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ट्विटर की याचिका खारिज, 50 लाख जुर्माना,कर्नाटक हाईकोर्ट बोला- आप बड़ी कंपनी हो, किसान नहीं जो कानून नहीं जानता

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बेंगलुरु

कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार के आदेश के खिलाफ लगाई गई ट्विटर की याचिका खारिज कर दी। ट्विटर ने कुछ लोगों के अकाउंट, ट्वीट और URL ब्लॉक करने के केंद्र सरकार के आदेश को कोर्ट में चुनौती दी थी।सुनवाई करते हुए जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित ने कहा कि ट्विटर को सरकार के आदेशों का पालन करना चाहिए था। कोर्ट ने ट्विटर पर 50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया।

भारत सरकार ने ट्विटर के पूर्व CEO जैक डॉर्सी के उन आरोपों को खारिज किया है, जिनमें उन्होंने सरकार पर दबाव डालने और गिरफ्तारी की धमकी देने की बात कही थी। डॉर्सी ने सोमवार को यूट्यूब शो ‘ब्रेकिंग पॉइंट्स विद क्रिस्टल एंड सागर’ में कहा था कि किसान आंदोलन के दौरान भारत सरकार ने ट्विटर बंद कर देने की धमकी दी थी।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने कई ऐसे पत्रकारों के ट्विटर अकाउंट बंद करने का दबाव बनाया था, जो सरकार की आलोचना कर रहे थे। एम्प्लॉइज के घर पर छापे मारने की धमकी दी गई और छापे मारे भी गए। ये भी कहा गया कि अगर भारत के कानून नहीं माने तो ट्विटर के ऑफिस बंद कर देंगे जो कि कंपनी के लिए काफी बड़ा बाजार था। उन्होंने कहा ये सब भारत में हुआ जो लोकतांत्रिक देश है।

हाईकोर्ट की 5 टिप्पणियां, जुर्माने के साथ शर्त भी

1. जुर्माना 45 दिन के भीतर भरना होगा। अगर नहीं भरा तो इस अवधि के बाद हर दिन 5 हजार और देने होंगे।
2. अदालत को वजह भी नहीं बताई कि केंद्र का ट्वीट ब्लॉक करने का आदेश क्यों नहीं माना।
3. आप एक मल्टी बिलेनियर कंपनी हो, कोई किसान या फिर आम आदमी नहीं, जिसे कानून नहीं पता हैं।
4. यह जानते हुए भी कि आदेश न मानने पर 7 साल की सजा और फाइन लगाया जा सकता है। ट्विटर ने सरकार के आदेशों का पालन नहीं किया।
5. जिसका ट्वीट ब्लॉक कर रहे हैं, उसे कारण बताएं। साथ ही यह भी कि यह प्रतिबंध कुछ समय के लिए है या फिर अनिश्चित काल के लिए।

ट्विटर ने याचिका में दलील क्या दी थी?
ट्विटर ने हाईकोर्ट से कहा था- केंद्र के पास सोशल मीडिया पर अकाउंट ब्लॉक करने का जनरल ऑर्डर इश्यू करने का अधिकार नहीं है। ऐसे आदेशों में वजह भी बताई जानी चाहिए ताकि हम इसे यूजर्स को बता सकें। अगर ऑर्डर जारी करते वक्त वजह नहीं बताई जाती है तो इस बात की आशंका बनी रहती है कि बाद में कारण बनाए भी जा सकते हैं।

ट्विटर ने दावा किया था कि सरकार के आदेश सेक्शन 69 ए का उल्लंघन करते हैं। सेक्शन 69 ए के तहत अकाउंट यूजर्स को उनके ट्वीट और अकाउंट ब्लॉक किए जाने पर जानकारी देनी होती है। लेकिन मंत्रालय ने उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया।

केंद्र सरकार ने ट्विटर की दलील पर क्या कहा?
केंद्र सरकार ने अदालत से कहा- ट्विटर अपने यूजर्स की तरफ से नहीं बोल सकता है। इस मामले में उसका कोर्ट में अपील दायर करने का कोई अधिकार नहीं बनता है। ट्वीट ब्लॉक करने का आदेश बिना विवेक के या एकतरफा तरीके से नहीं लिया गया था। राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए ट्विटर को ब्लॉक करने के आदेश दिए गए थे, जिससे लिंचिंग और मॉब वॉयलेंस की घटनाओं को रोका जा सके।

