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टमाटर के दाम नहीं घटेंगे, महंगा होने की वजह ज्यादा बारिश

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नई दिल्ली

सब्जियों की महंगाई अभी थमने वाली नहीं है। क्रिसिल रिसर्च की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खासतौर पर टमाटर को लेकर अभी 2 महीने और लोगों को महंगाई की मार झेलनी पड़ सकती है। इसकी वजह ज्यादा बारिश बताई जा रही है। हालांकि PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार ने दिसंबर की शुरुआत में उत्तर भारतीय राज्यों से सब्जियों की सप्लाई शुरू होने से दाम काबू में आ जाने का दावा किया है।

मेन सब्जी सप्लायर कर्नाटक खुद मंगा रहा बाहर से सब्जी
क्रिसिल रिसर्च की रिपोर्ट में सामने आया है कि टमाटर की खेती करने वाले बड़े राज्यों में से एक कर्नाटक में बारिश के कारण स्थिति इतनी खराब है कि वहां भी सब्जियों को महाराष्ट्र के नासिक से मंगाना पड़ रहा है। कर्नाटक में सामान्य से 105% ज्यादा बारिश हुई है। वहीं, आंध्रप्रदेश में सामान्य से 40% और महाराष्ट्र में 22% ज्यादा बारिश हुई है। ये राज्य अक्टूबर से दिसंबर के बीच अब तक टमाटर व अन्य सब्जियों के मेन सप्लायर रहे हैं।

142% तक बढ़ गईं हैं टमाटर की कीमतें
क्रिसिल रिसर्च के मुताबिक, 25 नवंबर को कीमतों में 142% की बढ़ोतरी हुई है और यह अगले दो महीने तक बढ़ती रहेंगी। जनवरी में मध्य प्रदेश और राजस्थान से फसल आना शुरू होगी। तब कीमतें नीचे आएंगी। उम्मीद है कि नई फसल आने के बाद टमाटर के रेट में 30% की गिरावट आएगी। देश की राजधानी दिल्ली समेत कई शहरों में टमाटर के दाम 70 से 90 रुपए तक पहुंच गए हैं। शादियों के मौसम में मांग बढ़ने के चलते भी फिलहाल इसके भाव कम नहीं होंगे।

प्याज के दाम में आ सकती है गिरावट

रिपोर्ट में कहा गया है कि प्याज के मेन सप्लायर महाराष्ट्र में इस बार अगस्त में असमान बारिश के कारण बोआई प्रभावित हुई थी। अब अक्टूबर में ज्यादा बारिश होने से स्टोर की गई प्याज प्रभावित हो गई है। इसके चलते प्याज के दाम 65 परसेंट तक बढ़े हैं।

हरियाणा से प्याज की नई सप्लाई अगले 10 से 15 दिनों के समय में नई सप्लाई शुरू होने की उम्मीद है, जिससे कीमतों में गिरावट आएगी। वहीं आलू की कीमतों के लिए रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार और गुजरात में जरूरत से ज्यादा बारिश से बुआई के सीजन को बड़ा झटका लगा है।

सरकार का दावा- दिसंबर से कम होंगी कीमतें
वहीं, PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार का कहना है बेमौसम बारिश की वजह से टमाटर की कीमत पर असर पड़ा है। अनुमान है कि उत्तर भारत से दिसंबर में टमाटर की खेप आनी शुरू हो जाएंगी। सेंट्रल फूड एंड कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री के मुताबिक, दिसंबर में उत्तर भारतीय राज्यों से पिछले साल के बराबर ही टमाटर की सप्लाई मिलने का अनुमान है। साल 2020 में टमाटर की 21.32 लाख टन की सप्लाई हुआ करती थी, लेकिन इस साल यह 19.62 लाख टन ही रही, जिसकी वजह से कीमत बढ़ी हैं।

मिनिस्ट्री के मुताबिक, इस बार सितंबर के अंत में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश में बेमौसमी बारिश के कारण फसल बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई है, जिससे सप्लाई में देरी हो रही है।

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