चुनावी साल में मध्यप्रदेश में जातियों की ताकत दिखने लगी है। सरकार तमाम जातियों को और वर्गों को साधने के लिए कोशिशें कर रही है। 15 दिन के भीतर ही स्वर्ण कला, रजक कल्याण, तेलघानी और विश्वकर्मा कल्याण बोर्ड बनाने के आदेश जारी भी कर दिए हैं। इन बोर्ड में अध्यक्षों के साथ चार-चार सदस्यों की नियुक्ति होगी।
प्रदेश में इन चारों जातियों की जनसंख्या डेढ़ करोड़ से ज्यादा है, जो 230 में से 105 विधानसभा सीटों पर जीत-हार पर सीधा असर डाल सकती हैं। यही वजह है कि सरकार की घोषणा से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में इन समाजों के अलग-अलग सम्मेलन किए थे। तेलघानी बोर्ड बनाने का ऐलान तो तीन दिन पहले ही किया था। इस समाज की आबादी प्रदेश में 50 लाख से ज्यादा है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि साहू राठौर सकल तैलिक समाज, परिश्रमी-देशभक्त और राष्ट्रवादी समाज है। राज्य सरकार समाज के कल्याण और विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
2018 की गलतियां दोहराना नहीं चाहती सरकार
बीजेपी सूत्रों का कहना है कि सरकार 2018 की गलती को दोहराना नहीं चाहती। किसी वर्ग को नाराज नहीं करना चाहती, इसलिए हर जाति और वर्ग को साधने का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रयास कर रहे हैं। दरअसल, 2018 के चुनाव से पहले मध्यप्रदेश में कांग्रेस डेढ़ दर्जन समाजों को साधने में सफल हो गई थी। यही वजह है कि बीजेपी मध्यप्रदेश में उत्तर प्रदेश में कारगर साबित हुए छोटी जातियों को साधने के फॉर्मूले पर काम कर रही है।
जिन्हें कुर्सी मिलेगी वे खुश होंगे, समाज का भला नहीं होगा
राजनीतिक विश्लेषक अरुण दीक्षित शिवराज सरकार के इस फैसले पर कहते हैं कि जिन्हें बोर्ड में अध्यक्ष-सदस्य बनाया जाएगा, वे 6-7 महीने ही सत्ता का सुख भोग पाएंगे। यदि सरकार की समाज का उत्थान करने की मंशा होती, तो यह बोर्ड 3 साल पहले गठित हो जाते। इसके लिए बजट में राशि का प्रावधान किया जाता। चुनावी साल में बोर्ड बनाना साफ संकेत हैं कि राजनीतिक फैसला है, जिन्हें कुर्सी मिलेगी वे खुश हो जाएंगे, लेकिन बोर्ड बनाने से इन समाजों का भला नहीं होगा।
अब जानिए, चार समाजों की वोट की ताकत
1. तैलिक समाज, 50 लाख आबादी
शिवराज का ऐलान– मां कर्मा के तीर्थ स्थल नरवरगढ़, मंदसौर के तेलिया तालाब को विकसित करने पर विचार।
बोर्ड का गठन हो गया, अब अन्य मांगों पर फैसले का इंतजार
मप्र में तैलिक समाज की 19 मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया था। बोर्ड का गठन हो गया। अब अन्य मांगों पर सरकार के फैसले का इंतजार है। – ताराचंद साहू, प्रदेश अध्यक्ष, तैलिक साहू समाज
2. सोनी समाज, 27 लाख आबादी
विदिशा की शमशाबाद, जबलपुर, पन्ना की पवई, सतना की मैहर व अमरपाटन विधानसभा क्षेत्रों पर प्रभाव ज्यादा।
सोनी समाज के आराध्य देव महाराज अजमीढ़देवजी की मूर्ति भोपाल में स्थापित करने पर विचार।
3. विश्वकर्मा समाज, 45 लाख आबादी
केंद्र सरकार ने बजट में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना की घोषणा है। इस योजना के तहत पारंपरिक और स्किल्ड प्रोफेशन में लगे लोगों को इसके जरिए फायदा पहुंचाया जाएगा। मप्र में 2013 में बीजेपी के साथ था, लेकिन 2018 में कांग्रेस ने इस वोट बैंक में सेंध लगा दी थी।
शिवराज का ऐलान – भगवान विश्वकर्मा की जयंती पर ऐच्छिक अवकाश घोषित किया जाएगा। विश्वकर्मा समाज के कल्याण के लिए योजनाएं भी बनाई जाएंगी।
विश्वकर्मा समाज के प्रतिनिधि मंडल की 16 मार्च को साथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से मुलाकात हुई। इस पर “मध्यप्रदेश कांग्रेस लौह एवं काष्ठ कला प्रकोष्ठ” का गठन कर दिया।
4. रजक समाज, आबादी 35 लाख
असर- लगभग सभी विधानसभा क्षेत्रों में 2 से 8 हजार तक आबादी
मुख्य मांग- इस समाज को अनुसूचित जाति में शामिल किया जाए। विधानसभा में वर्ष 1998, 2006 और फिर 2016 में इस जाति को अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने का अशासकीय संकल्प पारित हो चुका है। भोपाल, सीहोर और रायसेन में इस समाज के लोग अनुसूचित जाति में शामिल हैं, जबकि अन्य जिलों के लोगों को अन्य पिछड़ा वर्ग में रखा गया है।
रजक समाज की सीएम हाउस घेरने की तैयारी