जानें क्या है पूरा मामला…

  • सरकार ने फरवरी 2021 से फरवरी 2022 के बीच ट्विटर को 1,474 अकांउट, 175 ट्वीट, 256 URL और एक हैशटैग ब्लॉक करने के आदेश दिए थे। सरकार ने यह आदेश इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के सेक्शन 69 ए के तहत दिए थे।
  • सरकार ने पिछले साल 4 और 6 जून को ट्विटर को नोटिस जारी कर पूछा था कि ब्लॉकिंग से जुड़े आदेशों का पालन क्यों नहीं किया गया है। ट्विटर ने 9 जून को जवाब दिया था कि जिन कंटेंट के खिलाफ सरकार के आदेशों का पालन नहीं किया गया है, उनके लिए ट्विटर को लगता है कि वे सेक्शन 69ए का उल्लंघन नहीं करते हैं।
  • 27 जून को मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने ट्विटर को नोटिस भेजकर कहा कि केंद्र सरकार के आदेश न मानने पर कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
  • ट्विटर ने 39 URL को ब्लॉक करने के सरकार के 10 आदेशों को कोर्ट में चुनौती दी। 26 जुलाई, 2022 को जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित की सिंगल जज बेंच ने इस पर पहली बार सुनवाई की। इसके बाद केंद्र सरकार और ट्विटर दोनों ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा।
  • हाईकोर्ट ने इस साल 21 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। 30 जून को फैसला सुनाया और 45 दिन के अंदर जुर्माना जमा करने के लिए कहा।

पूर्व ट्विटर CEO का भारत सरकार पर आरोप:किसान आंदोलन के दौरान छापे मारे, गिरफ्तारी की धमकी दी; IT मिनिस्टर बोले- ये सरासर झूठ

भारत सरकार ने ट्विटर के पूर्व CEO जैक डॉर्सी के उन आरोपों को खारिज किया है, जिनमें उन्होंने सरकार पर दबाव डालने और गिरफ्तारी की धमकी देने की बात कही थी। डॉर्सी ने सोमवार को यूट्यूब शो ‘ब्रेकिंग पॉइंट्स विद क्रिस्टल एंड सागर’ में कहा था कि किसान आंदोलन के दौरान भारत सरकार ने ट्विटर बंद कर देने की धमकी दी थी।

तुर्की और नाइजीरिया में भी हुई भारत जैसी परेशानी
डॉर्सी ने कहा कि इसी तरह की परेशानी का सामना तुर्की और नाइजीरिया में भी करना पड़ा। हमारे पास तुर्की से भी अकाउंट सस्पेंड करने की कई रिक्वेट आती थीं। हमने तुर्की की कोर्ट में लड़ाई भी लड़ी। इसके अलावा अमेरिकी सरकार की भी चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

जैक डॉर्सी से सवाल पूछा गया था कि क्या कभी फ्री स्पीच को लेकर फॉरेन गवर्नमेंट के प्रेशर का सामना करना पड़ा? इस पूरे इंटरव्यू में उन्होंने रॉबर्ट एफ केनेडी जूनियर को वो क्यों बेस्ट प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट मानते है, सेंसरशिप और AI रेगुलेशन पर भी अपनी राय रखी।

डॉर्सी के आरोपों पर केंद्रीय IT मंत्री के जवाब

1. जैक डॉर्सी ने सरासर झूठ बोला
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने जैक डॉर्सी के बयान को झूठा बताया है। उन्होंने कहा, ‘डॉर्सी ने जो कुछ कहा है वह सरासर झूठ है। ट्विटर एक ऐसी कंपनी है जो मानती थी कि उसके लिए भारतीय कानूनों का पालन करना जरूरी नहीं है। भारत सरकार शुरू से ही स्पष्ट रूप से बता रही है कि भारत में काम करने वाली सभी कंपनियों को भारतीय कानून को मानना होगा।’

