प्रदीप द्विवेदी.
राष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर सियासी चर्चाएं जोरों पर हैं!इस चुनाव में संख्याबल देखें, तो बीजेपी के लिए अच्छी संभावनाएं हैं, लेकिन यूपी ने सियासी हिसाब बिगाड़ दिया है?
यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बार भी मोदी टीम की पसंद का ही राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार होगा या फिर कोई और होगा?
इस बार चर्चा यह भी है कि यदि किसी महिला को उम्मीदवार बनाया जाता है, तो वह कौन हो सकतीं हैं? वैसे तो अटल-आडवाणी युग के ज्यादातर प्रमुख नेता वर्तमान सियासी समीकरण से बाहर कर दिए गए हैं, बावजूद इसके मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे जैसी नेता अभी भी हैं, जो इस पद के लिए योग्यता रखती हैं! हालांकि, मोदी टीम की पसंद के मद्देनजर इन्हें उम्मीदवार बनाया जाना मुश्किल है?
अलबत्ता, महिला उम्मीदवार के तौर पर यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन, केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण आदि के नाम हो सकते हैं!
आनंदीबेन के नाम के साथ एक नैतिक दिक्कत यह है कि वह गुजरात राज्य से हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गुजरात से ही हैं?
सियासी सयानों का मानना है कि यदि किसी महिला को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाता है, तो उनके लिए अन्य दलों से भी समर्थन जुटाना आसान होगा!