नई दिल्ली: बीजेपी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत के लिए जिस फॉर्मूले पर काम किया था उसी तरह बीजेपी महाराष्ट्र में भी काम कर रही है। बीजेपी के एक सीनियर नेता के मुताबिक हरियाणा चुनाव से मिले सबक महाराष्ट्र के लिए भी अहम हैं और उस हिसाब से वहां की रणनीति तैयार की जा रही है। हरियाणा चुनाव के इन 4 सबकों पर बीजेपी महाराष्ट्र में भी काम कर रही है।
1. नेरेटिव की जंग में पिछड़ना नहीं
बीजेपी के एक नेता ने कहा कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इसका नुकसान हुआ था कि विपक्ष संविधान में बदलाव की कोशिश और आरक्षण के मसले पर अपने हिसाब से नेरेटिव बनाने में काफी हद तक सफल रहा था। लेकिन हरियाणा विधानसभा चुनाव में हमने ऐसा कोई नेरेटिव बनने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिका में जो बयान दिए उसे लेकर बीजेपी ने आक्रामक अभियान चलाया और उन्हीं के हथियार से उन्हें ध्वस्त किया। एक वक्त में जब बीजेपी सांसद कंगना रनौत के बयानों से पार्टी को मुश्किल होने लगी तो तुरंत उस पर रोक लगाई गई। बीजेपी महाराष्ट्र में भी इस फॉर्मूले पर काम कर रही है।
2. विरोधी की कमजोरी, अपनी ताकत
बीजेपी नेता के मुताबिक हर राज्य में लगभग हर पार्टी के भीतर ऐसे लोग होते हैं जो नाराज होते हैं। हरियाणा में कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा की नाराजगी का भी बीजेपी को फायदा हुआ। जब यह माहौल बनने लगा कि शैलजा को कांग्रेस इग्नोर कर रही है तो अनुसूचित जाति समुदाय में इसकी चर्चा होने लगी और बीजेपी ने इसका भी फायदा लिया और अनुसूचित जाति समुदाय में लगातार बातचीत जारी रखी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भी विरोधी खेमे में ऐसा ही कुछ दिख रहा है।
3. अपने वोटर्स को पोलिंग बूथ तक लाना
सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनाव के बाद जब बीजेपी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू की तो यह तथ्य सामने आया कि लगभग हर पोलिंग बूथ में ऐसे लोग हैं जो वोट देने नहीं गए लेकिन वह बीजेपी के समर्थक हैं। तभी से इस पर काम शुरू कर दिया गया था कि पोलिंग बूथ को मजबूत किया जाए और हर बीजेपी समर्थक पोलिंग बूथ तक वोट देने जरूर पहुंचे। महाराष्ट्र में जब लोकसभा चुनाव का विश्लेषण किया गया तो वहां भी स्थिति लगभग यही थी। विधानसभा चुनाव के लिए अब बूथ वाइज वोटर्स पर खासकर बीजेपी समर्थकों पर फोकस किया जा रहा है। बीजेपी के एक नेता के मुताबिक महाराष्ट्र में बीजेपी का संगठन हरियाणा के मुकाबले ज्यादा मजबूत है।
4. सीटों की पूरी मैपिंग और फिर फोकस
सूत्रों के मुताबिक हरियाणा विधानसभा चुनाव की तैयारी करते वक्त हर विधानसभा सीट की मैपिंग की गई और देखा गया कि कहां बीजेपी की क्या स्थिति है। बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत और रिसोर्स 90 सीटों पर फोकस करने की बजाय करीब 65 विधानसभा सीटों पर फोकस किया। इसमें 35 सीटें ऐसी थी जो बीजेपी के लिए प्लस मानी जा रही थी और करीब 30-31 सीटें ऐसी थी जहां मेहनत कर जीत की संभावना लग रही थी। महाराष्ट्र में भी बीजेपी हरियाणा से मिले सबक के हिसाब से ही काम कर रही है।