शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के मुखिया और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के ‘असली शिवसेना’ के फैसले को चुनौती दी है। दरअसल, नार्वेकर ने राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे वाली शिवसेना को ‘असली शिवसेना’ बताया था।
स्पीकर ने शिंदे सहित सत्तारूढ़ खेमे के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की ठाकरे गुट की याचिका को भी खारिज कर दिया था। 10 जनवरी को अयोग्यता याचिकाओं पर अपने फैसले में स्पीकर ने किसी भी विधायक को अयोग्य नहीं ठहराया था।
स्पीकर ने शिंदे सहित सत्तारूढ़ खेमे के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की ठाकरे गुट की याचिका को भी खारिज कर दिया था। 10 जनवरी को अयोग्यता याचिकाओं पर अपने फैसले में स्पीकर ने किसी भी विधायक को अयोग्य नहीं ठहराया था।
नार्वेकर ने कहा था कि कोई भी पार्टी नेतृत्व अंदरूनी असंतोष या अनुशासनहीनता को दबाने के लिए संविधान की 10वीं अनुसूची (दलबदल विरोधी कानून) के प्रावधानों का उपयोग नहीं कर सकता है। स्पीकर ने कहा था कि जून 2022 में जब पार्टी विभाजित हुई तो शिंदे समूह को पार्टी के कुल 54 विधायकों में से 37 का समर्थन था। चुनाव आयोग ने 2023 की शुरुआत में शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को ‘शिवसेना’ नाम और ‘धनुष और तीर’ निशाना सौंप दिया था।