देश में एक फिर चुनावी मौसम की शुरुआत हो चुकी है। बीते दिन चुनाव आयोग ने हरियाणा और जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया। हरियाणा में एक चरण में तो जम्मू कश्मीर में तीन चरण में मतदान होगा। इस दौरान दोनों राज्यों के करीब तीन करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।हरियाणा में 2019 में सत्ताधारी भाजपा बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई थी। उसे 40 सीटों पर जीत मिली। 90 सदस्यों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 46 सीटों पर जीत जरूरी थी। चुनाव के बाद 10 सीटों वाली जजपा के साथ पार्टी ने गठबंधन किया और राज्य की सत्ता में वापसी की।
हरियाणा में फिलहाल भाजपा की सरकार है जिसमें कुछ निर्दलीयों का समर्थन भी शामिल है। 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद राज्य की राजनीति में बहुत कुछ बदल चुका है। चुनाव के बाद दुष्यंत चौटाला की पार्टी जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने भाजपा के साथ गठबंधन किया था। हालांकि, 2024 लोकसभा चुनाव से पहले दोनों दलों का गठबंधन टूट गया। इससे पहले भाजपा ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन भी किया था। सरकार को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा। आइए जानते हैं राज्य में बीते पांच साल में हुए सियासी उठापटक के बारे में…
जजपा के साथ भाजपा ने सरकार बनाई
सत्ताधारी भाजपा बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई। 90 सदस्यों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 46 सीटों पर जीत जरूरी थी। चुनाव के बाद 10 सीटों वाली जजपा के साथ पार्टी ने गठबंधन किया और राज्य की सत्ता में वापसी की। 27 अक्तूबर, 2019 को मनोहर लाल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। किंग मेकर बने दुष्यंत चौटाला ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
जम्मू कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव
किसान आंदोलन के बीच मनोहर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव
2019 के चुनाव के डेढ़ साल भी नहीं हुए थे कि तत्कालीन मनोहर लाल सरकार की अग्निपरीक्षा शुरू हो गई। यह वह समय था जब हरियाणा-पंबाज समेत देशभर के किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। सरकार में शामिल ही कुछ विधायकों ने कृषि कानूनों को लेकर असहमति जताई। इसके अलावा ऐलनाबाद से इनेलो के विधायक अभय सिंह चौटाला ने जनवरी 2021 में कृषि कानूनों के खिलाफ इस्तीफा दे दिया। इस दौरान चौटाला ने यहां तक कहा कि उनके इस्तीफा देने के बाद हरियाणा विधानसभा से इस्तीफा देने वालों की झड़ी लग जाएगी।
इसी विरोध प्रदर्शन बीच, मार्च 2021 में कांग्रेस मनोहर लाल सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाई। हालांकि, सरकार के खिलाफ लाया गया कांग्रेस का यह अविश्वास प्रस्ताव गिर गया। सरकार को 55 विधायकों का साथ सदन में मिला। वहीं 32 विधायकों ने कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में मत किया। उस वक्त विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या 88 थी। अविश्वास प्रस्ताव पर छह घंटे की लंबी चर्चा के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पूर्व सीएम भूपिंदर हुड्डा हुड्डा के बीच वार पलटवार हुआ।
संबोधित करते मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी।
लोकसभा चुनाव से पहले नेतृत्व परिवर्तन
2021 में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिरने के बाद मनोहर लाल मार्च 2024 तक मुख्यमंत्री बने रहे। लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा की सियासत में बड़ा बदलाव हुआ। भाजपा ने मनोहर लाल को हटाकर ओबीसी समुदाय से आने वाले भाजपा के प्रमुख नेता नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बना दिया। 12 मार्च, 2024 को सैनी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके साथ ही पांच विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। साल 2019 में भाजपा ने नायब सिंह सैनी कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा था और वह संसद पहुंचे। भाजपा ने सैनी को 2023 में प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष पद की भी जिम्मेदारी दी थी।
उधर राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के बाद भाजपा ने मनोहर लाल खट्टर को लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बना दिया। 14 मार्च को भाजपा ने 72 उम्मीदवारों की सूची जारी की जिसमें मनोहर लाल खट्टर को करनाल से चुनाव लड़ने का एलान किया गया।
लोकसभा चुनाव का मुकाबला
विधानसभा चुनाव से पहले अब बारी आई हरियाणा में लोकसभा चुनाव की। 25 मई को हरियाणा की 10 लोकसभा व एक उपचुनाव सीट के लिए डाले गए। जब 4 जून को नतीजे आए तो मुकाबला कांटे का दिखा। लोकसभा में भाजपा और कांग्रेस को पांच-पांच सीट मिलीं। करनाल विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की जीत हुई। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सभी 10 सीटें जीत ली थीं लेकिन इस बार आंकड़ा आधा हो गया।
उपचुनावों में कैसा रहा पार्टियों का प्रदर्शन?
विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में चार उपचुनाव भी हुए। इनमें से दो भाजपा और एक-एक कांग्रेस और इनेलो ने जीती।
2020: बरोदा सीट से कांग्रेस के विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा निधन के कारण उपचुनाव कराया गया। नवंबर 2020 में आए नतीजे में कांग्रेस के इंदुराज नरवाल ने भाजपा के पहलवान योगेश्वर दत्त को हरा दिया।
2021: ऐलनाबाद से इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने जनवरी 2021 में कृषि कानूनों के खिलाफ इस्तीफा दे दिया था। उप चुनाव के बाद नवंबर 2021 में आए नतीजे में अभय सिंह चौटाला दोबारा विधायक चुने गए। भाजपा-जजपा गठबंधन प्रत्याशी गोबिंद कांडा दूसरे नंबर पर रहे जबकि कांग्रेस प्रत्याशी पवन बैनीवाल की जमानत भी जब्त हो गई।
2022: आदमपुर से कांग्रेस विधायक रहे कुलदीप बिश्नोई ने सितंबर 2022 में विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया। इसके चलते आदमपुर में उपचुनाव हुए। हरियाणा में भाजपा सरकार, स्वर्गीय भजनलाल के परिवार और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी आदमपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में आखिर भजनलाल के पौत्र व भाजपा उम्मीदवार भव्य बिश्नोई ने विजय हासिल की। नवंबर 2022 में आए नतीजे में भव्य ने कांग्रेस उम्मीदवार पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश (जेपी) को हराया।
2024: करनाल विधानसभा सीट पर हरियाणा में इसी साल 25 मई को उपचुनाव कराया गया था। 2019 में करनाल लोकसभा सीट से चुने गए नायब सिंह सैनी को भाजपा ने मार्च 2024 में मुख्यमंत्री बना दिया था। मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उन्हें छह महीने के अंदर हरियाणा विधानसभा क सदस्य होना जरूरी हो गया था। लोकसभा चुनाव के साथ हुए करनाल विधानसभा सीट पर उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी एवं सीएम नायब सैनी जीत दर्ज करके विधायक बन गए। उन्होंने कांग्रेस के तरलोचन सिंह को हराया।
अभी क्या है समीकरण?
चुनाव आयोग ने 16 अगस्त को जम्मू कश्मीर के साथ हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया। हरियाणा में एक चरण में मतदान होगा। चुनाव के लिए अधिसूचना 5 सितंबर को जारी होगी। नामांकन की आखिरी तारीख 12 सितंबर होगी। वहीं, मतदान 1 अक्तूबर को होगा। नतीजे 4 अक्तूबर को घोषित किए जाएंगे।
2019 की तरह इस बार भी मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस में हो सकता है। 2019 के विधानसभा चुनाव में 10 सीटें जीतने वाली जजपा और इनेलो जैसी पार्टियां भी चुनाव में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं। भाजपा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के चेहरे पर चुनाव लड़ेगी तो कांग्रेस की ओर से भूपेंद्र सिंह हुड्डा पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा होंगे। जजपा के लिए दुष्यंत चौटाला इस बार किंग मेकर से किंग बनने की कोशिश करेंगे तो इनेलो के अभय चौटाल पार्टी का पुराना जनाधार वापस पाने की कोशिश करेंगे।