निर्मल कुमार शर्मा
एशिया और यूरोप के मध्य एक तुर्की नामक देश है,यह प्राचीन काल में महाशक्तिशाली आटोमन साम्राज्य का प्रतिनिधित्व करनेवाला देश है। इस देश में एक बहुत ही सुन्दर और खूबसूरत झील है,जिसका नाम वान झील है,यह झील 3713 वर्ग किलोमीटर के विस्तृत क्षेत्रफल में फैली हुई है ! इस झील की खूबसूरती का यह आलम है कि इसे तुर्की के लोगों ने इसे ‘नीला नगीना ‘के नामकरण करके इसे सम्मानित कर रखा है ! यह झील तुलनात्मक रूप से तुर्की के लिए इतनी महत्वपूर्ण है कि यह झील तुर्की के कुल वेटलैंड क्षेत्र का एक तिहाई हिस्से में फैली हुई है ! यह खूबसूरत झील दुनिया की सबसे बड़ी सोडा झील होने के गौरव से भी सम्मानित है !
परन्तु दुर्भाग्यवश पिछले दशक में दुनिया भर में बढ़ते प्रदूषण और इस धरती के प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक अतिदोहन की वजह से पैदा हुई ग्लोबल वार्मिंग की वजह से हमारी धरती के तापमान में वृद्धि की वजह से यह सुंदर झील सूखने के कगार पर पहुंच गई थी,इस झील में प्रतिवर्ष लगभग 240 तरह के विभिन्न प्रजातियों के प्रवासी पक्षियों के समूह आते थे,इन खूबसूरत प्रवासी पक्षियों को निहारने के लिए प्रतिवर्ष इस झील के किनारे लगभग 1.5 लाख तक देशी -विदेशी पर्यटक आते थे ! इन प्रवासी पक्षियों में हंस प्रजाति का खूबसूरत पक्षी फ्लेमिंगो भी आते थे,परन्तु पिछले कुछ सालों से इस झील में पानी की अत्यधिक कमी और बढ़ते प्रदूषण की वजह से उक्त वर्णित यहां आनेवाले लाखों प्रवासी पक्षी भी यहां आने से अपना मुंह मोड़ रहे थे !
इसलिए इस खूबसूरत झील को बचाने के लिए तुर्की देश के जागरूक और अपने देश के प्राकृतिक संसाधनों को बचाने और संरक्षित करने को प्रतिबद्ध वहां के लोग,वहां का समाज और वहां की सरकार कई कदम उठाए हैं,मसलन यहां घूमने आनेवाले असंख्य पर्यटकों के आवाजाही पर कठोर नियंत्रण करने के लिए उनका रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है, इस खूबसूरत झील के आसपास के क्षेत्र को मानिटरिंग एरिया के रूप में रजिस्टर्ड कर दिया गया है ।
इस झील को तुर्की के वर्तमान समाज और वहां की सरकार द्वारा अपने देश के भावी पीढ़ी को सुरक्षित और साफ-सुथरा सौंपने के लिए प्रतिबद्धता दिखाते हुए इस झील के पानी और उसके पर्यावरण को 100 प्रतिशत तक शुद्ध और प्रदूषण मुक्त करने के लिए वहां युद्ध स्तर पर ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जा रहे हैं !
हम भारतीयों का परम् पूज्य कर्तव्य
हम भारत के लोगों,यहां के समाज और सरकार के कर्णधारों को भी तुर्की जैसे देश से सैकड़ों गुना ज्यादा प्राकृतिक संसाधनों को संजोए अपने देश के लिए केवल भ्रामक राष्ट्रवाद,विश्वगुरु,आध्यात्मिक गुरु आदि छद्म और काल्पनिक शब्दों से बाहर निकल कर,यथार्थ के धरातल पर उतरकर अपने देश और राष्ट्रराज्य के सभी खूबसूरत और महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों यथा यहां उपस्थित सैकड़ों झीलों,बर्फ से ढके पहाड़ों,नदियों,चरागाहों,असंख्य खूबसूरत जीवों से भरपूर अपने जंगलों आदि को अपनी भावी पीढ़ी को यथावत सौंपने के लिए उक्त वर्णित तुर्की देश में स्थित खूबसूरत झील ‘नीला नगीना ‘ को संरक्षित करने की तर्ज पर संरक्षित करने की ईमानदार और गुरू गंभीर सद् प्रयास करने ही चाहिए।
-निर्मल कुमार शर्मा ‘गौरैया एवम् पर्यावरण संरक्षण तथा देश-विदेश के सुप्रतिष्ठित समाचार पत्र-पत्रिकाओं में वैज्ञानिक,सामाजिक, राजनैतिक, पर्यावरण आदि विषयों पर स्वतंत्र,निष्पक्ष,बेखौफ , आमजनहितैषी, न्यायोचित व समसामयिक लेखन,संपर्क -9910629632