केनबरा: ऑस्ट्रेलियाई संघीय चुनाव में लेबर पार्टी ने प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की लिबरल पार्टी को हराते हुए धमाकेदार जीत हासिल की है। इसके बाद लेबर नेता एंथनी अल्बनीज का ऑस्ट्रेलिया का 31वां प्रधानमंत्री चुना जाना तय है। ऑस्ट्रेलिया की सत्ता में लगभग एक दशक बाद लेबर पार्टी की वापसी हुई है। इस चुनाव में लेबर पार्टी ने ऑस्ट्रेलियाई वोटरों से आर्थिक सुधार, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार जैसे कई महत्वपूर्ण वादे किए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि कोरोना काल में हुई गड़बड़ियां, भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप पीएम स्कॉट मॉरिसन के खिलाफ गए हैं। अल्बनीज 2019 से ऑस्ट्रेलियाई लेबर पार्टी के नेता हैं।
लोगों के बीच सक्रिय रहने का मिला फायदा
एंथनी अल्बनीज ऑस्ट्रेलियाई संसदीय इतिहास में सबसे लंबे समय तक सांसद रहने वाले नेताओं में से एक हैं। उन्होंने अपने चुनाव प्रचार के दौरान लगातार आम लोगों की नब्ज को पकड़ा। अल्बनीज ने वोटरों से नवीकरण का वादा किया है। कोरोनाकाल के दौरान भी एंथनी अल्बनीज लोगों के बीच सक्रिय रहे और सरकार के रवैये की आलोचना करते रहे। उन्होंने चुनाव को दौरान भी महामारी के समय सरकार की धीमी प्रतिक्रिया और कथित अलोकप्रियता को खूब भुनाया। उन्होंने घोटालों को लेकर भी मॉरिसन सरकार की आलोचना की।
चुनाव के दौरान एंथनी अल्बनीज ने किन मुद्दों को उठाया
एंथनी अल्बनीज ने चुनाव के दौरान स्कॉट मॉरिसन सरकार पर जमकर हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि मॉरिसन सरकार के दौरान हुए घोटालों ने लोगों को त्रस्त कर दिया था, इसमें 2019-20 में लगी भीषण आग के दौरान प्रधानमंत्री की हवाई द्वीप समूह पर छुट्टियां भी शामिल है। अल्बनीस ने कोरोना वैक्सीन की धीमी खरीद, जीवन यापन की लागत में वृद्धि और वेतन में धीमी बढ़ोत्तरी को लेकर सरकार की खुलेआम आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि स्कॉट मॉरिसन सरकार ने आर्थिक सुधारों को लेकर कुछ नहीं किया है।
मां आयरिश मूल की ऑस्ट्रेलियाई और पिता इटैलियन
एंथनी अल्बनीज का जन्म 2 मार्च 1963 को सिडनी के डार्लिंगहर्स्ट में हुआ था। एंथनी अल्बनीज के पिता का नाम कार्लो अल्बनीज और मां का नाम मैरीने एलेरी है। उनकी मां आयरिश मूल की ऑस्ट्रेलियाई थीं, जबकि उनके पिता इटली के बैरेटा से थे। उनके माता-पिता मार्च 1962 में सिडनी से साउथेम्प्टन में मिले थे। उनके पिता पहले से शादीशुदा थे, लेकिन उन्होंने उनकी मां से यह बात छिपाई थी। बड़े होने पर एंथनी अल्बनीज को बताया गया था कि उनके पिता की एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी, लेकिन वो उस समय वास्तव में जिंदा थे।
पढाई के दौरान ही लेबर पार्टी में हुए शामिल
एंथनी अल्बनीज ने अर्थशास्त्र का अध्ययन करने के लिए सिडनी विश्वविद्यालय जाने से पहले सेंट मैरी कैथेड्रल कॉलेज में पढ़ाई की थी। वह एक छात्र के रूप में लेबर पार्टी में शामिल हुए और सांसद बनने से पहले पार्टी के एक पदाधिकारी और रिसर्च ऑफिसर के रूप में काम किया। अल्बनीज 1996 में न्यू साउथ वेल्स में ग्रेंडलर से चुनाव जीतकर पहली बार ऑस्ट्रेलियाई संसद की प्रतिनिधि सभा के सदस्य बनें। उन्हें पहली बार 2001 में शैडो कैबिनेट में नियुक्त किया गया था, जहां उन्हें कई जिम्मेदारियां सौंपी गई थी। वे 2006 में मैनेजर ऑफ अपोजिशन बिजनेस चुने गए थे।
2007 में चमकी किस्मत, बनें सदन के नेता
2007 के चुनाव में लेबर की जीत के बाद अल्बनीज को सदन का नेता नियुक्त किया गया था। इस दौरान उन्हें क्षेत्रीय विकास, स्थानीय सरकार, बुनियादी ढांचा और परिवहन मंत्री भी बनाया गया था। 2010 से 2013 तक केविन रुड और जूलिया गिलार्ड के बीच अल्बनीज ने दोनों नेताओं की आलोचना की और एकता पर जोर दिया। 26 जून 2013 में अल्बनीज को लेबर पार्टी का उप नेता चुना गया और अगले दिन ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली। 18 सितंबर 2013 के चुनाव में लेबर की हार के बाद उनकी पार्टी विपक्ष की भूमिका में आ गई। इसके बाद 30 मई 2019 को उन्हें लेबर पार्टी का 31वां लीडर बनाया गया और उसी दिन से उन्होंने विपक्ष के नेता का पद भी संभाला।