उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस की स्टार प्रचारकों की सूची के सूची में मध्यप्रदेश के दिग्गज नेता गायब हैं। स्टार प्रचारकों की पहली लिस्ट में दिग्गज नेताओं के नाम नहीं होने के कारण मप्र बीजेपी और कांग्रेस दोनों में सोशल मीडिया पर घमासान मचा है। आने वाले समय में मप्र के नेता उत्तरप्रदेश के चुनावी दंगल में दिख सकते हैं।
उत्तरप्रदेश का चुनाव लंबा चलने वाला है। उत्तप्रदेश में 7 चरणाें में मतदान होने हैं। इसके लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट आना शेष है। वहीं, पार्टियां अपने नेताओं को उत्तरप्रदेश में उतारने के लिए सही समय का इंतजार कर रही हैं। मप्र के दिग्गज उत्तरप्रदेश के समीपवर्ती इलाकों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा सकते हैं। अभी पहले फेज के स्टार प्रचारकों की लिस्ट आउट हुई है।
कोरोना संक्रमण के कारण उत्तरप्रदेश में भीड़ जुटाकर रैलियां करने पर रोक लगी है। इसका असर पार्टियों की चुनावी रणनीति पर भी पड़ा है। पार्टियां कसावट कर, क्षेत्र, जातिगत आधार पर प्लानिंग की है। इसके लिए जहां जिसकी जरूरत है, उसी तरह कसावट कर दिग्जग नेताओं को कैंपेन के लिए उतारने की रणनीति बनाई गई है। वर्चुअली सभाएं आयोजित की जा रही हैं। फिलहाल पार्टियों ने स्थानीय नेताओं को अधिक महत्व दिया है।
कांग्रेस की ओर से मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के अलावा राज्यसभा सासंद और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह कैंपने के लिए यूपी जा सकते हैं। बीजेपी की ओर से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया यूपी चुनाव के कैंपेन में दिख सकेंगे।
दो चरण बाद कर सकते हैं यूपी में कैंपेन
यूपी के 11 जिले मध्यप्रदेश की सीमा से लगे हुए हैं। लेकिन मप्र की राजनीति से प्रभावी होने क्षेत्रों में अभी चुनाव का समय नहीं आया है। यूपी इन जिलों में करीब 49 विधानसभा सीट हैं। इसमें सिर्फ एक जिला आगरा ऐसा है जहां पहले चरण के लिए मतदान 10 फरवरी को होगा। इसे छोड़कर अन्य जिलों में 20 फरवरी, 27 फरवरी और 7 मार्च को मतदान होगा है। यह मतदान दो चरण बाद शुरू होगा। इसके बाद मध्यप्रदेश के दिग्गज नेताओं को स्टार प्रचारक उत्तरप्रदेश चुनाव में कैंपेन करने भेजा जा सकता है।
मप्र से लगे इन जिलों में इन तारीखों में होगा मतदान
इटावा (20 फरवरी), जालौन (20 फरवरी), झांसी (20 फरवरी), ललितपुर (20 फरवरी) ,महोबा (20 फरवरी), बांदा (20 फरवरी), चित्रकूट(27 फरवरी), प्रयागराज (27 फरवरी), मिर्जापुर (7 मार्च), सोनभद्र (7 मार्च) को अलग-अलग चरणों में मतदान होगा। इस दौरान पार्टियां मप्र के दिग्गज नेताओं को यहां उतार सकती हैं।
उत्तर प्रदेश में चुनावी बिगुल बज चुका है. इसके साथ ही कांग्रेस ने अपनी खोई हुई साख हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है वहीं दूसरी तरफ बीजेपी भी अपना आधार मजबूत करना चाहती है. पार्टी 300 प्लस के टारगेट पर काम कर रही है. इसे देखते हुए दोनों ही पार्टियां (leaders of mp will campaign in up elections) एमपी और यूपी के बॉर्डर से लगती विधानसभा सीटों पर एमपी के नेताओं को चुनाव प्रचार में उतार रही हैं. कांग्रेस ने जहां कमलनाथ, दिग्विजय सिंह सहित जाती के आधार पर नेताओं को चुनाव प्रचार में उतारा है वहीं 2017 में प्रियंका गांधी और कांग्रेस के लिए वोट मांगते नजर आए ज्योतिरादित्य सिंधिया इस बार योगी आदित्यनाथ के लिए चुनाव प्रचार करते नजर आएंगे.लेकिन सवाल यह है कि दोनों ही पार्टियों के नेता क्या यूपी में कोई कमाल दिखा पाएंगेकहते हैं यूपी चुनाव में मुद्दा भले ही कोई भी हो लेकिन मतदान जाती के आधार पर ही होता है. यही देखते हुए कांग्रेस ने मध्यप्रदेश कांग्रेस ने नेताओं को भी यूपी चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी है. एमपी के कांग्रेस नेताओं को संगठन ने अलग-अलग क्षेत्रों और विधानसभाओं में पर्यवेक्षक के तौर पर जिम्मेदारी दी गई है.