2. कोई जेल नहीं गया, किसी पर छापा नहीं पड़ा
चंद्रशेखर ने कहा कि 2020 से 2022 के बीच ट्विटर कई बार भारतीय कानून का उल्लंघन कर रहा था। उस पूरी अवधि के दौरान कोई भी जेल नहीं गया और ना ही किसी पर छापा पड़ा। आखिरकार ट्विटर ने जून 2022 से कानून का पालन करना शुरू कर दिया।

3. डॉर्सी के वक्त ट्विटर का व्यवहार पक्षपाती था
राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट कर कहा, ‘जनवरी 2021 के विरोध-प्रदर्शनों के दौरान बहुत सारी गलत जानकारियां, यहां तक कि नरसंहार की भी रिपोर्ट आई। यह निश्चित रूप से गलत थीं। भारत सरकार को प्लेटफार्म से गलत जानकारियों को हटाने के लिए बाध्य होना पड़ा, क्योंकि इसमें फर्जी खबरों के आधार पर स्थिति को और भड़काने की कैपेसिटी थी। जैक डॉर्सी के समय ट्विटर का पक्षपातपूर्ण व्यवहार था, उन्हें भारत में प्लेटफार्म से गलत जानकारियों को हटाने में दिक्कत हुई।’

केंद्र सरकार की तरफ से लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों ने सालभर से ज्यादा समय तक धरना दिया था।

केंद्र सरकार की तरफ से लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों ने सालभर से ज्यादा समय तक धरना दिया था।

किसान नेता टिकैत बोले- सरकार ने आंदोलन रोकने के प्रयास किए होंगे
जैक डॉर्सी के बयान पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, “उस समय हमें जानकारी थी कि किसान आंदोलन की फेसबुक और ट्विटर पर उतनी रीच नहीं आ रही थी, जितनी आनी थी। वह (सरकार) लोकल स्तर पर रोकने की कोशिश करते थे। ट्विटर के मालिक ने अब स्पष्ट कहा है। उसने (जैक डॉर्सी ) ठीक कहा है, भारत सरकार ने यह प्रयास किए होंगे।’

डॉर्सी के दावे पर राउत बोले- पर्दे के पीछे लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा
उद्धव ठाकरे गुट के नेता और सांसद संजय राउत ने डॉर्सी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, ‘मैंने देखा है कि कैसे देश का लोकतंत्र और आजादी खतरे में है। इससे स्पष्ट होता है कि कैसे पर्दे के पीछे लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है।’

कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल बोले- देश में अभिव्यक्ति की आजादी कहां है?
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा,’ट्विटर के पूर्व CEO का बयान हम सभी के लिए चौंकाने वाला है। सरकार के दूत विपक्ष की आवाज दबाने के लिए ट्विटर के CEO पर दवाब बना रहे थे। इसीलिए उन्होंने राहुल गांधी के उस समय के ट्विटर खाते को ब्लॉक कर दिया था। देश में अभिव्यक्ति की आजादी कहां है?’

हाल ही में डॉर्सी ने लॉन्च किया है ब्लूस्काई ऐप
फेक अकाउंट की वास्तविक संख्या को लेकर चल रहे विवाद के बीच जैक डॉर्सी ने 29 नवंबर 2021 को ट्विटर के CEO पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके कुछ समय बाद एलन मस्क ने 44 अरब डॉलर यानी तब करीब 3.37 लाख करोड़ रुपए में ट्विटर को खरीद लिया।

इसके बाद हाल ही में जैक डॉर्सी ने ट्विटर के जैसा सोशल मीडिया प्लेटफार्म ब्लूस्काई लॉन्च किया है। हालांकि, अभी ब्लूस्काई ऐप डेवलपिंग फेज में है, इस ऐप को सिर्फ एक इनवाइट कोड (OTP) के साथ एक्सेस किया जा सकता है।

ऐप एक आसान यूजर इंटरफेस देता है, जहां आप 256 वर्ड्स की एक पोस्ट बनाने के लिए प्लस बटन पर क्लिक कर सकते हैं, जिसमें फोटो भी शामिल हो सकती है।

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