रीवा . प्रसिद्ध गांधीवादी डॉक्टर एसएन सुब्बाराव के निधन पर स्थानीय नेहरू नगर में समाजवादी जन परिषद नारी चेतना मंच एवं विंध्यांचल जन आंदोलन के संयुक्त तत्वाधान में एक श्रद्धांजलि सभा संपन्न हुई . गांधीवादी विचारक सुब्बा राव जी का गत बुधवार 27 अक्टूबर को प्रातः काल जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में निधन हो गया था . संपन्न श्रद्धांजलि सभा में पद्मश्री से सम्मानित सुब्बा राव जी को याद करते हुए वक्ताओं ने उन्हें महान समाज सुधारक एवं भारत रत्न कहा . उनका जन्म कर्नाटक के बेंगलुरु में 7 फरवरी 1929 को हुआ था. वह सच्चे गांधीवादी के रूप में देश और समाज को निरंतर अपनी सेवाएं देते रहे . उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज सेवा में लगा दिया . सन 1972 में सुब्बा राव जी ने चंबल के डाकुओं के आत्मसमर्पण जैसे अत्यंत जोखिम भरे काम को सफल बनाया जिसमें लोकनायक जयप्रकाश नारायण , प्रभावती जी एवं मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश चंद्र सेठी की विशेष उपस्थिति में माधव सिंह मलखान सिंह मोहर सिंह आदि करीब 70 डकैत शांति के मार्ग पर वापस लौटे . कभी चंबल की धरती डकैतों के नाम से पूरे दुनिया में बदनाम थी लेकिन सुब्बा राव जी के निरंतर प्रयास से करीब 672 डाकुओं ने आत्मसमर्पण किया जिसके चलते डकैतों के नाम से चंबल की डरावनी घाटियों में लंबे समय बाद शांति का माहौल बना . सुब्बा राव जी ने मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के जौरा में गांधी सेवा आश्रम की नींव रखी . वह चंबल के क्षेत्र में भाई जी के नाम से मशहूर रहे . संपन्न कार्यक्रम में 2 मिनट का मौन रखकर सुब्बा राव जी को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई . इस अवसर पर समाजवादी जन परिषद के नेता अजय खरे , रामाधार पटेल , गफूर खान , नारी चेतना मंच की अध्यक्ष सुशीला मिश्रा , खुशी मिश्रा , विवेक सिंह आदि उपस्थित थे
एसएन सुब्बाराव के निधन पर श्रद्धांजलि सभा
