अमित शुक्ला
ई दिल्ली: दिल्ली से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए 19 जनवरी को चुनाव होने हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) ने इसमें संजय सिंह और एनडी गुप्ता के अलावा स्वाति मालीवाल को भी उम्मीदवार बनाया है। सोमवार को तीनों ने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। AAP के सभी उम्मीदवारों का निर्विरोध चुना जाना लगभग तय है। स्वाति मालीवाल अब तक दिल्ली महिला आयोग (DCW) की अध्यक्ष थीं। राज्यसभा का उम्मीदवार बनने के ऐलान के बाद स्वाति मालीवाल ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दिया था। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष रहते हुए वह बेहद मुखर रहीं। उनके कार्यकाल में महिलाओं के हर बड़े-छोटे मुद्दे को लेकर आवाज उठाई गई। लोकसभा चुनाव से पहले स्वाति मालीवाल को राज्यसभा उम्मीदवार बनाकर AAP ने बड़ा दांव खेला है। आइए, यहां समझते हैं कैसे।
मालीवाल के जरिये लोकसभा चुनाव में महिलाओं को साधेगी AAP
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष के तौर पर स्वाति मालीवाल ने जबर्दस्त काम किया। इस दौरान वह बेहद मुखर रहीं। उन्होंने हर छोटे-बड़े मसले पर महिलाओं की आवाज बुलंद की। इसने महिलाओं के बीच स्वाति मालीवाल की अलग ही पहचान बनाई। कोई नेता-मंत्री न होते हुए भी मालीवाल आज जाना-पहचाना चेहरा हैं। खासतौर से महिलाओं के बीच उन्हें बहुत पसंद किया जाता है। हाल में हुए राज्य विधानसभा चुनावों में महिलाएं अपनी ताकत का नमूना पेश कर चुकी हैं। तीन राज्यों में बीजेपी की शानदार जीत के पीछे महिलाओं के वोट बड़ा फैक्टर बने। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बीजेपी लगातार महिला वोटरों पर फोकस बनाए हुए है। जाति जनगणना के उठ रहे सियासी तूफान तक को पीएम ने महिलाओं के जरिये शांत कर दिया। उन्होंने ‘चार’ जातियों में गरीब, युवा और किसान के साथ महिलाओं को भी जगह दी। स्वाति मालीवाल के जरिये लोकसभा चुनाव से पहले AAP भी अब उसी दिशा में आगे बढ़ी है। यह कदम AAP के लिए माहौल बनाएगा। उसकी इमेल बिल्डिंग के लिहाज से भी यह पार्टी का सधा हुआ फैसला है।
आतिशी दिल्ली में तो स्वाति संसद में बनेंगी AAP की आवाज
दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बाद आतिशी AAP की सबसे कद्दावर नेता हैं। किसी भी अन्य मंत्री के मुकाबले उनके पास सबसे ज्यादा विभाग और मंत्रालय हैं। आज की तारीख में आतिशी दिल्ली में AAP की सबसे बुलंद आवाजों में से एक हैं। वह पूरी मजबूती और धड़ल्ले से पार्टी का पक्ष रखती हैं। AAP चाहती है कि संसद में भी उसकी आवाज और ज्यादा सुनाई दे। संजय सिंह और राघव चड्ढा के साथ मिलकर स्वाति मालीवाल में वह दमखम है जो इस काम को अंजाम दे सकती हैं। महिला होने के नाते स्वाति मालीवाल संसद में आतिशी वाली कमी को पूरा कर देंगी।
अच्छी छवि का फायदा उठाने की होगी कोशिश
स्वाति मालीवाल के साथ कई बातें जुड़ी हैं। मुखर होने के साथ उनकी छवि भी बहुत सकारात्मक है। DCW चीफ रहते हुए उन्होंने महिलाओं के मसलों पर शानदार काम किया है। उनकी इस इमेज का आम आदमी पार्टी को ओवर-ऑल फायदा मिल सकता है। स्वाति मालीवाल ने देश के अलग-अलग हिस्सों में महिलाओं पर अत्याचार के खिलाफ 2018 में अनशन शुरू किया था। उन्होंने महिला सुरक्षा पर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आश्वासन की मांग की थी। स्वाति ने ही महिलाओं के यौन उत्पीड़न, बलात्कार जैसे मामलों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के जरिये छह महीने में निपटाने, दिल्ली पुलिस में 66 हजार पुलिसकर्मियों की भर्ती और बेहतर फॉरेंसिक लैब का इंतजाम करने जैसी कई मांगें की थीं। AAP को लगता है कि स्वाति की सकारात्मक छवि का उसे फायदा होगा।
AAP दिखाएगी महिला अधिकारों की वह है चैंपियन
स्वाति ने रिश्तों के ऊपर महिला अधिकारों को तवज्जो दी। पिछले साल उन्होंने अपने पिता पर बचपन में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इसके पीछे मंशा यह थी कि महिलाएं और लड़कियां अपने ऊपर होने वाली ज्यादतियों को छुपाएं नहीं। अपनी शिकायतें सामने लेकर आएं। 2018 में स्वाति ने अपने पति नवीन जयहिंद की सार्वजनिक आलोचना की थी। तब नवीन ने बीजेपी की महिला नेताओं पर विवादित बयान दिया था। फरवारी 2020 में दोनों ने तलाक लेकर एक-दूसरे से रास्ते अलग कर लिए थे। स्वाति मालीवाल का जन्म 15 अक्टूबर, 1984 को हुआ। वह एमिटी इंटरनेशनल की पढ़ी हुई हैं। स्वाति ने जेएसएस अकैडमी ऑफ टेक्निकल एजुकेशन से आईटी में बैचलर डिग्री हासिल की है। मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने के बाद वह ‘परिवर्तन’ नाम के एनजीओ से से जुड़ गई थीं। इसके बाद वह अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का हिस्सा बनीं। अरविंद केजरीवाल की AAP में उनकी एंट्री का रास्ता यहीं से खुला। स्वाति के जरिये AAP खुद को महिला अधिकारों के चैंपियन के तौर पर पेश करेगी।