रजक समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग को लेकर प्रदेशभर से रजक समाज के लोग भोपाल पहुंचेंगे। सेकंड स्टॉप स्थित बाबा साहब अंबेडकर मैदान पर 8 और 9 अप्रैल को उपवास के बाद 10 अप्रैल को रजक समाज ने सीएम हाउस घेराव का ऐलान किया है। इस शक्ति प्रदर्शन के पहले ही सरकार ने रजक समाज कल्याण बोर्ड का गठन किया है। सरकार के इस कदम के बाद रजक समाज शक्ति प्रदर्शन को लेकर क्या फैसला करता है, इस पर फैसला नहीं हुआ है।
अब जानिए, 2 समाजों के बोर्ड के हाल
माटी कला बोर्ड- चुनाव से पहले बनाया अध्यक्ष
मिट्टी शिल्प कला में निखार लाने के लिए वर्ष 2008 में सरकार ने माटी कला बोर्ड की स्थापना की थी, लेकिन इसका लाभ प्रजापति समाज को नहीं मिला। स्थिति यह है कि मिट्टी में खुशबू बिखेरने की कला सिखना वाले माटी कला बोर्ड का स्वयं का भवन नहीं है। जब बोर्ड का गठन हुआ था, तब उज्जैन के अशोक प्रजापति को अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन उनका कार्यकाल खत्म होने के बाद किसी की नियुक्ति नहीं की गई। अब चुनावी साल में जनवरी 2023 में पूर्व विधायक आरडी प्रजापति को बोर्ड की कमान सौंपी गई है।
प्रदेश में 65 लाख कुम्हार, लेकिन बजट नहीं
माटी कला बोर्ड के वर्तमान अध्यक्ष आरडी प्रजापति के मुताबिक प्रदेश में 65 लाख से ज्यादा कुम्हार हैं। इनमें से 40 लाख अब भी अपने परंपरागत पेशे से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि सरकार से बोर्ड को अलग से कोई बजट उपलब्ध नहीं कराया जाता है। बावजूद इसके युवाओं को कला के नए आयामों को स्थापित करने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है। बता दें कि माटी कला बोर्ड का जिला स्तर पर कार्यालय नहीं है। इसका संचालन जिला पंचायत कार्यालय के हथकरघा विभाग के माध्यम से हो रहा है।
केश शिल्पी बोर्ड- 2013 में गठन, अध्यक्ष का पद 10 साल से खाली
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2013 के चुनाव के पहले सेन समाज की पंचायत बुलाई थी। इसमें केश शिल्पी बोर्ड के गठन का ऐलान किया गया। बोर्ड बन गया। धार के नंदकिशोर वर्मा को बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया। चुनाव से ठीक एक महीने पहले वर्मा को राज्यमंत्री का दर्ज भी दिया गया, लेकिन उनका कार्यकाल मात्र 6 महीने रहा। इसके बाद से दिसंबर 2017 में एक बार फिर वर्मा अध्यक्ष बनाए गए। जब 2018 में चुनाव से पहले फिर अध्यक्ष की कुर्सी वर्मा को दे दी गई। खास बात यह है कि कार्यकाल की अवधि क्या होगी? तीनों आदेशों इसका उल्लेख नहीं किया गया।
दो साल पहले फिर याद दिलाया
10 मार्च 2021 को इंदौर के चाणक्यपुरी चौराहे पर इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा निर्मित संत शिरोमणिश्री सेनजी महाराज की प्रतिमा और छत्री के भूमि पूजन कार्यक्रम में समाज ने सरकार को बोर्ड का गठन करने की याद दिलाई। लेकिन अब तक बोर्ड का गठन नहीं हुआ।
प्राधिकरणों में नियुक्तियों में भी जातीय समीकरण
- देवास विकास प्राधिकरण में बीजेपी के जिला महामंत्री राजेश यादव को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। 2014 से प्राधिकरण में अध्यक्ष का पद खाली था। अभी तक कलेक्टर प्राधिकरण की कमान संभाले हुए थे। प्रभारी सीईओ के रूप में निगम कमिश्नर कार्य देख रहे थे। यादव की नियुक्ति को 28 फरवरी को हुए अहीर रेजिमेंट की मांग को लेकर हुए यादव समाज के शक्ति प्रदर्शन से जोड़ कर देखा जा रहा है। दरअसल, भोपाल में इस प्रदर्शन में प्रदेश भर के 25 हजार से ज्यादा यादव समाज के लोग शामिल हुए थे।
- कटनी विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष पीतांबर टोपनानी को बनाया गया है। हाल में सिंधी समाज का भोपाल में सम्मेलन आयोजित किया गया था। इसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत शामिल हुए थे। प्रदेश में सिंधी समाज की आबादी 9 लाख से ज्यादा है। कटनी खासकर इस जिले के व्यापार में सिंधी समाज का वर्चस्व है। साफ है कि टोपनानी को अध्यक्ष बनाए जाने का फायदा विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिल सकता है।
- सिंगरौली विकास प्राधिकरण की कमान दिलीप शाह को सौंप कर इस जिले में आदिवासियों को खुश करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। निकाय चुनाव में बीजेपी को महापौर पद से हाथ धोना पड़ा था। जबकि यहां तीन में से एक विधानसभा आदिवासी बाहुल्य है। जिले की कुल 11 लाख 79 हजार जनसंख्या में 3 लाख 83 हजार से ज्यादा आदिवासी हैं।