प्रवीण जोशी
बहुत अधिक प्रैक्टिकल व्यक्ति होने के बावजूद मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा कि प्रेस फोटोग्राफर अमोल जैन इस संसार से विदा हो गए। वे बहुत मेहनती और व्यस्त इंसान थे।हम दोनो ने साथ मैं कितनी रिपोर्टिंग की,साथ मैं बैठकर भोजन किया,चाय पी , गिनती नहीं।अमोल भाई फोटोग्राफी करते और मैं रिपोर्टिग।एक दिन मैं 3 ,3 प्रोग्राम साथ किए। मैने कभी उन्हें गुस्सा करते हुए नही देखा।बहुत अदब और शालीनता से बात करते और प्रतूतर भी देते।
दो दशक से अधिक पुराना था मेरा साथ।अमोल भाई के पास कभी काम की कमी नहीं रही और न कभी उन्हें फुर्सत रही।वे वन मैन आर्मी थे और संघर्ष उनका साया था।इसके बावजूद उनके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान और वाणी मैं मिठास।अमोल भाई मल्टी टास्क इंसान थे,एक साथ कई काम, फोटोग्राफी,वीडियोग्राफी,मोबाइल पर बातचीत और लैपटॉप पे फोटो एडिटिंग। अमोल भाई ने कभी भी अपनी सेहत की चिंता नहीं की ,बहुत बीमार होते ,तभी चिंता करते ,क्योंकि काम से फुर्सत नही।
corona काल मैं भी अमोल भाई के पास फुर्सत नही थी ,उनका सामाजिक दायरा बहुत बड़ा था।जैन समाज ही नही कई समाजों का वे काम करते ।न कभी थकते और ना अवकाश लेते,शायद यही लापरवाही दगा कर गई। अमोल भाई सबके साथी थे ,दुख सुख के।मेरे लिए तो वे भाई थे ,क्योंकि कुछ बाते दोनो मैं समान थी,काम लिया है तो समय पे पूरा करना और सेफ जोन मैं कभी नही रहना।आज अमोल भाई नही है तो मन कचोट रहा। तकलीफ हो रही ,दुख हो रहा और बीती बाते एक एक कर याद आ रही।अमोल भाई का दिवंगत होना मेरे लिए भी व्यक्तिगत क्षति है ।परमात्मा उन्हें अपने श्री चरणों मैं स्थान दे ,यही विनती है।