इंदौर
शहर में लग्जरी कार चुराने के लिए मेरठ (यूपी) की गैंग के मास्टर माइंड सक्रिय हैं। ये बदमाश स्पेशल सॉफ्टवेयर वाले डिवाइस लेकर कारों की चाबी और इंटरनल सिक्योरिटी सिस्टम को मात्र 2 से 4 मिनट में ही डिकोड कर देते हैं। फिर इन्हीं डिवाइस के जरिए खुद के पास रखी मास्टर ‘की’ से कार के चिप सेंसर सिस्टम को कॉपी कर खुद की डुप्लीकेट चाबी बनाकर उसे एक्टिवेट कर देते हैं। इसके बाद आसानी से कार स्टार्ट कर चुरा ले जाते हैं।
मेरठ में कई कार गोदामों में इस तरह के डिवाइस तैयार कर वहां की सक्रिय चोर गैंग मप्र, राजस्थान, और गुजरात से लग्जरी कारें चुरा रही है। ये गैंग पिछले कुछ महीनों में ही 500 से ज्यादा कारें इन राज्यों के शहरों से चुरा चुकी है। इनमें लग्जरी और अन्य कारों को मिलाकर 30 से ज्यादा कारें इंदौर से चोरी गई हैं।
भास्कर ने मामले में पड़ताल की तो पता चला दिल्ली पुलिस ने कुछ दिनों पूर्व मेरठ के मोहसिन, असलम और औरंगाबाद के शहजाद को लग्जरी कार चोरी में गिरफ्तार किया था। पूछताछ में पता चला कि बदमाश स्पेशल डीकोडिंग डिवाइस से किसी भी कार के इंटरनल इंटेलिजेंस कम्प्यूटराइज्ड थेफ्ट सिस्टम को क्रेक कर लेते हैं।
इन 2 केस से समझें, कैसे हाई सिक्योरिटी सिस्टम को क्रेक कर चुराई कार
केस-1
5 मिनट में चोरी, 10 घंटे बाद ग्वालियर के आगे पकड़ाई
19 दिसंबर को खजराना की साईं कृपा नगर में निजी कंपनी के मैनेजर अतुल तिवारी की क्रेटा चोरी हुई थी। शिकायत के 10 घंटे बाद कार ग्वालियर के पास टेकनपुर के जंगल में लावारिस मिली थी। अतुल ने बताया कि वे कार लेने ओरिजनल चाबी लेकर टेकनपुर पहुंचे तो चाबी काम ही नहीं आई। क्रेन से कार को ग्वालियर स्थित ह्यूंडाई के सर्विस सेंटर ले जाना पड़ा। कंपनी एक्सपर्ट ने चेक किया तो पता चला कि चोरों ने कार की कोडिंग हैक कर डिकोड किया फिर कोडिंग बदल दी, इसलिए चाबी काम नहीं कर रही।
केस-2
ऐसी तरकीब से खोलते हैं लॉक कि सेंसर काम ही नहीं करता
30 नवंबर को राजेंद्र नगर क्षेत्र की स्कीम 103 से आईटी कंपनी के संचालक भरत आहुजा की चोरी हुई क्रेटा 3 घंटे बाद ही जालोद क्षेत्र में पुलिस ने जब्त की। कार चालक श्रवण कुमार विश्नोई को गिरफ्तार कर लिया। कार मालिक से ओरिजनल चाबी लेकर पुलिस पहुंची तो कार अनलॉक नहीं हुई। आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसके साथ चार लोग कार चुराने आए थे। उसे 10 हजार देकर सिर्फ ड्राइविंग के लिए हायर किया था। मास्टर माइंड एक लैपटॉप रखता है। वह डिवाइस की मदद से चोरी करता है।
बदमाश इस तरह से लॉक खोलते हैं कि सेंसर काम नहीं करता
शातिर चोर पहले कारों की रैकी करते हैं। उसके मेन गेट के लॉक सिस्टम के बटन को लोहे के डिवाइस से दबाकर ऐसे खोलते हैं जैसे अंदर से लॉक खोला हो, इसलिए अलर्ट सेंसर भी काम नहीं करते। फिर डेशबोर्ड या स्टेयरिंग डिवाइस की वाइरिंग में अपने हाईटेक डिवाइस लगाकर किसी भी कार की चिप लगी के डेटा को कॉपी कर उनके डिवाइस में बनी नई चाबी में ट्रांसफर कर देते हैं।
जिससे उस कार की ओरिजनल चाबी काम कर पाती है। चाबी भी क्लोनिंग कर तैयार कर लेते हैं। चोरों की इस नई टेक्निक ने हुंडई जैसी ऑटोमोबाइल कंपनी के एक्सपर्ट को हैरान कर रखा है। ग्वालियर में ह्यूंडाई के वर्कशॉप मैनेजर अनूप शर्मा कहते हैं कि बदमाश यह सब कैसे और किस डिवाइस से कर रहे हैं ये जांच का विषय है। कंपनी की एक्सपर्ट टीम भी इसे लेकर जांच कर रही है।
तीन दिन पहले विजय नगर से भी चोरी हुई कार, प्रकरण दर्ज
बदमाशों की गैंग ने 29 नवंबर सोमवार को विजय नगर क्षेत्र में ऋषिकेश (33) पिता दिनेशचंद्र पारेख निवासी स्कीम 74 के घर के बाहर से भी उनकी क्रेटा कार (जीजे 01 केयू 7603) भी इसी तरह से चोरी की है। पुलिस ने मंगलवार रात मामले में चोरी का केस दर्ज किया है।