अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

फिर सौंपी जा सकती है उमेश सिंह कुशवाहा को JDU की कमान

Share

 पटना : ललन सिंह रिप्लेस होंगे या रिपीट? उमेश कुशवाहा की कुर्सी रहेगी या जाएगी? जनता दल यूनाइटेड में संगठन चुनाव के तहत जिला अध्यक्षों का चुनाव हो चुका है। इसके पहले संगठन से जुड़े तमाम चुनाव करा लिए गए हैं। अब सिर्फ ललन सिंह और उमेश कुशवाहा के भाग्य का फैसला बाकी है। 27 नवंबर को प्रदेश अध्यक्ष और 8 दिसंबर को जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की तारीख फिक्स है। बिहार में बदली परिस्थिति के बीच जनता दल यूनाइटेड का प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा? इसे लेकर राजनीतिक गलियारे में भी कई तरह के कयास लगने शुरू हो चुके हैं।

‘लव-कुश मिशन’ की खोज हैं उमेश सिंह कुशवाहा
बिहार विधानसभा चुनाव में जब उम्मीदों के मुताबिक पार्टी ने परफॉर्म नहीं किया तो नीतीश कुमार ने सबकुछ बदल डालेंगे के मुहिम में जुटे थे। उसी ‘लव-कुश मिशन’ के तहत उमेश कुशवाहा की खोज हुई थी। आरसीपी सिंह के साथ मिलकर पार्टी को मजबूत करने में जुटे थे। तभी आरसीपी सिंह ने दिल्ली दरबार से दिल लगा लिया। इसके बाद नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह की पार्टी से छुट्टी करने के साथ ललन सिंह को कमान थमा दी। वैसे, जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर उमेश सिंह कुशवाहा के नाम पर उस वक्त मुहर लगाई गई, जब तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह की तबीयत नासाज थी। वशिष्ठ नारायण सिंह ने खुद ही अपनी खराब सेहत का हवाला देकर प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटने की इच्छा जाहिर की थी। 2015 में महनार सीट से विधायक रहे उमेश सिंह कुशवाहा बिहार विधानसभा 2020 के चुनाव में चुनाव हार गए थे।

उपेंद्र कुशवाहा क्यों नहीं बन सकते प्रदेश अध्यक्ष?
क्या जनता दल यूनाइटेड के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा रिपीट होंगे? क्या उमेश सिंह कुशवाहा को फिर से जिम्मेदारी सौंपे जाने पर पार्टी लगाएगी मुहर? बीजेपी के पूर्व विधायक और प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल का कहना है कि ऐसा हो सकता है। उन्होंने इसके पीछे का कारण बताते हुए कहा कि हाल के दिनों में जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा एक बार फिर दाएं-बाएं करने लगे हैं। उपेंद्र कुशवाहा कभी नीतीश कुमार के विश्वासपात्र हुआ करते थे लेकिन जिस प्रकार से नीतीश कुमार ने उन्हें धक्के मारकर पार्टी से बाहर किया था, संभवत: वो भूले नहीं है। इसलिए ये संभव है कि नीतीश कुमार फिर से उपेंद्र कुशवाहा की लगाम अपने हाथ में रखने के लिए उमेश सिंह कुशवाहा को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप दें।

उमेश कुशवाहा के रिपीट करने के कारण जानिए
बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा को दोबारा इसलिए पार्टी में लिया था कि कुशवाहा वोटर उनके साथ बना रहे। हाल के दिनों में जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का हाव भाव बदला दिख रहा है। ऐसे में नीतीश कुमार, कुशवाहा जाति से आने वाले उमेश सिंह कुशवाहा को प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर इसलिए बनाए रखना चाहेंगे। ताकि उनका कुशवाहा वोट बैंक बचा रहे। जेडीयू में प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल भी तीन साल के लिए होता है लेकिन बीच में प्रदेश अध्यक्ष का पद संभालने वाले उमेश सिंह कुशवाहा का कार्यकाल दो साल भी पूरा नहीं हुआ है। इस लिहाज से भी उमेश सिंह कुशवाहा का प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवारी का दावा बढ़ जाता है।

प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव से पहले जेडीयू में मचा हंगामा
जदयू प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव 27 नवंबर को होना है, जिसके लिए 26 नवंबर को नामांकन करने की तिथि तय कर दी गई है। इसके पहले जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक 10-11 नवंबर और 16 नवंबर को जिला स्तर के चुनाव के साथ राज्य कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों का चुनाव भी कराया जा चुका है। लेकिन गुरुवार को जेडीयू प्रदेश कार्यालय में जिला स्तर के चुनाव में धांधली का आरोप लगाया गया। कई कार्यकर्ता प्रदर्शन करने के बाद धरने पर बैठ गए। प्रदर्शनकारी जदयू कार्यकर्ताओं का आरोप था कि उन्होंने जिसे जिला अध्यक्ष के रूप में चुना था, उसकी जीत नहीं हुई। पार्टी की ओर से उनके नाम से कोई पत्र नहीं आया। अध्यक्ष का पद किसी और को दे दिया गया। जेडीयू कार्यालय में प्रदर्शन और धरना पर बैठने वाले कार्यकर्ता बक्सर जिलाध्यक्ष चुनाव में धांधली का आरोप लगा रहे थे।

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें