023 – सातवां आसमान
कुल शहर – 4477
कुल अंक थे – 9500

कुल अंक मिले – 9348.4

आठवीं जीत दिलाने
के लिए कमिश्नर शिवम

वर्मा भी सफाई में जुटे

इंदौर सात बार सफाई का खिताब जीत चुका है। शहर की सफाई में सफाई कर्मियों की प्रमुख भूमिका रही। वहीं निगम कमिश्नर और निगम के अफसरों का भी महत्वपूर्ण रोल रहता है। अफसरों के लिए सुबह जल्दी उठकर सफाई व्यवस्था देखने शहर के अलग अलग क्षेत्रों का दौरा करना पड़ता। निगम कमिश्नर शिवम वर्मा लगातार सुबह सुबह दौरा करके सफाई व्यवस्था देख रहे है। इस बार स्वच्छता में उनके लिए बड़ी चुनौती रहेगी। इंदौर को आठवीं जीत दिलाने वाले वे पांचवें कमिश्नर होंगे। इससे पहले मनीष सिंह, आशीष सिंह और प्रतिभा सिंह दो – दो तथा हर्षिका सिंह एक बार इंदौर को खिताब की दिल चुके हैं।

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