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कौन ठगवा भारतिया को लूटल हो—–?

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सुसंस्कृति परिहार

पिछले कुछ दिनों से गुरु चेला की हालत पतली है।इन पर हमले देश से नहीं हो सके तो विदेश से हो रहे हैं।बी बी लंदन के मार्कटली की पत्रकारिता ने देश में झंडे गाड़े हैं उसकी विश्वसनीयता पर कोई शक किसी को नहीं रहा है यह विश्वास आज भी बरकरार है।बी बी सी की एक डाक्यूमेंट्री फिल्म “इंडिया द मोदी क्वश्चन “इन दिनों देश का हर नागरिक देखने बेकरार है पर इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जबकि साहिब जी बी बी सी की कई  दफा खुले आम सराहना कर चुके हैं।

किंतु गूगल की दुनिया से आजकल क्या छिपाया सकता है तो गुरुवर साहिब जी असली कलई इस  फिल्म ने खोल रखी है ।2002 के नरसंहार की कहानी का पूरा सच इसमें है जिसे अब तक ना सिर्फ़ जनता से बल्कि अदालत से भी छुपाया गया।इसी नरसंहार की बदौलत संघ ने साहिब जी को कथित हिंदुत्व और राममंदिर निर्माण की संभावना के रूप में बकौल पी एम उतारा। दूसरी तरफ संघ ने अन्ना हजारे और चंद भक्तों के साथ कांग्रेस राज के भ्रष्टाचार के मनगढ़ंत किस्से गढ़े। लंबे समय से शासन कर रही कांग्रेस सरकार को तब गिराया गया जब विश्व भर विख्यात अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह जी की सरकार थी जिन्होंने दुनिया में आई सबसे बड़ी आर्थिक मंदी से भारत को बचाए रखा।जनता की कांग्रेस शासन की ऊब, हिंदुत्व का ज़ोर और भ्रष्टाचार के कथित आरोप ने भाजपा के सिर पर ताज रख दिया और संघ की इच्छानुसार साहिब जी के साथ में कमान आ गई।

सत्ता परिवर्तन पहली बार नहीं हुआ था लेकिन जब तड़ीपार और नरसंहार का जिम्मेदार सत्तासीन हुआ तो देश में फर्जीवाड़ा की बाढ़ आ गई। संविधान विरोधी विचार धारा को प्रोत्साहन मिला तथा फ़ासिज़्म पूरे वेग से देश में छा गया। अपराधीकरण बढ़ा जिसमें सत्ता से जुड़े लोग बड़ी संख्या में शामिल हैं क्यों ना हों जब हाईकमान ऐसा ही हो।लूट के दरवाजे हम दो ने हमारे दो के लिए इस तरह खोल दिए कि देश के महत्वपूर्ण संस्थानों पर इनका कब्जा करा दिया गया।देश की संपत्ति का बड़ा हिस्सा इस लूट में शामिल है।इतना ही नहीं साहिब जी ने जितनी भी विदेश यात्राओं का रिकार्ड कायम किया वह अपने चेला गौतम अडानी की पूंजी बढ़ाने उनके उद्योगों को बढ़ाने ही हुआ। आजकल तो इन्तहा हो गई वे बिना पी एम विदेशों में जाना शुरू ही हुआ था कि यह रहस्योद्घाटन हो गया। पी एम आप देख ही रहे हैं आजकल विदेश नहीं जाते दुनिया भर में फैले उनके रिश्ते अब खत्म हो चुके हैं। इससे पहले किसी भी पी एम के साथ कोई उद्योगपति शायद ही अपने उद्योगों की खातिर लगातार विदेश गया हो।इसी सिलसिले में पाकिस्तान बिना किसी सूचना के जाना हुआ वह भी अनूठी देश को हतप्रभ करने  वाली यात्रा थी।

