वीरेंदर भाटिया
कौन लोग हैं वे
जो सांता बने बच्चों को पीट रहे हैं
जो प्रेम के खिलाफ खड़े
संस्कृति की दुहाई दे रहे हैं
जो सौहार्द्र बिगाड़ कर
सभ्यता बचाना चाहते हैं
जो हिंसा से अहिंसा स्थापित करने के
दक्षिणपंथी विचार के साथ खडे हैं
कौन लोग हैं वे
उनके आदर्श कौन हैं
उनकी नीयत क्या है
जो अपने बच्चों को विदेश पढ़ाते हैं
वैश्विक बनाते हैं
और देश पर जहालत थोपे रखना चाहते हैं
जो स्वयं संस्कृति का ककहरा नही जानते
और संस्कृति के रक्षक कहलाना चाहते हैं
कौन लोग हैं वे
जो तिरंगे के एक ही रंग को राष्ट्र का रंग मानते हैं
और बागीचे के बाकी फूलों को
तहस-नहस कर देना चाहते हैं
जो हर चीज को
हर बात को
हर रंग को
हर तहजीब को
हर कला को
हर त्योहार को
और उनकी संस्कृतियों
अपने राजनीतिक लाभ के लिए कुचल देना चाहते हैं
कौन लोग हैं वे
जो आपके बच्चों के भीतर
डर बन कर बैठ रहे हैं
जो उनकी समझ को हाइजैक करके
ठीक-गलत को थोप रहे हैं
प्रश्रय दीजिये उन्हें
और अपने बच्चों को
निर्जीव संवेदनहीन खतरनाक हथियार में बदलते
देखते रहिए