इंदौर। वक्फ बोर्ड की जमीनों के सत्यापन के बाद अब बिल पास होते ही सभी जमीनों का सीमांकन करने के निर्देश जारी किए गए हैं। सभी तहसीलदार टेक्निकल जानकारी के साथ इंदौर स्थित जमीनों का सीमांकन कर उनकी चतु: सीमा के साथ महत्वपूर्ण जानकारी इकट््ठा कर रहे हैं। सरकार से मिले निर्देश के अनुसार पोर्टल पर उक्त जानकारी के बिना सत्यापन नहीं हो सकेगा।
भारतीय प्रोद्यौगिकी संस्थान दिल्ली के प्रतिनिधि मण्डल द्वारा 9 मार्च को वक्फ संपदा और संपत्तियां के सर्वे एवं वामसी – एमपी पोर्टल पर ऑनलाइन सत्यापन प्रक्रिया का अवलोकन किया गया है। शान द्वारा जारी निर्देश के अनुसार सभी जमीनों का वेरिफिकेशन करने के साथ सीमांकन भी किया जाना है, जिसके लिए सभी तहसीलदारों को निर्देश जारी किए गए हैं इन दोनों सभी तहसीलदार वक्फ की जमीनों का सीमांकन करने में जुटे हुए हैं। तहसीलदारों से मिली जानकारी के अनुसार पोर्टल पर टेक्निकल जानकारी अपलोड करने के बाद ही प्रक्रिया आगे बढ़ रही है।
इसलिए नायब तहसीलदार और पटवारी से सीमांकन कराया जा रहा है। चतु: सीमा के साथ उक्त जमीन की पहचान खसरा नंबर भी दर्ज किया जा रहा है वक्फ बोर्ड की जमीन को लेकर कल बिल पास होने के बाद एक बार फिर हलचल शुरू हो गई है। ज्ञात हो कि राजस्व समीक्षा के दौरान सीमांकन के मामले मशीनों की कमी के कारण पेंडिंग है। वहीं अब दूसरी तरफ वक्फ की जमीनों का सीमांकन भी किया जा रहा है। सर्वाधिक भूमि जूनी इंदौर तहसील क्षेत्र में है। यहां 187 भूमि का आंकड़ा सामने आया है। इसी तरह देपालपुर में 136, सांवेर में 105, भिचौली हप्सी में 15, महू में 93, हातोद में 38, कनाडिया में 09, राऊ में 18 और मल्हारगंज में 19 भूमि को लेकर जांच की गई है। हाल ही में जो आंकड़ा तैयार किया गया उसके अनुसार जिले में लगभग 500 से अधिक भूमि अलग-अलग तहसील की वक्फ बोर्ड के नाम से सामने आई है। जूनी इंदौर तहसील में बताई गई 187 भूमि में से अधिकांश भूमि मल्हारगंज तहसील क्षेत्र में पहुंच गई है, अब यह आंकड़ा जूनी इंदौर में कम हो गया है।
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