बीते कुछ सालों से संजय लीला भंसालीकी फिल्म ‘बैजू बावरा’ को लेकर काफी बज बना हुआ है. ये इकलौती फिल्म है, जिसने काफी उतार-चढ़ाव भी देखे हैं. संजय ने इस फिल्म की घोषणा पेंडेमिक से पहले की थी. यानी की साल 2020 में. यह फिल्म एक म्यूजिकल रिवेंज ड्रामा फिल्म होने वाली है. जब फिल्म को लेकर बात होनी शुरू ही हुई थी, तभी संजय ने इसकी स्टार कास्ट को लेकर भी खुलासा कर दिया था. डायरेक्टर का कहना था कि आलिया भट्ट और रणवीर सिंह को वो लीड रोल्स के लिए फाइनल कर चुके हैं. इसी के साथ दीपिका पादुकोण के नाम की चर्चा फिल्म में निगेटिव किरदार निभाने को लेकर हो रही थी. तीन साल बीत गए, पर फिल्म की शूटिंग का नामो-निशान नजर नहीं आ रहा है.
बंद बस्ते में गई ‘बैजू बावरा’
लॉकडाउन लगा और दुनिया रुक सी गई. जैसे ही चीजों को फिर से शुरुआत हुई, संजय ने फिल्म की स्टार कास्ट को लेकर फिर से बात करनी शुरू कर दी. डायरेक्टर ने दीपिका पादुकोण की जगह निगेटिव रोल निभाने के लिए कियारा आडवाणी और नयनतारा को लेकर बात की. जैसी ही बारी आई फिल्म की कास्ट को लॉक करने की संजय के सामने एक और परेशानी आ खड़ी हुई. वो ये कि संजय को इस फिल्म के लिए किसी भी स्टूडियो से अप्रूवल नहीं मिल पा रहा था.
संजय लीला भंसाली चाहते हैं कि वो भारतीय सिनेमा की सबसे बड़ी म्यूजिकल ड्रामा फिल्म बनाएं. इसके लिए उन्हें कम से कम 350 करोड़ के बजट की जरूरत है. जिस भी स्टूडियो के पास संजय फिल्म लेकर गए, हर किसी ने हाथ खड़े कर लिए. सभी का यह कहना था कि फिल्म का बजट काफी ज्यादा है.
संजय लीला भंसाली ने स्टूडियोज से कहा कि रणवीर सिंह और आलिया भट्ट का जो मार्केट वैल्यू है, उससे वो काफी कम फीस में इस फिल्म में काम कर रहे हैं. क्योंकि वो उनकी इज्जत करते हैं. प्यार करते हैं. पर स्टूडियोज का कहना था कि पेंडेमिक के चलते हुए 350 करोड़ रुपये एक म्यूजिकल ड्रामा फिल्म पर लगाना उनके लिए मुश्किल हो रहा है. ऐसे में संजय ने इस फिल्म को होल्ड पर डाल दिया और अभी फिल्म शायद बंद बस्ते में जाती नजर आ सकती है. हालांकि, संजय की ओर से इसपर अबतक कोई बयान जारी नहीं हुआ है.