आज जहां गुरु साहिब का सच सामने लाने बी बी सी लंदन की  डाक्यूमेंट्री फिल्म आई है वहीं गौतम अडानी और उनके  फर्जीवाड़ा की जो पोल सामने आई है । अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) की रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी ग्रुप (Adani Group) के शेयरों में भारी गिरावट आई  है  ।गौतम अडानी ने एक दिन में 20.8 अरब डॉलर की रकम गवां दी, जो उनकी कुल नेटवर्थ का लगभग पांचवां हिस्सा है। नेटवर्थ में आई इस बड़ी गिरावट के चलते गौतम अडानी अमीरों की लिस्ट में 10वें पायदान से भी खिसक गए हैं।वजह है उसकी रिपोर्ट में शामिल वो 88 सवाल, जो उसने अरबपति कारोबारी गौतम अदानी के नेतृत्व वाले अदानी ग्रुप से पूछे हैं। इसमें कई सवाल बेहद गंभीर हैं और सीधे-सीधे अदानी ग्रुप की कॉर्पोरेट गवर्नेंस पर निशाना साधते हैं।  24 जनवरी को ‘मैडऑफ्स ऑफ मैनहट्टन’ हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को पढ़कर अडानी ग्रुप हैरान और काफी परेशान है।

   हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर मार्केट में हेरफेर और अकाउंट में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर पलटवार करते हुए गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप ने आरोपों को निराधार और भ्रामक बताया है। अडानी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च पर उचित शोध न करने और कॉपी-पेस्ट करने का आरोप लगाया है। यह भी कहा कि उन्होंने या तो उचित शोध नहीं किया या उचित रिसर्च किया लेकिन जनता को गुमराह किया।इसे बड़ी साजिश करार देते हुए भारत पर हमला बताया जा रहा है। जबकि ये घटना देश का सम्मान मिटाने वाली है जिसमें देश का पी एम सहभागी है।

लूट के दरवाजे जिस तरह साहिब जी ने इनके लिए खोले उसकी पोल भले ही मोदी मीडिया ने विदेशों में भारत के डंका रुप में देखा हो किंतु देश के जिम्मेदार लोगों और संसद में इस अप्रतिम अनुराग पर जोरदार आवाजें उठाई गई किन्तु उनको तवज्जो नहीं दी गई।आज जीवन बीमा निगम और भारतीय स्टेट बैंक जैसे लोकप्रिय संस्थान हज़ारों करोड़ों की डूब में आ गए हैं जहां लोग जीवन की सुरक्षा हेतु अपनी मेहनत की कमाई जोड़ कर रखे थे।उनके गुरु की चुप्पी ये साफ बता रही है कि सब कुछ कुशल छै।जबकि लुटा पिटा भारतीय परेशान हैं।इससे पहले भी बैंकों को खोखला कर कितने मोदी आदि भाग चुके हैं।देश की अर्थव्यवस्था इन दिनों मूर्छा में है। बहुत पहले से ही रिजर्व बैंक अधिकारी ताबड़तोड़ भागते  रहे हैं।आज इन सब मामलों की कलई विदेश की धरती से खुलने लगी है यह सरकार के डूब मरने की बात है।

आज ज़रूरत इस बात की है जब भारत को लूटने वालों का पता चल गया है तो परम आवश्यक यह है कि गौतम अडानी और उसके परिवार को हाऊस अरेस्ट कर उसकी तमाम सम्पत्ति को राजसात करें और परेशान लोगों में वितरित करें।एक वक्त था अंग्रेजों पर देश लूटने का आरोप लगता था जब वे कच्चे माल को ले जाकर अपने कारखानों में माल बनाकर भारत में ऊंचे दाम पर बेचते थे।आज तो भारतीयों की मेहनत की कमाई सरे आम लूटी गई साहिब जी के इशारे पर इससे शर्मनाक क्या हो सकता है?

 देश की अर्थव्यवस्था बिल्कुल पंगु हो चुकी है अब इन लोगों की किसी बात पर यकीन कतई ना करें।कौन ठगवा भारतिया को लूटल है पता चल ही चुका है। सावधान हो जाएं।

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