नई दिल्ली। गोवर्धनपीठ जगन्नाथपुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के राम मंदिर उद्घाटन समारोह में शामिल न होने के बयान के दो दिन बाद भाजपा नेता विनय कटियार ने कहा कि राम मंदिर निर्माण का श्रेय किसी एक व्यक्ति को नहीं जाता है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में लालकृष्ण आडवाणी और आरएसएस कार्यकर्ताओं का बहुत बड़ा योगदान रहा है।
69 वर्षीय विनय कटियार भाजपा के फायरब्रांड नेता और बजरंग दल के संस्थापक हैं। वह फैजाबाद संसदीय क्षेत्र से तीन बार सांसद रह चुके हैं। नब्बे के दसक में वह राम मंदिर के प्रमुख चेहरा थे। बाबरी मस्जिद के विध्वंस मामले में नामित 32 आरोपियों में उनका नाम भी शामिल था। लेकिन बाद में मस्जिद विध्वंस मामले में बरी कर दिया गया।
सांसद विनय कटियार ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए साक्षात्कार में कहा कि “इसका श्रेय किसी एक व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता। जब ऐसे आंदोलन होते हैं तो इसका श्रेय पूरे संगठन को जाता है। आंदोलन में आरएसएस की बड़ी भूमिका थी। इसने एक संगठन के रूप में नेतृत्व किया, लेकिन इसके अन्य सहयोगी संगठनों जैसे विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने राम मंदिर के लिए आगे काम किया और वीएचपी इसी तरह का काम जारी रखे हुए है। तो इसका श्रेय संघ के स्वयंसेवकों को जाता है।”
राम जन्मभूमि मामले में अपनी भूमिका का उल्लेख करते हुए विनय कटियार ने कहा कि “यह मैं ही था जिसने आंदोलन शुरू किया और अन्य लोगों को भी इससे जोड़ा। मैं एक ‘आंदोलनकारी नेता’ हूं और उन लोगों में से एक हूं जिन्होंने आंदोलन की नींव रखी। बाद में और भी लोग जुड़ गये। अब मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है। यह आगे बढ़ेगा और मंदिर जल्द ही बनकर तैयार होगा।”
राम मंदिर आंदोलन और बजरंग दल की स्थापना के सवाल पर उन्होंने कहा कि “बजरंग दल का गठन हिंदू समाज के जागरण के लिए किया गया था। इसे राम मंदिर आंदोलन से जोड़ना स्पष्ट था और इसने सक्रिय भूमिका निभाई। मैंने अयोध्या में अपने घर पर बजरंग दल की स्थापना की और संगठन ने वहीं से काम करना शुरू किया। बाद में, यह विश्व हिंदू परिषद (VHP) की युवा शाखा बन गई।”