डॉ. नेहा
अमूमन देर रात किसी दावत से लौटकर सीने में जलन की समस्या का सामना करना पड़ता है। दरअसल, ऑयली और मसालेदार खाना एसिड रिफ्लक्स का कारण साबित होता है। पेट में एसिड का स्तर बढ़ने से वो फूड पाइप की ओर बढ़ने लगता और सीने में जलन बढ़ जाती है। ऐसे में बिस्तर पर लेटते ही गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिज़ीज़ का सामना करना पड़ता है। रात में सोते वक्त सीने में जलन कई कारणों से बढ़ने लगती है।
एसिड रिफ्लक्स तब होता है जब पेट का एसिड एसोफेगस में वापिस चला जाता है, जो गले को पेट से जोड़ने वाली नली होती है।
आम तौर पर एसोफेगस के निचले हिस्से में लोअर एसोफेजियल स्फिंक्टर मौजूद होता है। ये पेट की सामग्री को पीछे की ओर लेकर जाने की जगह ऊपर की ओर बढ़ाता है, जिससे जलन और बेचैनी हो सकती है। रात में एसिड रिफ्लक्स के कारण नींद की कमी बढ़ जाती है। जामा नेटवर्क ओपन जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार सीने की जलन से परेशान 68.3 प्रतिशत लोगों ने नींद में कठिनाई होने की सूचना दी है।
इन कारणों से हार्टबर्न का सामना करना पड़ता है :
*1. मसालेदार फूड :*
ऑयली और स्पाइसी फूड एसोफेगस की लाइनिंग को परेशान कर सकता है और पेट में एसिड का उत्पादन बढ़ा देता है। इससे एसिड रिफ्लक्स के लक्षण बढ़ जाते हैं। रात को सोने से पहले मसालेदार भोजन का सेवन हार्टबर्न का कारण साबित होता है।
*2. एसिडिक खाद्य पदार्थों का सेवन :*
खट्टे फल, टमाटर, सिरका और जूस जैसे अम्लीय खाद्य पदार्थ लोअर एसोफेजियल स्फिंक्टर को कमजोर कर सकते हैं। इससे पेट में एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है, जो एसिड रिफ्लक्स को ट्रिगर कर सकते हैं।
*3. पीठ के बल लेटना :*
सोने के लिए पीठ के बल लेटने से पेट में मौजूद एसिड एसोफेगस की ओर बढ़ने लगता है, जो सीने में जलन का कारण बनने लगता है। ऐसे में उल्टी आना और घबराहट का सामना करना पड़ता है। ऐसे में खाने के बाद कुछ देर टहलें और फिर करवट लेकर लेट जाएं।
*4. ओवरइटिंग करना :*
ज्यादा मात्रा में खाने से ब्लोटिंग, पेट दर्द, ऐंठन और सीने में जलन की समस्या बढ़ जाती है। रात में सोने से पहले ओवरइटिंग करने से बचें और खाने के बाद एकदम लेटने से बचें। इससे पेट में बढ़ने वाला एसिड पाचन को प्रभावित करता है।
*5. मोटापे की समस्या :*
मोटापा भी पेट के दबाव को बढ़ाने में कारगर साबित होता है। पेट पर दबाव बढ़ने से एसिड फूड पाइप की ओर बढ़ने लगता है। वेटगेन के चलते कुछ लोगों को नींद के दौरान एसिड रिफ्लक्स की समस्या से दो चार होना पड़ता है।
इन नेचुरल टिप्स से हार्टबर्न की समस्या को हल करें :
*1. दही का सेवन :*
प्रोबायोटिक्स से भरपूर को आहार में शामिल करने से पेट में गुड बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ने लगती है, जिससे डाइजेशन बूस्ट होता है और सीने में जलन से बचा जा सकता है। इससे पेट में बढ़ने वाले एसिड को नियंत्रित किया जा सकता है।
*2. अदरक फायदेमंद :*
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार अदरक में जिंजरोल कंपाउड पाया जाता है। इससे शरीर का एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों की प्राप्ति होती है, जिससे पाचन तंत्र को शांत करने में मदद मिलती हैं और जलन को भी कम किया जा सकता हैं।
*3. ग्रीन टी :*
एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर हर्बल टी एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों को कम करने में मदद करती हैं। ये पूरी तरह से कैफीन मुक्त होती हैं। ऐसे में सोने से पहले इसका सेवन सीमित मात्रा में करने से पाचन संबधी समस्याएं हल होने लगती हैं।
*4. नारियल पानी :*
हाइड्रेटिंग गुणों से भरपूर नारियल पानी का सेवन करने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट का बैलेंस मेंटेन रहता है। इससे रात के समय होने वाली सीने की जलन को दूर किया जा सकता है। इससे पेट में बनने वाले एसिड को रोका जा सकता है।
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