~डॉ. प्रिया
अकसर हम बिना डॉक्टर की सलाह के मल्टीविटामिन लेने लगते हैं। हम सोचते हैं कि यदि शरीर में किसी तरह की कोई कमी होगी, तो मल्टीविटामिन टैबलेट इसे पूरा कर देंगे।
मल्टीविटामिन लेने का कोई मतलब नहीं है। मल्टीविटामिन डेफिशिएंसी नाम की कोई चीज़ नहीं है। इन दिनों मल्टीविटामिन की गोली लेना आम बात हो गई है।
*क्या है मल्टीविटामिन गोली?*
मल्टीविटामिन सप्लीमेंट होते हैं, जिनमें कई अलग-अलग विटामिन और मिनरल होते हैं। अलग-अलग मल्टीविटामिन सप्लीमेंट की न्यूट्रिशन वैल्यू अलग-अलग हो सकती है। मल्टीविटामिन और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स स्वास्थ्य को बनाए रखने और बीमारी को रोकने के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
विटामिन ए विजन हेल्थ में मदद करता है, तो विटामिन सी इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने में मदद करता है। विटामिन ई नर्व डीजेनरेशन को रोकने में मदद करता है। विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स नर्व रिजुवेनेशन में मदद करता है। यह एनर्जेटिक भी बनाता है। हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए विटामिन डी जरूरी हैं। विटामिन के ब्लड क्लॉट बनाने में भी मदद करता है।
*क्या हैं साइड इफेक्ट्स?*
विटामिन की बहुत अधिक या बहुत कम मात्रा शरीर के लिए समान रूप से हानिकारक हो सकती है। यदि शरीर में इनकी अधिकता हो जाती है, तो यह शरीर पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं। संतुलित आहार लेने से प्राकृतिक स्रोतों के माध्यम से जरूरी विटामिन और अन्य माइक्रोन्यूट्रिएंट की पूर्ति हो जाती है।
फिर शरीर को एक्स्ट्रा सप्लीमेंटेशन की आवश्यकता नहीं होती है। यदि डाइट अपर्याप्त हैं, तभी उन्हें मल्टीविटामिन सप्लीमेंट लेना चाहिए।
मल्टीविटामिन कभी भी खराब डाइट की भरपाई नहीं कर सकता है। यदि आप पुअर डाइट ले रही हैं और इसके बदले में मल्टीविटामिन ले रहे हैं, तो यह शरीर को स्वस्थ रखने में सक्षम नहीं होगा। यदि आप संतुलित आहार लेती हैं, तो आमतौर पर मल्टीविटामिन की कोई जरूरत नहीं होती है। आहार के माध्यम से सभी आवश्यक माइक्रो न्यूट्रिएंट प्राप्त करना चाहिए। स्वस्थ आहार कई अन्य लाभों के साथ आता है। जिसमें तृप्ति और दैनिक फाइबर सेवन को पूरा करना शामिल है।
कुछ लोगों में मौजूद स्वास्थ्य समस्याएं पोषक तत्वों के अवशोषण को प्रभावित करती हैं। ऐसे मामलों में हेल्थ केयर प्रोवाइडर मल्टीविटामिन सहित अन्य सप्लीमेंट लेने की सलाह दे सकते हैं।
यह ध्यान रखना जरूरी है कि विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन ई और विटामिन के वसा में घुलनशील होते हैं और शरीर में जमा हो सकते हैं।
*पॉइज़निंग :*
अधिक मात्रा लेने पर पॉइज़निंग हो सकती है। इनकी तुलना में विटामिन बी और विटामिन सी पानी में घुलनशील होते हैं। इसलिए अतिरिक्त मात्रा आसानी से शरीर से बाहर निकल जाती है। इससे विषाक्तता का खतरा कम हो जाता है। सूक्ष्म पोषक तत्वों की बहुत कम मात्रा में आवश्यकता होती है, आमतौर पर माइक्रोग्राम या मिलीग्राम में।
इसलिए बिना डॉक्टर की परामर्श के किसी भी प्रकार का सप्लीमेंट लेना स्वास्थ्य जोखिम बढ़ा सकता है।
भोजन के साथ-साथ लिए गए मल्टीविटामिन पेट में एसिड बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। ये उचित पाचन के लिए आवश्यक है। ये एसिड विटामिन और मिनरल युक्त कुछ यौगिकों को तोड़ने में मदद करते हैं। इस प्रकार पोषक तत्वों को अलग करते हैं और शरीर के लिए उनका उपयोग करना आसान बनाते हैं।
अंत में यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि मल्टीविटामिन किसी भी तरह से स्वस्थ और संतुलित आहार की जगह नहीं ले सकता है। मल्टीविटामिन का मुख्य उद्देश्य पोषण संबंधी कमियों को पूरा करना है।
भोजन में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले स्वास्थ्यवर्धक पोषक तत्वों और केमिकल की विशाल श्रृंखला का यह केवल एक संकेत प्रदान करता है।