~ डॉ. सोनी तिवारी, मेडिकल स्कॉलर
हर बार गले के दर्द और सूजन को खराश समझना हमारी भूल हो सकती है। हालांकि, अक्सर गले के दर्द के लिए खांसी सर्दी जैसे संक्रमण जिम्मेदार होते हैं, पर कई बार अन्य कारणों से भी ऐसा हो सकता है। जिसके प्रति ध्यान देना बेहद जरूरी है। अन्यथा ये लापरवाही आपको बड़ी परेशानी का शिकार बना सकती है।
गले के दर्द के लिए कई कारण जिम्मेदार होते हैं, सही कारण पता कर आप इसे आसानी से और जल्दी ट्रीट कर सकते हैं।
5 तरह का हो सकता है गले का संक्रमण :
*1 वायरल गले का संक्रमण :*
ये गले के संक्रमण के सबसे आम प्रकार हैं। वे आम तौर पर सामान्य सर्दी, इन्फ्लूएंजा (फ्लू) और मोनोन्यूक्लिओसिस जैसे वायरस के कारण होते हैं। वायरल संक्रमण आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाता है और लक्षण के आधार पर इसका इलाज किया जाता है।
*2 बैक्टीरियल थ्रोट इन्फेक्शन :*
ये बैक्टीरिया के कारण होते हैं, स्ट्रेप्टोकोकस पाइोजेन्स, या समूह ए स्ट्रेप्टोकोकस, सबसे आम जीवाणु कारण है। इस प्रकार के संक्रमण को अक्सर स्ट्रेप थ्रोट कहा जाता है।
स्ट्रेप गले जैसे जीवाणु संक्रमण के लिए अक्सर एंटीबायोटिक दवाओं की आवश्यकता होती है।
*3. फंगल संक्रमण :*
खासकर यह कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों में देखने को मिलता है। इसका एक उदाहरण ओरल थ्रश है, जो कैंडिडा फंगस के कारण होता है।
*4. एलर्जिक थ्रोट इन्फेक्शन :*
कभी-कभी, एलर्जी से गले में जलन और संक्रमण जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं, अक्सर छींक आना, नाक बहना और आंखों में खुजली जैसी अन्य एलर्जी प्रतिक्रियाएं भी होती हैं।
*5. इर्रिटेन्ट थ्रोट इन्फेक्शन :*
सिगरेट के धुएं, प्रदूषण, या रासायनिक धुएं जैसे उत्तेजक पदार्थों के संपर्क में आने से गले में संक्रमण की तरह जलन और सूजन हो सकती है।
गले में दर्द और जलन, साथ ही निगलने में परेशानी, फैरिन्जाइटिस या गले के संक्रमण के लक्षण हैं।
वायरस इसका मुख्य कारण है। हालांकि, वायरस की तुलना में बैक्टीरिया से इसके होने की संभावना कम होती है। एलर्जी, सिगरेट का धुआं और एसिडिटी इसके अन्य कारक होते हैं।
वायरस अधिकांश संक्रमणों का प्राथमिक कारण होते हैं, वे आमतौर पर अपने आप ही ठीक हो जाते हैं। आपको बस हाइड्रेटेड रहने पर ध्यान देने की ज़रूरत है, दर्द और बुखार के लिए आपको केवल पेरासिटामोल की आवश्यकता होती है।
*वायरल संक्रमण :*
गले के अधिकांश संक्रमण वायरस के कारण होते हैं। सामान्य कारणों में शामिल हैं :
राइनोवायरस, जो सामान्य सर्दी का कारण बनता है।
इन्फ्लूएंजा वायरस, फ्लू के लिए जिम्मेदार होते हैं।
एपस्टीन-बार वायरस, संक्रामक मोनोन्यूक्लिओसिस (मोनो) की ओर ले जाता है।
कोरोना वायरस, जो COVID-19 का कारण बनते हैं।
एडेनोवायरस, जो अक्सर सामान्य सर्दी से जुड़ा होता है, गले में खराश का कारण भी बन सकता है।
*बैक्टीरियल संक्रमण :*
स्ट्रेप्टोकोकस ग्रुप, जो स्ट्रेप गले का कारण बनता है।
कोरिनेबैक्टीरियम डिप्थीरिया, डिप्थीरिया का कारण बनता है। हालंकि, यह बेहद रेयर होते हैं।
*फंगल संक्रमण :*
ये कम आम हैं, लेकिन हो सकते हैं, विशेष रूप से कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में या इनहेल्ड स्टेरॉयड का उपयोग करने वाले लोगों में। इसका एक उदाहरण कैंडिडा एल्बिकैंस संक्रमण है जो ओरल थ्रश का कारण बनता है।
ये हैं गले के संक्रमण में नजर आने वाले लक्षण :
*गले में खराश :*
यह सबसे आम लक्षण है, जिसमें गले में दर्द, बेचैनी या खरोंच जैसा महसूस होता है।
*निगलने में दर्द :*
निगलने में कठिनाई या दर्द अक्सर गले के संक्रमण की स्थिति में देखने को मिलता है।
*टॉन्सिल में सूजन :*
टॉन्सिल में सूजन, कभी-कभी सफेद धब्बे या मवाद की धारियों के साथ नजर आ सकते हैं।
*गले की त्वचा लाल पड़ना :*
गले का पिछला भाग लाल या सूजा हुआ दिखाई दे सकता है।
*आवाज में बदलाव आना :*
आवाज की गुणवत्ता में परिवर्तन, हल्की कर्कशता से लेकर आवाज की पूरी हानि तक।
*बुखार :*
यह विशेष रूप से स्ट्रेप गले जैसे बैक्टिरियल इन्फेक्शन में देखने को मिलता है।
*सूजी हुई लिम्फ नोड्स :*
गर्दन में लिम्फ नोड्स कोमल और सूजी हुई हो सकती हैं।
*ख़राब सांस :*
अक्सर गले में बैक्टीरिया के संक्रमण में देखा जाता है।
*खांसी :*
लगातार खांसी गले के संक्रमण के साथ हो सकती है, खासकर अगर यह वायरल हो।
*सिरदर्द :*
यह अन्य लक्षणों के साथ भी हो सकता है।
*सामान्य अस्वस्थता :*
अस्वस्थता, थकान या कमजोरी की भावना।
*मतली या उल्टी :*
गले का संक्रमण कभी-कभी पेट खराब कर सकता है।
*बहती नाक या कंजेशन :*
अक्सर सामान्य सर्दी जैसे वायरल संक्रमण में देखा जाता है।
*भूख में कमी :*
निगलते समय दर्द और असुविधा के कारण खाने के रुचि खो सकती हैं।
*बचाव के उपाय :*
अच्छी स्वच्छता की आदतें, जैसे बार-बार हाथ धोना, बीमार लोगों के साथ सीधे संपर्क से बचना और कटलरी या व्यक्तिगत चीजें शेयर न करना, गले के संक्रमण के खिलाफ काम करता है और इन्हे फैलने से रोकता है।
पर्याप्त मात्रा में पानी पीने, खांसने पर अपना मुंह ढकने और सिगरेट के धुएं जैसी जलन पैदा करने वाली चीजों से दूर रहने से भी गले के संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है।
इन आसान कदमों को अपनाकर आप गले से संबंधित बीमार होने या संक्रमण फैलने के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकते हैं।